नोएडा – बिल्डरों पर 9000 करोड़ बकाया है …!

पहले दिए ऑप्शन, अब प्राधिकरण लेगा एक्शन …! अनसोल्ड इनवेंट्री-ऑफिस और खाली जमीन को सील कर वसूलेगा 9 हजार करोड़

ब्याज दर को लेकर दायर बिल्डर संगठनों की पुनर्विचार अपील खारिज होने के बाद अब प्राधिकरण एक्शन मोड में आ गया है। बकाया नहीं देने वाले बिल्डरों की अनसोल्ड इनवेंट्री, आफिस और प्रोजेक्ट की खाली जमीन को सील किया जाएगा। अंत में आरसी के जरिए वसूली की जाएगी।

बिल्डरों पर 9000 करोड़ बकाया है। इसमें से महज 350 करोड़ की रिकवरी हो सकी है। एसीईओ प्रभास ने बताया कि बिल्डरों की मांग थी कि उन्हें एमसीएलआर के तहत 8 प्लस 1 प्रतिशत ब्याज से बकाया लेने की मांग थी। सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद प्राधिकरण 18 प्रतिशत की दर से उनसे बकाया वसूल करेगा।

उन्होंने बताया कि नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद 56 बिल्डरों को पैसा जमा करने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया गया था। इसके बाद दोबारा 15 दिन का रिमांडर जारी किया गया। इस बीच प्राधिकरण ने बायर्स के हितों की रक्षा करते हुए बिल्डरों के लिए रि-शिड्यूलमेंट स्कीम निकाली गई। इसके अलावा वन टाइम लीज रेंट और फ्लैट वाइस रजिस्ट्री के ऑप्शन भी दिए गए। इन सभी स्कीम के तहत 30 बिल्डरों ने आवेदन किए।

नवंबर मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बैठक कर बायर्स हितों के लिए बिल्डर के लिए निकाली गई रि-शिड्यूलमेंट स्कीम
नवंबर मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बैठक कर बायर्स हितों के लिए बिल्डर के लिए निकाली गई रि-शिड्यूलमेंट स्कीम

180 फ्लैट का पैसा जमा 100 की हुई रजिस्ट्री
19 बिल्डरो ने प्राधिकरण में फ्लैट वाइस रजिस्ट्री के लिए आवेदन किए। इसमें से छह बिल्डरों ने पेमेंट किया। 180 फ्लैटों की रजिस्ट्री का पैसा जमा हुआ। इसमें 100 की रजिस्ट्री हो चुकी है। बाकी की रजिस्ट्री कुछ दिनों में हो जाएगी। जिन बिल्डरों ने पैसा जमा किया उनमें निंबस ने 7 करोड़, गुलशन ने 2.94 करोड़ और गुलशन सेकेंड प्रोजेक्ट के लिए 1.57 करोड़ जमा किए। रि-शिड्यूलमेंट स्कीम के तहत दो बिल्डरों ने पैसा जमा किए।

खरीदारों का प्रदर्शन जारी
खरीदारों ने अटकी रजिस्ट्री को लेकर बिल्डर, प्राधिकरण अफसर, जनप्रतिनिधि, मंत्री और मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। रजिस्ट्री के लिए फ्लैट खरीदारों की ओर से पिछले लंबे समय से लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय। इसी की साइट पर मिलेगी डिफाल्टर बिल्डरों की जानकारी।
नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय। इसी की साइट पर मिलेगी डिफाल्टर बिल्डरों की जानकारी।

प्राधिकरण की वेबसाइट पर देखे आपका बिल्डर डिफॉल्टर है नहीं
बिल्डर ने प्राधिकरण से जमीन कब खरीदी, क्या उसका ले आउट प्लान है, कितना प्राधिकरण पर ड्यू है, कितने फ्लैट बन चुके है, कितने फ्लैट बनने है, कितनी की रजिस्ट्री हो चुकी है और कितने की रजिस्ट्री बची हुई है। इसका पूरा विवरण फाइलन अप्रूवल के बाद नोएडा प्राधिकरण की ऑनलाइन साइट के पब्लिक डोमेन में अपलोड किया जाएगा।

नौ हजार में आया 350 करोड़
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि 56 बिल्डरों पर 9 हजार करोड़ रुपए बकाया है। वैसे कुल बकाया 12 हजार करोड़ रुपए का है। इसमें 3 हजार करोड़ रुपए एनसीएलटी में चल रहे मामलों के है। बता दे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निष्प्रभावी करते हुए नोएडा प्राधिकरण की ब्याज दर के हिसाब से बिल्डरों को बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया था। नोएडा में 116 परियोजनाओं पर बकाया चल रहा है।

आए दिन नोएडा में बिल्डर और प्राधिकरण के विरोध मे बायर्स का प्रदर्शन होता रहता है।
आए दिन नोएडा में बिल्डर और प्राधिकरण के विरोध मे बायर्स का प्रदर्शन होता रहता है।

8 हजार बायर्स की रजिस्ट्री फंसी
पैसा जमा नहीं करने पर नोएडा में आठ हजार बायर्स की रजिस्ट्री फंस सकती है। इसमें आम्रपाली, यूनीटेक और जेपी के अलावा एनसीएलटी के मामले शामिल नहीं है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि संपत्ति जब्त करने से पहले ही बिल्डर प्राधिकरण को पैसा जमा करवा देगा।

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