दिसंबर तक खत्म होगा ओखला से कूड़े का पहाड़, CM अरविंद केजरीवाल का ऐलान

2019 से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा उठाने का काम धीरे-धीरे शुरू हुआ था. अभी तक यहां से करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है. लेकिन अभी भी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है.

दिल्ली: ओखला लैंडफिल साइट के आसपास रहने वाले लाखों लोगों को दिसंबर तक कूड़े के पहाड़ से निजात मिल सकती है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़े की प्रोसेसिंग प्रक्रिया की समीक्षा की और दिसंबर तक साइट से कूड़े का पहाड़ खत्म करने का एलान किया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मई 2024 तक कूड़े को साफ करने का लक्ष्य है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि दिसंबर तक इसे साफ कर दें. इस साइट पर अभी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा है. यहां से कूड़ा खोदकर निकालने की क्षमता तो 17 हजार मीट्रिक प्रतिदिन टन है, लेकिन कूड़े को डिस्पोज करने की क्षमता अभी 4-4.5 मीट्रिक टन ही है.

इसी सिलसिले में आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने ओखला लैंडफिल साइट का दौरा कर कूड़ा हटाने के कार्य का जायजा लिया. इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन के जरिए कूड़े को खत्म करने को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री कैलाश गहलोत, दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय, डिप्टी मेयर आले इकबाल समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि करीब 26 साल पहले ओखला लैंडफिल साइट पर कूडा आना शुरू हुआ था. वर्तमान में यहां पर करीब 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है.

2019 से ओखला लैंडफिल साइट से कूड़ा उठाने का काम धीरे-धीरे शुरू हुआ था. अभी तक यहां से करीब 25 लाख मीट्रिक टन कूड़ा हटाया जा चुका है. लेकिन अभी भी 40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बचा हुआ है. इस कूड़े के पहाड़ को मई 2024 तक साफ करने का लक्ष्य है. कूड़े के पहाड़ को साफ करने के लिए सभी ऑफिसर्स और इंजीनियर लगे हुए हैं. उनका प्रयास है कि मई 2024 की बजाय दिसंबर 2023 तक ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के पहाड़ को साफ कर दिया जाए. ओखला लैंडफिल साइट से कूडा खोद कर (बायो माइनिंग) निकालने की क्षमता बहुत है.यहां कूड़ा खोदकर निकालने की क्षमता करीब 17 हजार मीट्रिक टन है.

यहां से कूड़ा निकालकर बाहर डिस्पोज करने की क्षमता अभी कम है. यहां से कूड़ा खोदकर निकालेंगे, तो उसे कहीं न कहीं लेकर जाना पड़ेगा. तीन तरह के कूड़े होते हैं। जिसे सीएंडडी वेस्ड, आरडीएफ और इनर्ट कूड़ा कहते हैं.अभी कूड़े को डिस्पोज करने की क्षमता 4-4.5 हजार मीट्रिक टन की है. जिसकी वजह से अभी हम लोग 17 हजार मीट्रिक की अधिकतम क्षमता तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. अभी ओखला लैंडफिल साइट से प्रतिदिन 4-4.5 मीट्रिक टन कूड़ा ही निकाल कर डिस्पोज हो पा रहा है.सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कूड़े को डिस्पेज करने की क्षमता बढ़ाई जा रही है और एक अप्रैल से हम लोग प्रतिदिन 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा डिस्पोज कर पाएंगे.

एक अप्रैल को मैं दोबारा जायजा लेने के लिए ओखला लैंडफिल साइट पर आउंगा. उम्मीद है कि एक जून से हम लोग ओखला लैंडफिल साइट से 15 हजार मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन डिस्पोज कर पाएंगे.इस कूड़े के साफ होने से यहां आसपास रहने वाले लोगों को भी निजात मिलेगी. हमारा प्लान है कि जब यह कूड़ा पूरी तरह से साफ हो जाएगा, तो यहां पर सीएंडडी वेस्ट का बड़ा प्लांट लगाया जाएगा और बॉयोमैथोनेशन का प्लांट लगाया जाएगा. इसी तरह गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी काम चल रहा है. अगले-दो-तीन दिन में वहां का भी दौरा करेंगे.

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