बैकों में कितना सुरक्षित है पैसा: बढाई जाए 5 लाख की जमा गारंटी, आम आदमी का बढ़ेगा भरोसा

ऐसा माना जा रह है कि मौजूदा उथल-पुथल का असर भारतीय बैंकों पर नहीं होगा. क्योंकि भारत में रिजर्व बैंक द्वारा निगरानी और बैंकों की ओर से सही निवेश के कारण बैंकों की स्थिति मजबूत है.

अमेरिका के तीन बड़े बैंक की हालत खराब होने का पैनिक अभी उतरा भी नहीं था कि स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस बैंक पर भी खतरा मंडराने की खबरें आने लगी. इन खबरों का असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर हो रहा है. पूरी दुनिया के शेयर बाजार दबाव में हैं क्योंकि शेयर बाजार बहुत कुछ सेंटीमेंट पर निर्भर करते हैं.

सरकार के भरोसे की जरुरत

इस तरह के पैनिक माहौल में पैनिक नहीं करना चाहिए. बैकिंग एक्सपर्ट और वाइस ऑफ बैकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा का कहना है कि देश के बैंकों के खाता धारकों को किसी तरह की घबराहट, डर या दबाव में नहीं आना चाहिए हलांकि इसके लिए सरकार को खाता धारकों को भरोसा दिलाने की जरूरत है.

बढ़ाई जाए 5 लाख की जमा पर गारंटी

बैकिंग एक्सपर्ट अश्वनी राणा का कहना है कि ऐसे माहौल में लोगों का पैसा बैंक में कितना सुरक्षित है इसपर सरकार को लोगों का भरोसा जीतने के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है. सरकार को बैंकों की ओर से 5 लाख तक की जमा पर गारंटी की सुविधा को बढ़ाया जाये या एक डिपॉज़िट बीमा योजना को शुरू किया जाए ताकि जमाकर्ता अपनी जमा राशि की बीमा पॉलिसी ले कर अपनी जमा को सुरक्षित महसूस कर सकें.

वित्तमंत्रालय को भी सुझाव

बात यस बैंक की हो या फिर 2008 में ICICI बैंक मामले की. हर बार जब भी किसी बैंक पर खतरा मंडराया है तो सरकार आगे आई है और बैंक को संकट से निकालने का काम किया है. देश के आम जनता में बैकिंग सेक्टर को लेकर इस तरह का पैनिक न हो इसके लिए वॉयस ऑफ बैंकिंग ने डिपॉज़िट बीमा योजना का सुझाव वित्त मंत्री को बजट के समय भेजा था. बैंकिंग जानकारों का मानना है कि इस तरह की डिपॉजिट बीमा समय की मांग है.

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