चिटफंड कंपनी में डूबी धनराशि लौटाने का आदेश फाइलों में बंद
चिटफंड कंपनी में डूबी धनराशि लौटाने का आदेश फाइलों में बंद
ग्वालियर. चिटफंड कंपनी में खाताधारकों की फंसी धनराशि को लौटाने का सक्षम न्यायालय से आदेश पारित होने के बाद भी निवेशकों के रुपए दिलाने की कार्रवाई नहीं कराई गई है। दरअसल नवम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम न्यायालय समीर कुलश्रेष्ठ ने ऑल इन्वेस्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर की गई सुनवाई में एक नवंबर 2022 को आदेश पारित किया। उक्त आदेश पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। दरअसल ग्वालियर सक्षम ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम से ग्वालियर निवासी आनंद शर्मा ने बतौर डायरेक्टर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ व राजस्थान के भरतपुर में चिटफंड की शाखाएं संचालित की थीं। वर्ष 2016 में चिटफंड कंपनी बंद हो गई। ऐसे में दोनों ही प्रदेश के निवेशकों की 10 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि डूब गई। रुपए वापस लेने के उद्देश्य से निवेशकों ने ऑल इन्वेस्टर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के माध्यम से न्यायालय सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में कंपनी डायरेक्टर आनंद शर्मा के खिलाफ याचिका दायर की थी।
वर्ष 2019 में ही दे दिया था न्यायालय ने निवेशकों की धनराशि लौटाने का फैसला
14 अगस्त 2019 में न्यायालय सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल ने कंपनी की संपत्ति बेचकर खाताधारकों का पैसा लौटाने का आदेश पारित कर दिया था।
14 अगस्त 2019 में न्यायालय सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल ने कंपनी की संपत्ति बेचकर खाताधारकों का पैसा लौटाने का आदेश पारित कर दिया था।
नवंबर-22 में नवम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दिए
01 नवंबर 2022 को नवम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम न्यायालय समीर कुलश्रेष्ठ ने सीधे तौर पर खाताधारकों को धनराशि वितरित किए जाने का आदेश दिया। आदेश में संपत्ति बेचने के बाद भी राशि पूरी नहीं होने की स्थिति में वित्तीय संस्था से अतिरिक्त राशि की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी संचालक की अन्य चल व अचल संपत्ति आदि की अतिरिक्त कुर्की की कार्रवाई किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। न्यायालय ने उक्त आदेश की सत्यापित प्रति शीघ्र क्रियान्वयन के लिए लोक अभियोजक व अपर अभियोजक के माध्यम से उसी दिन कलेक्टर कार्यालय के लिए प्रेषित करवा दी थी। लेकिन कलेक्टर की ओर से अभी तक आदेश का पालन नहीं कराया गया है।
01 नवंबर 2022 को नवम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम न्यायालय समीर कुलश्रेष्ठ ने सीधे तौर पर खाताधारकों को धनराशि वितरित किए जाने का आदेश दिया। आदेश में संपत्ति बेचने के बाद भी राशि पूरी नहीं होने की स्थिति में वित्तीय संस्था से अतिरिक्त राशि की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी संचालक की अन्य चल व अचल संपत्ति आदि की अतिरिक्त कुर्की की कार्रवाई किए जाने का उल्लेख भी किया गया है। न्यायालय ने उक्त आदेश की सत्यापित प्रति शीघ्र क्रियान्वयन के लिए लोक अभियोजक व अपर अभियोजक के माध्यम से उसी दिन कलेक्टर कार्यालय के लिए प्रेषित करवा दी थी। लेकिन कलेक्टर की ओर से अभी तक आदेश का पालन नहीं कराया गया है।
मेरे जैसे सैकड़ों लोगों का पैसा फंसा है इस चिटफंड में
ग्वालियर के व्यक्ति ने यूपी व राजस्थान में सक्षम ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम से चिटफंड संचालन किया था। जिसमें मेरे जैसे सैकड़ों लोगों का करीब 10 करोड़ रुपया फंसा है। न्यायालय ने कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अमल नहीं कराया जा रहा।
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
ग्वालियर के व्यक्ति ने यूपी व राजस्थान में सक्षम ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम से चिटफंड संचालन किया था। जिसमें मेरे जैसे सैकड़ों लोगों का करीब 10 करोड़ रुपया फंसा है। न्यायालय ने कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अमल नहीं कराया जा रहा।
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
छह साल से लगा रहे कलेक्ट्रेट के चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई
दूसरे प्रदेश से आकर हम यहां लगातार परेशान हो रहे हैं। वर्ष 2016 से निरंतर कलेक्ट्रेट कार्यालय में सक्षम ग्रुप ऑफ कंपनी में फंसे रुपए दिलाने की गुहार कर रहे। अभी तक सुनवाई नहीं की गई है जबकि न्यायालय ने खाताधारकों की जमा राशि लौटाने का आदेश तक कर दिया है।
भरतपुर राजस्थान
दूसरे प्रदेश से आकर हम यहां लगातार परेशान हो रहे हैं। वर्ष 2016 से निरंतर कलेक्ट्रेट कार्यालय में सक्षम ग्रुप ऑफ कंपनी में फंसे रुपए दिलाने की गुहार कर रहे। अभी तक सुनवाई नहीं की गई है जबकि न्यायालय ने खाताधारकों की जमा राशि लौटाने का आदेश तक कर दिया है।
भरतपुर राजस्थान