सिंध नदी – भिंड पुलिस ने तुड़वाया, बिना निरीक्षण के माइनिंग अफसर ने कराई दस लोगों पर FIR
सिंध नदी पर रेत तस्करी के लिए बनाया अस्थाई पुल …
भिंड में रेत की तस्करी को लेकर माफियाओं ने सिंध नदी पर अस्थाई पुल बनाया। ये पुल से रेत चोरी करके ट्रैक्टरों को यूपी भेजे जाने लगे। जब इस मामले की खबर प्रशासनिक व पुलिस विभाग के वरिष्ठ अफसरों को लगी। आनन-फानन में पुलिस द्वारा अस्थाई पुल को तुड़वाया गया। इसके बाद माइनिंग अफसर को दबाव में लिया गया। माइनिंग अफसर ने मौके का निरीक्षण किए बगैर ही दस लोगों पर एफआईआर दर्ज करा दी। हालांकि इस मामले नयागांव थाना पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ये था मामला
दरअसल ये मामला है नयागांव थाना क्षेत्र का। फरवरी महीने में रेत की तस्करी करके यूपी ले जाने के लिए रेत माफियाओं ने अस्थाई पुल का निर्माण जनवरी माह शुरू कर दिया था। फरवरी महीने में पूरा करते हुए पड़ोरा और बहादुरपुरा की ओर से रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली निकलने लगे। ट्रैक्टर ट्रॉली से किसानों की फसलों से होकर निकलने लगे। ककहारा गांव के लोगों ने इस बात की शिकवे शिकायतें शुरू कर दी। जब ये बात प्रशासनिक अफसरों पता चली तो पुलिस ने आनन-फानन में पुल को 26 फरवरी को तुड़वाया गया। रेत माफियाओं पर एफआईआर किए जाने और सख्ती बरतने के लिए भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने थाना प्रभारी कमलकांत दुबे को दिए। इसके बाद थाने की पुलिस ने रेत माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर पेंच फंस गया।
खनिज अफसर ने दबाव में कराई एफआईआर
पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक रेत के लिए बनाए गए अवैध पुल को लेकर पुलिस ने खनिज विभाग के अफसर दिनेश डुडवे से कहा गया। नदी पर पुल बनाए जाने को लेकर माइनिंग विभाग का मामला न होने की बात डुडवे ने डीएसपी अरविंद शाह से कहते हुए दूरियां बना ली। ये मामला जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर के पास पहुंचा। वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर के दबाव में आकर खनिज अफसर ने मौके का निरीक्षण किए बगैर ही दस लोगों के खिलाफ 10 मार्च को एफआईआर दर्ज कराई।
इन पर हुई एफआईआर
इस मामले में अभिनव पुत्र अक्षय कुमार ग्राम परा, पवन कुमार निवासी फूप, उपेंद्र सिंह निवासी अटेर, जयवीर सिंह निवासी उमरी, रघुराज सिंह भदौरिया निवासी कनावर, पंकज निवासी उमरी, राहुल राजावत निवासी नयागांव, अंकित राजावत निवासी नयागांव समेत अन्य दो अज्ञात ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।