Article 370 हटने के 28 दिन बाद कैसे हैं कश्मीर में हालात

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के 28 दिन बाद रविवार को भी घाटी में माहौल फिलहाल सामान्य नहीं हो सके है। राज्य की ग्रीष्कालीन राजधानी श्रीनगर का मशहूर रविवार बाजार लगातार चौथे सप्ताह भी बंद रहा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, “ कश्मीर घाटी तथा श्रीनगर में रविवार को किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और शनिवार रात को घाटी में हालात शांतिपूर्ण रहे।” घाटी में सभी दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और शहर एवं बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा। कईं जगहों पर हालांकि दो पहिया वाहन सामान्य रूप से चलते हुए दिखाई दिए। सिविल लाइन क्षेत्र में कुछ विक्रेता फल एवं सब्जी बेचते नज़र आये है। ऐसे ही हालात शहर के नए इलाके में है।

शहर ए खास में पांच अगस्त से लगातार चौथे सप्ताह सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा अन्य गतिविधियां बंद रही। यहां प्रशासन ने चार से अधिक लोगों के एक साथ एकत्र होने से रोकने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है।

इसके अलावा अन्य मुख्य शहर और उत्तर, दक्षिण और मध्य कश्मीर जिलों में तहसील मुख्यालय पूरी से ठप रहे तथा क्षेत्र के कुछ हिस्सों से पथरबाजी की मामूली घटनाएं भी दर्ज की गयी है। इससे पहले शुक्रवार को कई जगहों पर कफ्यूर् भी लगाया गया था।

‘कश्मीर में अब सिर्फ 200 आतंकी एक्टिव, पाकिस्तान से अच्छे की उम्मीद करना बड़ी गलती’
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति तेजी से सामान्य होती जा रही है और घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या हजारों से घटकर महज 150-200 रह गयी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को या तो जेल जाना होगा या दुष्परिणाम झेलने के लिए तैयार रहना होगा। खान ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ” पाकिस्तान 1947 से ही कश्मीर को लेकर चेष्टा कर रहा है। उससे अच्छे की उम्मीद करना सबसे बड़ी गलती होगी और राज्य के हर नागरिक को सतर्क रहने की जरुरत है।”

पिछले तीन दशक में आतंकवादियों से निपटने में सुरक्षाबलों को मदद पहुंचाने में लोगों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ”वे हमारे आंख-कान हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि कहां क्या हो रहा है।” सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने कहा, ” वे पूर्व की भांति अपना सहयोग और समर्थन जारी रखेंगे जिससे राज्य में आतंकवाद से सफलतापूर्वक निपटा गया। लोगों के सहयोग और समर्थन के बिना आतंकवाद से निपटना आसान नहीं है क्योंकि इसी सहयोग के कारण आतंकवादियों की संख्या पहले के हजारों से घटकर 150-200 रह गयी है।

पुलिस महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत होने के बाद भाजपा में शामिल हुए खान ने कहा कि घाटी में स्थिति तेजी से सामान्य होती जा रही है। उन्होंने कहा, ”कोई संदेह नहीं है कि घाटी में कुछ समय तक लोगों को संचार संबंधी कुछ दिक्कतें आयीं लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। अबतक 75 फीसदी लैंडलाइन बहाल कर दी गयी हैं और कुछ जिलों में मोबाइल फोन काम करने लगे हैं। आने वाले दिनों में और पाबंदियां हटायी जाएंगी।”

 

खान ने कहा कि घाटी में स्कूल खुल गये हैं। वैसे छात्रों की उपस्थिति कम थी लेकिन यह धीरे-धीरे बढ़ने लगी है क्योंकि ”हम शीघ्र ही कक्षा नौवीं से लेकर 12 वीं तक राज्य स्कूली शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”मैं जम्मू कश्मीर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में 31 अक्टूबर से प्रभाव में आने जा रही नयी व्यवस्था को लेकर चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है। आप हर क्षेत्र, चाहे पर्यटन से जुड़ी हो या अन्य क्षेत्र, हर बीतते दिन के साथ बड़े पैमान पर विकास देखेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *