25-35 डैडी बनने की परफेक्ट उम्र …! 40 के बाद पापा बनना वंशबेल के लिए खतरनाक
99 साल का पुरुष भी बन सकता है पिता:40 के बाद पापा बनना वंशबेल के लिए खतरनाक, 25-35 डैडी बनने की परफेक्ट उम्र ….
दुनिया में सबसे ज्यादा उम्र में पिता बनने का विश्व रिकॉर्ड दो भारतीयों के नाम है। इनमें से एक हैं- हरियाणा के रामजीत राघव, जो 96 साल की उम्र में दूसरे बच्चे के पिता बने थे।
वह 94 साल की उम्र में पहली बार पिता बने थे। रामजीत दुनिया में सबसे उम्रदराज पिता बने। वह और उनकी 54 साल की पत्नी शकुंतला दो बच्चों के पेरेंट बनकर खुश हुए थे।
वहीं, राजस्थान के नानू राम जोगी भी 90 साल की उम्र में अपनी चौथी पत्नी 50 वर्षीय सबूरी से 21वें बच्चे के पिता बने थे। उनकी यह खबर पूरी दुनिया में सुर्खियों में रही।
रामजीत से पहले ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर के रहने वाले लेस कोले 92 साल की उम्र में नौवें बच्चे के पिता बने और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में वह दुनिया के सबसे उम्रदराज कानूनी पिता के रूप में दर्ज हैं।
इन तीन कहानियों ने दुनिया में इस सोच को मजबूती दी है कि पुरुष कभी बूढ़ा नहीं होता, उसकी बॉडी क्लॉक के साथ ‘पॉज’ नाम का शब्द कभी नहीं जुड़ता। जबकि महिलाओं में एक उम्र के बाद मेनोपॉज आ जाता है, जो उनकी मां बनने की क्षमता पर असर डालता है।
महिलाओं पर इस बात का दबाव होता है कि वे समय से मां बनने की जिम्मेदारी को पूरा करें, क्योंकि मां बनने के लिए महिलाओं के शरीर में कुदरती बॉयोलॉजिकल क्लॉक होती है।
पुरुष पर समय से पिता बनने का ऐसा कोई दबाव नहीं होता। जबकि सच ये है कि पुरुषों के लिए भी एक बॉयोलॉजिकल पैमाना है।
मतलब पुरुष किसी भी उम्र में पिता तो बन सकते हैं, मगर यह उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए न तो उनके स्वास्थ्य और न ही आने वाले बच्चे की सेहत के लिए सही होगा।
स्टडीज और एक्सपर्ट भी यह मानते हैं कि पुरुष के पिता बनने की सही उम्र 25 से 35 के बीच होती है।
ये उदाहरण बताते हैं कि अधिक उम्र में पिता बनना मुमकिन है, लेकिन एक्सपर्टस कहते हैं कि किसी महिला के प्रेग्नेंट होने और हेल्दी बेबी के लिए पुरुष की उम्र भी मायने रखती है।
40 की उम्र से प्रोडक्टविटी घटने लगती है
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय कहते हैं कि अगर कोई पुरुष 40 साल से ज्यादा का है, तो उसके पार्टनर या पत्नी के प्रेग्नेंट की संभावना काफी कम हो जाती है।
पुरुषों में भले ही ताउम्र स्पर्म बनते हों, मगर उम्र के अनुसार, स्पर्म की क्वॉलिटी घटती जाती है और साथ ही स्पर्म में जेनेटिक बदलाव होने लगते हैं।
कई बार लाइफस्टाइल, मीजल्स और कैंसर जैसी बीमारियों की वजह से ये बदलाव इतने ज्यादा होते हैं कि स्पर्म का DNA खराब हो जाता है। इन्फेक्शन की आशंका रहती है।
इससे पुरुष की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। यह आने वाले बच्चे की हेल्थ पर भी बुरा असर डालता है।
