पिछले दस साल में सिर्फ तीन मंत्रियों ने विधानसभा को दिया संपत्ति का ब्योरा …!
संपत्ति का ब्योरा:2019 में सर्वसम्मति से पारित हुआ था संपत्ति बताने का संकल्प, पिछले दस साल में सिर्फ तीन मंत्रियों ने विधानसभा को दिया संपत्ति का ब्योरा
सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के पहले यह जानकारी सामने आई है कि 2013 के बाद से पिछले 10 सालों में मप्र के 3 मंत्रियों ने ही अपनी संपत्ति सार्वजनिक की है जबकि इस दौरान विधानसभा में लगातार संकल्प पारित होते रहे कि सभी मंत्री-विधायक अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करेंगे।
विधानसभा की जानकारी के मुताबिक साल 2019 तक वर्ष 2013 से 2018 के कार्यकाल में मंत्री रहे जयंत मलैया और गौरीशंकर बिसेन को छोड़कर दूसरे किसी भी मंत्री ने विधानसभा को संपत्ति की जानकारी नहीं दी। जबकि खुद मंत्रियों ने ही तय किया था कि वे बजट सत्र में स्वेच्छा से अपनी संपत्ति बताएंगे। विधानसभा में संपत्ति का ब्योरा रखने की परंपरा 1990 से प्रारंभ हुई। तब से 2010 तक मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री भी अपनी संपत्ति बताते थे। लेकिन 2011 व 2012 में मुख्यमंत्री के साथ 16 मंत्रियों और 2013 में सीएम के साथ 17 मंत्रियों ने संपत्ति की जानकारी दी।
गोविंद सिंह ने तीनों साल साझा किया ब्योरा
2019 में विधानसभा में एक बार फिर पारित किए गए संकल्प के बाद 3 साल में सिर्फ एक मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 2019-20 में संपत्ति सार्वजनिक की। इस दौरान कुल 29 मंत्रियों ने संपत्ति का कोई ब्योरा विधानसभा सचिवालय से साझा नहीं किया। 2019 के बाद से 15 विधायकों ने ही 1 या अधिक वर्षों में अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह अकेले विधायक हैं जिन्होंने तीनों ही सालों में संपत्ति का ब्योरा दिया है। एनपी प्रजापति जो दिसंबर 2019 में ये संकल्प पारित होते समय विधानसभा अध्यक्ष थे, ने तीन सालों में एक भी बार संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 2020-21 में एक बार संपत्ति का ब्योरा दिया। डॉ. सिंह ने ही संसदीय कार्य मंत्री के रूप में दिसंबर 2019 में सदन में संपत्ति के विवरण के सम्बन्ध में संकल्प पेश किया था।
2019 से इन 15 विधायकों ने दिया ब्योरा
मुख्यमंत्री, डॉ. गोविंद सिंह और डॉ. प्रभुराम चौधरी के अलावा पूर्व मंत्री रामपाल सिंह (2020-2021), शैलेंद्र जैन (2019-2020), अजय टंडन (2019-20), नागेंद्र सिंह (2019-20), आरिफ मसूद (2019-20) और (2021-22), संजय यादव (2019-20) और (2021-22), टामलाल रघुजी सहारे (2020-21), लीना संजय जैन (2019-20), ग्यारसी लाल रावत (2019-20), चैतन्य कश्यप (2019-20) आदि।
विधायकों द्वारा संपत्ति सार्वजनिक करना स्वैच्छिक है, इसकी बाध्यता नहीं है। 2019 के संकल्प के परिपालन में विधानसभा सचिवालय पत्र जारी करके विधायकों को इस विषय में स्मरण कराता रहता है। विधायकों का तर्क है कि चुनावों में वैसे ही संपत्ति सार्वजनिक करनी होती है।
-एपी सिंह, प्रमुख सचिव, विधान सभा