कोल्ड ड्रिंक की छोटी बोतल में 10 चम्मच चीनी …?
कोल्ड ड्रिंक की छोटी बोतल में 10 चम्मच चीनी:ट्रांसफैट से जाती है 6 लाख जानें, फ्राइज और फिजी ड्रिंक्स है खतरनाक कॉम्बिनेशन
रेस्टोरेंट में कुछ फ्राइड फूड खाते ही प्यास लगती है तो क्या करते हैं? फ्रेंच फ्राइज, आलू टिक्की, चिकन या पनीर टिक्के के साथ सादा पानी पीना टेस्ट खत्म कर देता है; और दिल की डिमांड पर आप कोल्ड ड्रिंक्स की ओर देखने लगते हैं।
वैसे भी आजकल कई पॉपुलर फूड जॉइंट्स बर्गर और फ्राइज के साथ कोल्ड ड्रिंक्स या फिजी ड्रिंक्स कॉम्बो में देते हैं। कई लोगों को डिनर पर और उसके बाद गिलास भर कोल्ड ड्रिंक्स की तलब महसूस होती है।
सर्दी अपनी ढलान पर है; जल्द ही गर्मी दस्तक देगी। फ्राइज से साथ फिजी ड्रिंक्स लेने का मन करेगा। लेकिन उससे पहले इसके नफे-नुकसान से वाकिफ हो लीजिए।
फिज और फ्राइज के इस कॉम्बिनेशन के बारे में आज हमारे पास दो कहानियां हैं।
पहली कहानी
अकबर के बेटे और मुगल बादशाह जहांगीर अपनी बीवी नूरजहां के साथ आगरा में गुलाब के बाग में टहल रहे थे। नूरजहां जहांगीर की सबसे पसंदीदा पत्नी थीं। बाग में टहलते हुए नूरजहां को आइडिया आया कि जो गुलाब सूंघने में इतना बढ़िया है, उसका शर्बत कितना बढ़िया होगा।
नूरजहां खुद फारस (ईरान) की थीं; जहां शर्बत पीने का खूब चलन था। नूरजहां ने बादशाह को अपनी इच्छा बताई। फिर क्या था, बादशाह ने हुक्म दिया और देश भर के नामी हकीम गुलाब के रस का शर्बत बनाने में जुट गए।
16वीं सदी के बाद देश में चंदन से लेकर आम, बेल, इमली, अनानास, खस, कैरी, ब्राह्मी, अंगूर, सौंफ, पुदीना और प्याज के शर्बत लोकप्रिय हो गए।
मुगलिया हकीम फलों और सब्जियों का सिरप तैयार करते और फिर साल भर उसे शर्बत के रूप में पीया जा सकता था। शुरू-शुरू में शर्बत को इलाज का तरीका माना जाता। बीमारी के हिसाब से हकीम मरीजों को शर्बत की खुराक बताते। स्वाद के साथ सेहत में भी मिठास बनी रहती।
दूसरी कहानी
1767 की बात है। जोसेफ प्रिस्टले नाम के एक ब्रिटिश साइंटिस्ट अपनी लैब में काम कर रहे थे। उन्होंने पानी में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को हाई प्रेशर से मिलाया। पानी में आश्चर्यजनक रूप से बुलबुले उठने लगे। प्रिस्टले ने रिसर्च पेपर में लिखा कि इस पानी को चखने के बाद उन्हें खास तरह की संतुष्टि मिली।
इस तरह प्रिस्टले ने दुनिया का पहला सॉफ्ट ड्रिंक पिया। इस ड्रिंक को आज हम कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा वॉटर, फिजी ड्रिंक्स वगैरह के नाम से जानते हैं।
आगे चलकर मिडिल ईस्ट और इंडिया में पॉपुलर शर्बतों की नकल कर अलग-अलग फलों और कोला फ्लेवर में ऐसे कार्बोनेटेड वॉटर लाए गए। इस तरह दुनिया भर में कोल्ड ड्रिंक्स का बोलबाला हुआ।
लेकिन ये ड्रिंक्स शर्बत से काफी अलग थे। जहां शर्बत असली फलों के रस से तैयार किया जाता तो कोल्ड ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए जाते। मिठास के लिए शहद या गुड़ की जगह ज्यादा मात्रा में चीनी मिलाई जाने लगी।
शर्बत पर कोल्ड ड्रिंक्स की जीत, नतीजा उम्मीद से ज्यादा खतरनाक
बहुत पुरानी बात नहीं है, जब घर आए मेहमानों को नींबू की शिकंजी, आम का पन्ना या बेल का शर्बत पिलाया जाता थे। लेकिन अब इसकी जगह अलग-अलग फ्लेवर्स के कोल्ड ड्रिंक्स ने ले ली है। लेकिन ये कोल्ड ड्रिंक्स आम लोगों की सेहत की दुश्मन बन रही है।
वेड मेरेडिथ की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 350 ml की छोटी कोल्ड ड्रिंक्स कैन में भी 10 से 12 चम्मच चीनी घुली होती है। दूसरी ओर, WHO की एक रिपोर्ट कहती है कि दिन में 5-6 चम्मच से ज्यादा चीनी खाना खतरनाक है।