सेक्सोलॉजिस्ट प्रकाश कोठारी भी यह बात कहते हैं कि पुरुष कुदरती तौर पर बुढ़ापे तक फर्टाइल रहता है, लेकिन स्पर्म की क्वालिटी पर उम्र का असर रहता है।
व्यक्ति 99 की उम्र में भी बच्चा पैदा कर सकता है। हालांकि ज्यादा उम्र में पिता बनना होने वाले बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं।
ज्यादा उम्र में पिता बनने से बच्चे के दिमागी विकास पर असर
स्टडीज में यहां तक कहा गया है कि ज्यादा उम्र में पिता बनने से बच्चे के दिमागी विकास पर असर पड़ता है जो कभी-कभी बच्चे के न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर में तब्दील हो जाता है।
2006 में JAMA NETWORK पर छपी एक स्टडी में कहा गया है कि 40 पार की उम्र के बाद पिता बनने से आम लोगों के मुकाबले बच्चे में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का खतरा 5.75 गुना बढ़ जाता है।
इन बीमारियों का वंशबेल पर असर पड़ने की भी आशंका रहती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, BHU की डॉ. अनुश्रीयम कीर्ति का कहना है कि 40 बाद की उम्र में पिता बने व्यक्ति के बच्चे में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। इस बात की भी आशंका रहती है कि यह बच्चा जब बड़ा होकर पिता या माता बनेगी तो उसके बच्चे में वही समस्या आ सकती है। लेकिन डॉ. रवि कोठारी इस बात से सहमत नहीं हैं।
1 मिली सीमेन में 1.5 करोड़ स्पर्म, संख्या कम हो तो प्रेग्नेंसी में आती है दिक्कत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेल्दी सीमेन के लिए मानक तय किए हैं। जिसके मुताबिक, हेल्दी स्पर्म, स्पर्म की संख्या, आकार और उनकी मोबिलिटी से तय होता है। 35 की उम्र के बाद से सीमेन की क्वालिटी खराब होने लगती है।
स्पर्म की हेल्थ कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जो फर्टिलिटी पर असर डालते हैं। संख्या के हिसाब से देखें तो 1 मिलीलीटर सीमेन में 1.5 करोड़ स्पर्म पाए जाते हैं।
बहुत कम स्पर्म होंगे तो पार्टनर को प्रेग्नेंट होने में दिक्कत आएगी। प्रेग्नेंसी तभी संभव होगी, जब 40 फीसदी स्पर्म मूवमेंट कर रहे हों और 40 फीसदी अंडाशय में अंडों के पास तक पहुंच रहे हों।
स्पर्म काउंट कैसे कम हो जाता है
यूरोलॉजिस्ट डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय और आयुर्वेदाचार्य डॉ. रवि कोठारी बताते हैं कि स्पर्म काउंट कम होने के लिए खराब लाइफस्टाइल जिम्मेदार है।
गलत खानपान, स्मोकिंग, शराब और ड्रग्स और मोटापे की वजह से स्पर्म काउंट कम हो जाता है।
असल में, अपनी मोबिलिटी की वजह से ही स्पर्म महिला के रिप्रोडक्टिव रास्ते से हुए उसके एग्स तक पहुंचता है। स्मोकिंग न केवल स्पर्म की क्वालिटी को खराब करती है बल्कि उसकी मात्रा और मोबिलिटी को भी प्रभावित करती है।
पुरुषों के लिए फर्टिलिटी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है?
