भोपाल  पद रिक्त होने पर भी प्रदेश में उप पुलिस अधीक्षकों (डीएसपी) की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह यह कि डीपीसी वर्ष में एक बार करने का नियम है।

उधर, कई अधिकारी तो पदोन्नति की प्रतीक्षा में सेवानिवृत हो चुके हैं। एएसपी स्तर के अभी 40 पद रिक्त हैं । चार मई 2022 को हुई विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में 2012 बैच के 17 उप पुलिस अधीक्षकों को पदोन्नत किया गया था। अब 2013 बैच के उप पुलिस अधीक्षक भी पदोन्नति की मांग कर रहे हैं।

पदोन्नति का इंतजार करने वाले पांच से 10 डीएसपी प्रतिवर्ष सेवानिवृत हो रहे हैं। इनमें सीधी भर्ती के अलावा निरीक्षण से पदोन्नत हुए डीएसपी भी शामिल हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि 2022 में जिन पुलिस अधीक्षकों को पदोन्नति किया गया था, उनमें 11 सीधी भर्ती और छह पदोन्नति वाले थे।
अभी भी 40 पद रिक्त हैं। पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के अधिकारी समन्वय बनाकर 2013 बैच के बाद के डीएसपी के लिए भी डीपीसी कर सकते थे। इसकी वजह यह कि इसमें ज्यादा वित्तीय भार शासन पर नहीं आ रहा था।
बता दें कि डीएसपी से एएसपी के पद पर उन अधिकारियों को पदोन्नत किया जाता है जिनका सेवा रिकार्ड अच्छा होता है। इसके अलावा डीएसपी के रूप में आठ वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो। 2013 बैच के डीएसपी भी इन शर्तों पर खरे थे। ऐसे में उन्हें भी पदोन्नत किया जा सकता था। एक जनवरी 2022 की स्थिति में इस बैच के अधिकारियों की डीपीसी होनी थी, जिसमें एक वर्ष से ज्यादा का विलंब हो चुका है।
इनका कहना है
एक वर्ष में एक बार ही डीपीसी की जाती है। पदों की जानकारी लेकर बाकी डीएसपी की पदोन्नति के लिए भी जल्दी डीपीसी करेंगे।
– राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव, गृह।