यानी कोल्ड ड्रिंक्स की एक छोटी बोतल पीने के बाद आप अपने दो से तीन दिनों की चीनी का कोटा पूरा कर लेते हैं।
न्यू हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) की एक रिपोर्ट (2015) के मुताबिक हर साल लगभग 2 लाख मौतों के लिए ऐसी ड्रिंक्स सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
इस ग्राफिक को देखने के बाद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि भला छोटी-सी बोतल में 10 से 12 चम्मच चीनी क्यों मिलाई जाती है और इसका स्वाद क्यों नहीं पता चलता। जबकि हम नॉर्मल पानी में 10-12 चम्मच चीनी मिला दें तो वह पीने लायक नहीं रहा जाता।
दरअसल, सभी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स यानी कोल्ड ड्रिंक्स में फास्फोरिक एसिड मिला होता है। जिसके चलते चीनी की मिठास का पता नहीं चलता है। यही वजह है कि कोल्ड ड्रिंक्स थोड़ी मीठी करने के लिए उसमें बहुत ज्यादा चीनी मिलानी पड़ती है।
आंत, किडनी, लिवर और लंग्स को सीधे नुकसान पहुंचाती हैं सॉफ़्ट ड्रिंक्स
बुलबुले वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स, जिसमें कार्बन डाई ऑक्साइड(CO2) मिली होती है; वह आंत, किडनी, लिवर और लंग्स को सीधे डैमेज करती है।
फैटी लिवर यानी लिवर में सूजन। मेडिकल लैंग्वेज में इसे ‘हेपेटिक स्टीएटोसिस’ कहते हैं। ये आम तौर पर शराब या बीयर जैसे अल्कोहलिक ड्रिंक्स के चलते होता है। लेकिन कोल्ड ड्रिंक पीने से भी इसका खतरा होता है। कोल्ड ड्रिंक में मौजूद एक्ट्रा शुगर लिवर की फंक्शनिंग को बिगाड़ देती है। जिसके चलते उसमें सूजन आ जाती है।
ये तो बात हुई फिज यानी सॉफ़्ट ड्रिंक्स की। लेकिन सॉफ़्ट ड्रिंक हमें उन खास मौकों पर याद आती हैं, जब हमारे सामने फ्राइड चीजें हों। ये फ्राइज अपने आप में सेहत के लिए खतरनाक है। लेकिन फिज के साथ इसका कॉम्बिनेशन इसे और ज्यादा खतरनाक कर देता है।
मछली की याद में फ्रांसीसी लोगों ने बनाई फ्रेंच फाइज
फ्राइज का नाम सुनते ही लंबे और पतले कटे आलू से बने फ्रेंच फाइज की याद आने लगती है। कहते हैं कि फ्रांस के लोग मछलियों को फ्राई करके खाना पसंद करते थे। लेकिन ठंड के मौसम में वहां की नदियां जम जाती थीं; तब फ्रांसीसी आलू को उसी आकर में फ्राई कर अपना मन बहलाते।
जिस फ्रेंच फ्राइज को फ्रांसीसी क्रांति के सैनिकों को सस्ते और आसानी से उपलब्ध खाने के बतौर दिया जाता था, वो आज रेस्टोरेंट और पार्टी की शान बन गया है।
फ्रेंच फ्राइज खाने वाले फ्रेंच सैनिक दिन भर कड़ी मेहनत करते थे। जिससे वो इसे आसानी से पचा भी लेते। लेकिन दिन भर ऑफिस की कुर्सी पर बैठने के बाद शाम को फ्राइज खाना किसी के लिए भी खतरनाक हो जाता है।
500 करोड़ लोग खतरनाक ट्रांस फैट की जद मेंः WHO
दुनिया की आबादी अभी कुछ महीने पहले ही 800 करोड़ हुई है। इनमें से 500 करोड़ से ज्यादा लोग ट्रांस फैट की जद में हैं।
ऊपर आपने जाना कि किस तरह सादे पानी में कार्बन डाइऑक्साइड मिलाकर कोल्डड्रिंक बनाई जाती है। इसी तरह तेल में हाइड्रोजन मिलाने से ट्रांस फैट बनता है। ट्रांस फैट वाले तेल में खाना पकाने से खाने की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
यह वजह है कि लगभग सभी होटलों, रेस्टोरेंट और फास्ट फूड के स्टॉल पर ऐसा ही तेल इस्तेमाल किया जाता है। ये तेल धुआं बनकर उड़ने की जगह कढ़ाई में बना रहता है।
दूसरी ओर बार-बार गर्म करने के चलते तेल में ट्रांस फैट बढ़ता जाता है। ट्रांस फैट को डॉक्टर्स धीमा जहर भी कहते हैं। यह कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि WHO ने 2023 तक खाने से फैटी एसिड को पूरी तरह बाहर करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन हकीकत में यह लक्ष्य अभी काफी दूर है।
