नगर निगम ग्वालियर:72 गांव 9 साल पहले नगरीय सीमा का हिस्सा बने, 61 करोड़ रुपए के विकास कार्य निगम ने कराए, लेकिन संपत्तिकर नहीं लिया

नगरीय क्षेत्र के 72 गांव, जहां पर नौ साल में 41 करोड़ रुपए से अधिक की राशि विकास कार्यों में खर्च कर दी गई …

नगरीय क्षेत्र के 72 गांव, जहां पर नौ साल में 41 करोड़ रुपए से अधिक की राशि विकास कार्यों में खर्च कर दी गई। अब विकास यात्रा में 23 करोड़ रुपए की राशि और खर्च की जा रही है। कुल मिलाकर अभी तक 61 करोड़ रुपए विकास के नाम पर खर्च किए गए। लेकिन इन गांव में 40 हजार संपत्तियों में रहने वाले लोेंगों से नगर निगम ने संपत्तिकर नहीं लिया।

निगम के जानकारों का कहना है कि यदि इनसे संपत्तिकर साल 2014 से लिया जाता, तो नौ साल में 18 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि निगम के खाते में आती और विकास कार्य ज्यादा से ज्यादा हो सकते थे। साथ ही गार्बेज शुल्क भी मिलता। प्रदेश शासन ने 31 दिसंबर 2014 को राजपत्र में 72 गांव जिला पंचायत के दायरे से निकालकर नगर निगम को सौंप दिए थे।

निगम ने इन गावों में कुल 6 वार्ड 61, 62, 63, 64, 65 और 66 बनाए। इस तरह निगम के 66 वार्ड हो गए। अभी निगम के संपत्तिकर के रिकार्ड में 60 वार्डों में 3.15 संपत्तियां दर्ज है। इनसे ही संपत्तिकर वसूलने की कार्रवाई चलती रहती है। निगम कमिश्नर किशोर कन्याल ने कहा कि यह बात सही है कि 72 गांवों में बने मकानों से संपत्तिकर नहीं आ रहा है। मेरे संज्ञान में 25-30 हजार संपत्तियां है। मुख्यालय भोपाल में इसको लेकर चर्चा हुई थी। मैं भी इस संबंध में मुख्यालय से मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। इसके लिए टीसी को भेजकर जानकारी भी ली जाएगी।

कितनी राशि से कब-कब हुए विकास कार्य

{साल 2015 से 2018 तक के लिए छह ग्रामीण वार्डों को हर साल एक-एक करोड़ से विकास कार्यों के लिए दी गई थी। कुल 24 करोड़ रुपए की राशि के विकास कार्य किए गए। {साल 2018 से 2022 तक वार्ड क्र. 61 स 66 तक 101 विकास कार्यों पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च हुई। { साल 2023 में विकास यात्रा के माध्यम से 72 कार्यों पर 23.32 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। {विकास कार्यों में डामर और सीसी रोड का निर्माण। नालियों और नाले का निर्माण। जल योजना में बोरिंग आदि कार्य किए गए।

संपत्तिकर की वसूली

निगम ने का टारेगट- ‌242 करोड़ रुपए साल 2022-23- अभी तक 64 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई। 8.54 करोड़ गार्बेज शुल्क। साल 2021-22- पिछले साल 81 करोड़ रुपए संपत्तिकर आया था। इसमें सात करोड़ रुपए गार्बेज शुल्क था।

किस वार्ड में कितने गांव

  • वार्ड नंबर 61 (सिरोल वार्ड)- वार्ड में कुल 12 गांव शामिल हैं। इनमें खेरिया मोदी, गणेशपुरा, बनारपुरा, खुरैरी, सिरोल, जारगा, नैनगिर, हवीपुरा, रमौआ, मोहनपुर, कोटावोरान एवं बड़ागांव।
  • वार्ड नंबर 62 (भदरोली वार्ड)- यहां पर कुल 19 गांव शामिल हैं। इनमें जरैना, भटपुरा ब्राह्मण, खेरिया पदमपुर, खेरिया मिर्धा, चंदूपुरा, सूरो, बेहटा, मैथाना, जहांगीरपुर, गिरगांव, शेखपुरा, लोहारपुरा, जोनापुर, सहानपुर, भौंडेरी, रसूलपुरा, विक्रमपुर, सेंथरी, भदरौली।
  • वार्ड नंबर 63( जमाहर वार्ड)- इस वार्ड में 17 राजस्व के गांव हैं। इनमें अकबरपुर खालसा, मऊ, मदनपुरा, जुगूरूपुरा, जमाहर, कुअरपुर, डोडियापुरा, चक बगरूपुरा, जक जमाहर, जलालपुर, मालनपुर, कल्याणपुर, रूद्रपुरा, गंगापुर, बरौआ नूराबाद, रायरू, चकरायपुर।
  • वार्ड नंबर 64 (पुरानी छावनी)- निगम के पास 05 वार्ड है। इनमें पुरानी छावनी, टेहलरी, खरियाभान, शंकरपुर, थर।
  • वार्ड नंबर 65 (गिरवाई)- यहां पर 5 वार्ड शामिल हुए थे। इनमें चक गिरवाई, गिरवाई, वीरपुर, अजयपुर, चक अजयपुर राजस्व गांव शामिल है।
  • वार्ड नंबर 66 (नौगांव)- 18 गांव में बेला, खेरिया मृत्यु, छोड़ा, नौगांव, सालूपुरा, पिपरौली, नौनेरा, चंदोहाखुर्द, तुरारी, नागौर, बड़ौरी, बरौआ पिछोर, तिलैया जागी, पुरासानी, लखनोती कला, लखनोती खुर्द, सिकरोदा बड़ोरी, लोडरा।

एक्सपर्ट व्यू – पूर्व आयुक्त ननि …

“छह नए वार्ड नगर निगम का ही हिस्सा हैं। नई कालोनी बन रही हैं। उनसे टैक्स ले रहे हैं। लेकिन निगम को गांवों की संपतियों से भी संपत्तिकर वसूलना चाहिए। वहां से पंचायत सचिव निगम में आए है। उनको पहले ट्रेनिंग भी दी गई थी। इसके लिए घर-घर जाकर अभियान चलाना पड़ेगा। उनकी मुख्य-मुख्य संपत्ति को लेकर कर ले सकते हैं। क्योंकि पार्षद चुनकर आते हैं। वे निगम निधि से भी काम कराते है।”

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