डॉ. अनिल वार्ष्णेय के मुताबिक यदि आप और आपके पार्टनर कुछ समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
इस मेडिकल जांच की सुविधा आ चुकी है कि पुरुष फर्टाइल है या नहीं। या यूं कहें कि पुरुष बांझपन का शिकार है या नहीं। मेडिकल टेस्ट के दौरान आमतौर पर यूरोलॉजिस्ट व्यक्ति की हेल्थ का एनालिसिस करते हैं।
कुछ फिजिकल एग्जामिनेशन किए जाते हैं। इसमें टेस्टिकल की जांच शामिल है। डॉक्टर व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री और लाइफस्टाइल हैबिट्स को लेकर कुछ सवाल करते हैं।
वैरिकोसेले और टेस्टिकल की जांच भी की जाती है। व्यक्ति स्पर्म की एनालिसिस भी करा सकता है जिसमें स्पर्म काउंट, उसका शेप, मूवमेंट और गुणों की जांच की जाती है।
हॉर्मोन की जांच भी करा सकते हैं। जिसमें टेस्टोस्टेरॉन और अन्य हॉर्मोंस की जांच की जाती है। जेनेटिक टेस्टिंग, एंटी स्पर्म एंटीबॉडीज, रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन आदि की भी जांच होती है। सीमेन टेस्ट एनालिसिस 400 से 800 रुपए में होता है।
आयुर्वेदाचार्य ने बताया-बेहतर फर्टिलिटी के लिए क्या करें
आयुर्वेदाचार्य डॉ. रवि कोठारी कहते हैं कि अच्छी लाइफस्टाइल स्पर्म काउंट में सुधार का सबसे शानदार तरीका है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बढ़िया लाइफस्टाइल व्यक्ति की फर्टिलिटी पर उसकी उम्र के असर को कम करने में कारगार साबित होगी या नहीं।
- क्वालिटी स्पर्म के लिए न शराब पिएं और न ही स्मोकिंग करें।
- कूल एन्वायरमेंट में रहे, इससे बॉडी में अच्छे स्पर्म बनते हैं।
- बहुत तंग ड्रेस पहनने से बचें। गोद में लंबे समय तक लैपटॉप न रखें।
- हाई क्वालिटी स्पर्म के लिए अच्छी और संतुलित डाइट जरूरी है।
- हैवी वेट शख्स को वजन कम करना चाहिए। पार्टनर के लिए गर्भधारण करना आसान होगा।
- लगातार गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए।
- रेग्जिन की कुर्सी, मोटर बाइक या साइकिल देर तक न चलाएं।
- तली-भुनी चीजों को खाने से बचें और भरपूर नींद लें।
फर्टिलिटी को कैसे बचाएं
डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय के मुताबिक यदि कोई अपनी फर्टिलिटी प्रिजर्व करना चाहता है तो स्पर्म फ्रीज़िंग सबसे कारगर तरीका है। कम उम्र में स्पर्म फ्रीजिंग करना बेहतर रहता है क्योंकि इस दौरान स्पर्म की क्वालिटी सबसे बढ़िया रहती है।
स्पर्म फ्रीजिंग एक पुरुष के स्पर्म को कलेक्ट करने, उसका एनालिसिस करने और उसे स्टोर करने की प्रक्रिया है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में वर्किंग कपल के लिए यह बेहतरीन ऑप्शन भी है।
भारत में स्पर्म फ्रीजिंग पर सालाना 15 हजार तो विदेश में 40 हजार तक का खर्च आता है। स्पर्म और एग को लिक्विड नाइट्रोजन में स्टोर किया जाता है।
स्पर्म या एग के नमूनों को माइनस 196 डिग्री तापमान पर रखा जाता है। ये 25 साल तक इस्तेमाल में लाने के लिए ठीक रहते हैं, मगर भारत में सरकारी नियमों के मुताबिक, स्पर्म और एग्स को 10 साल तक फ्रीज किया जा सकता है।
अब पिता बनने की सही उम्र के सवाल पर बात करते हैं।
पिता बनने की सही उम्र पर रिसर्च क्या कहती हैं
22 से 25 की उम्र के बीच पुरुष सबसे ज्यादा फर्टाइल होते हैं। यह सलाह दी जाती है कि 35 से पहले की उम्र में पिता बनना ज्यादा सही होता है।