ट्रांस फैट से हर साल 6 लाख मौत, 60 हजार भारत में
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में ट्रांस फैट के चलते हर साल 6 लाख मौतें होती हैं। इनमें से 60 हजार लोग भारत से होते हैं। ट्रांस फैट के बारे में WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा था कि ‘ये जहरीला केमिकल है, खाने में इसकी जगह बिल्कुल भी नहीं होगी चाहिए।’
लिवर पर जमती चली जाती है मैदे की परत
जंक फूड में तेल-घी और मैदा की अधिकता होती। यह सब मिलकर लिवर को धीरे-धीरे निष्क्रिय कर देते हैं। जिसके चलते लिवर पर चर्बी की परत जमती चली जाती है और एक समय बाद यह काम करने लायक भी नहीं रह जाता।
रांची के बर्लिन अस्पताल में कार्डियो और डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. रविकांत चतुर्वेदी फैटी लिवर के कारण को समझाते हुए कहते हैं- ‘लिवर का काम हमारे खाए गए खाने को तोड़ना और उन्हें जरूरी पोषक तत्वों में बदलना है। जब हम हरी साग-सब्जियां और चोकर वाला आटा खाते हैं तो लिवर को उन्हें तोड़ने लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन मैदा से बने जंक और प्रॉसेस्ड फूड को तोड़ने के लिए लिवर को कुछ नहीं करना पड़ता। जिसके चलते धीरे-धीरे वह काम करना बंद कर देता है। यह आगे चलकर लिवर कैंसर यानी सिरोसिस का भी रूप ले सकता है।’
भारत में बढ़ रहा है फ्राइज और फिज का क्रेज, गोवा-नार्थ ईस्ट सबसे आगे
जंक फूड और फिजी ड्रिंक्स के तमाम खतरों को नजरअंदाज करे हुए इंडियंस में दिनोंदिन फ्राइज और फिज का क्रेज बढ़ता जा रहा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक मिज़ोरम की 80% महिलाएं रोज फ्राइड फूड खाती हैं। वहीं गोवा के 22% पुरुष रोज कार्बोनेटेड ड्रिक्स पीते हैं।
दूसरी ओर, फिज और फ्राइज का यह कॉम्बिनेशन सेहत के लिए डेडली हो जाता है। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में मौजूद अत्यधिक चीनी और जंक फूड में मौजूद ट्रांस फैट बड़ी आबादी को डायबीटिक और फैटी लिवर का मरीज बना रही है।
कोल्ड ड्रिंक का हेरोइन ड्रग्स जैसा असर, लग जाती है लत
यूरोप और अमेरिका में हुए हालिया रिसर्चों में यह बात सामने आई है कि दिमाग पर कोल्डड्रिंक्स का असर भी हेरोइन ड्रग्स जैसा ही होता है। कोल्ड ड्रिंक्स पीने के 40 मिनट के भीतर दिमाग डोपामाइन रिलीज करता है, आखों की पुतलियां फैल जाती हैं और पीने वाले को अच्छा फील होता है। हेरोइन भी बिल्कुल इसी तरह काम करती है।
बच्ची की बात मानकर अमिताभ ने कोल्ड ड्रिंक से की तौबा
इंडियन सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन भी पहले कोल्डड्रिंक्स का ऐसे करते थे। लेकिन एक बार इंटरैक्शन के दौरान स्कूल की एक बच्ची ने उनसे पूछा कि ‘मेरी मैम जिस कोल्डड्रिंक्स को जहर कहती हैं, आप उसका ऐड क्यों करते हैं’ अमिताभ बच्चन को यह बात चुभ गई और उन्होंने फिर कभी कोल्डड्रिंक्स का ऐड नहीं किया। उन्होंने एक बड़ी कंपनी के साथ अपने करोड़ों रुपए के करार को भी तोड़ लिया।
फ्राइज से बढ़ते लिवर फैट और फिज से बिगड़ती सेहत की फिजा के बारे में आप जान चुके हैं। वैलेंटाइन वीक चल रहा है; आगे होली की भी छुट्टियां होंगी। ऐसे में खाना-खिलाना जमकर होगा, जिसमें फिज और फ्राइज का बोलबाला रहेगा।
लेकिन इस दौरान अपनी सेहत का खयाल रखना न भूलें। कोल्डड्रिंक का एक ग्लास लेने के बाद 10 चम्मच चीनी को पचाने के लिए उतनी ही वर्जिश भी करें। साथ ही जंक फूड के एक निवाले के साथ उसी हिसाब से पसीना भी बहाएं। ताकि स्वाद के साथ सेहत भी बनी रहे।