भोपाल। मध्य प्रदेश में सात साल में 190 बाघ और 251 तेंदुओं की मौत हुई है। विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में वनमंत्री विजय शाह ने विधानसभा में यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए जहां संरक्षित क्षेत्र बढ़ाए गए हैं, वहीं नियमित गश्त, बिजली लाइनों का निरीक्षण और सूचना तंत्र विकसित किया गया है।

इंदौर चिड़ियाघर से ग्रीन जुलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर जामनगर गुजरात बाघ भेजने के बदले मिलने वाले प्राणियों के सवाल पर उन्होंने बताया कि इनके बदले विदेशी पक्षी, स्तनपायी और सर्प लिए जा रहे हैं।

मंत्री बताते हैं कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति से विभाग ने एक बाघ दिया है इसके बदले रिहेबिलिटेशन सेंटर ने चार रेस्क्यू वाहन, प्रयोगशाला के लिए उपकरण उपलब्ध कराए हैं।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 से 2018 तक 120 बाघ और 209 तेंदुओं, वर्ष 2020 से 2022 तक 70 बाघ और 42 तेंदुओं की मौत करंट लगने, फंदे में फंसने आपसी लड़ाई और प्राकृतिक रूप से हुई है। शाह ने बताया कि वन्यप्राणियों की मौत के कुछ मामले में आरोपित पकड़े गए हैं।