इस उम्र के बाद पुरुष की फर्टिलिटी कमजोर होने लगती है। 35 पार के बाद स्पर्म में म्यूटेशन होने के चांस ज्यादा रहते हैं। अगर उम्र 45 पार है तो पार्टनर में मिसकैरिज (गर्भपात) की आशंका बढ़ जाती है। भले ही पार्टनर या पत्नी की उम्र कुछ भी हो।
पुरुषों में पहले बच्चे का पिता बनने की उम्र बढ़ी
पहली बार पिता बनने वालों की उम्र बढ़ी है। 2017 में जर्नल ह्मूमन रिप्रोडॅक्शन में छपी एक स्टडी के मुताबिक, पिता बनने की औसत उम्र अब 30 के पार हो चुकी है। जबकि, यह 1972 में यह 27 साल थी। 9 फीसदी नवजात के पिता बनने वालों की उम्र कम से कम 40 साल थी।
अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्रालय के विभाग CDC के मुताबिक, मां बनने की उम्र में भी इजाफा हुआ है। 2014 में पहली बार मां बनने की औसत उम्र 26 साल थी। वहीं, 30 फीसदी महिलाओं को पहला बच्चा 30 की उम्र या उसके बाद हुआ।
अधिक उम्र में पिता बनना बच्चे के लिए ठीक नहीं है, तो कम उम्र में पापा बनना व्यक्ति के लिए सही नहीं होता है। यानी बेबी प्लान करते हुए बीच का रास्ता अख्तियार करना चाहिए। एक्सपर्ट्स ने बताया कि व्यक्ति को किन बातों को ध्यान रखना चाहिए।
कम उम्र में पिता बनना जेब और सेहत पर भारी, जान पर भी आफत
जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में पब्लिश एक रिसर्च में कहा गया है कि 25 वर्ष की आयु से पहले पिता बनने से हेल्थ से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यहां तक कि बीच उम्र में असामयिक मृत्यु भी हो सकती है।
स्टडी में पाया गया कि 30 से 44 की उम्र में पिता बनने वाले शख्स की तुलना में कम उम्र में पिता बनने वाले व्यक्ति की हेल्थ खराब होने की आशंका अधिक रहती है। रिसर्चर्स ने 1940-50 के दौरान 45 की उम्र वाले 30,500 पुरुषों पर अध्ययन किया था।
पापा बनने की बेस्ट उम्र 25 से 35 के बीच
डॉ. अनिल कुमार वार्ष्णेय भी कहते हैं- पुरुष 80 साल की उम्र के बाद भी पिता बन सकता है। बुढ़ापे में भी स्पर्म बनते हैं, भले ही उनका काउंट कम हो जाए। लेकिन अगर सही उम्र की बात की जाए तो 25-35 की उम्र फादर बनने के लिए सबसे बढ़िया है।
मगर 18 वर्ष से पहले ही पिता बनना ठीक नहीं
आयुर्वेदाचार्य रवि कोठारी कहते हैं प्रैक्टिली देखें तो बच्चा 18 वर्ष से पहले ही पिता बनने के लिए तैयार होता है। लेकिन वो सही उम्र नहीं है।
पढ़ाई-लिखाई और करिअर में सेटल होने के बाद जब व्यक्ति लाइफ में व्यवस्थित हो जाए तो फिर बेबी प्लान करना बेहतर रहता है। पिता बनने के लिए मेडिकली एज से जरूरी है व्यक्ति आर्थिक और सामाजिक रूप से परिपक्व और आत्मनिर्भर हो जाए।
बिजनेस फैमिली में बच्चों की शादियों जल्दी होती हैं तो वहां लोग पिता भी जल्दी बनते हैं। मगर दूसरे पेशे में जाने वाले युवाओं के मामले में यह उचित नहीं होगा कि उनकी शादी जल्दी हो और वे जल्दी पिता बन जाएं।
लड़का आत्मनिर्भर हो जाए तभी वो पिता बने तो सही रहता है। वरना पिता बनने वाले युवक के लिए आर्थिक संकट बढ़ जाएंगे।
कम उम्र में पापा बनना देगा साइकोलॉजिकल और फानेंशियल तनाव
जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ की रिसर्च में यही बात कही गई है। जल्दी पिता बनने वाले व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक और वित्तीय दबाव का जल्दी सामना करना पड़ता है, जबकि इस उम्र में आदमी इस किस्म के प्रेशर झेलने को लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं होता है।