भूकंप के उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र में दिल्ली…!

भूकंप के उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र में दिल्ली, तुर्किये में विनाश के बाद अलर्ट रहने को कहा गया
देश के भूकंपीय मानचित्र पर दिल्ली उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र चार में आ गया है, ऐसे में किसी भी आपदा से बचाव के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही दिल्ली में बढ़ते एच3एन2 फ्लू, एच1एन1 फ्लू और कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।

तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को देखते हुए दिल्ली प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा गया है। साथ ही दिल्ली में कमजोर भवनों व बचाव के लिए खुली जगहों की पहचान की जाएगी। शनिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की 38वीं बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा सेना, एनडीएमए, एनआईडीएम और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान संस्थान के अधिकारी शामिल रहे।

देश के भूकंपीय मानचित्र पर दिल्ली उच्च क्षति जोखिम क्षेत्र चार में आ गया है, ऐसे में किसी भी आपदा से बचाव के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही दिल्ली में बढ़ते एच3एन2 फ्लू, एच1एन1 फ्लू और कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है। एलजी ने कहा कि दिल्ली को किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है।
भूकंप रोधी बिल्डिंग कोड के अनुसार, पुरानी दिल्ली के इलाकों में सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों, अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों व कमजोर इमारतों की रेट्रोफिटिंग करना, भूकंप की स्थिति में बचाव के लिए खुली जगहों की पहचान करना, आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए प्रत्येक जिला और अनुमंडल के स्तर पर अस्पतालों की पहचान करना, आपात स्थिति में एंबुलेंस, फायर टेंडर और बचाव दल के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संकरी गलियों और गलियों को चौड़ा करना, रेलवे टेलीफोन नेटवर्क के साथ संपर्क स्थापित करना होगा।
जल्द तैयार हो रिपोर्ट 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए एक बार सभी विभागों से रिपोर्ट प्राप्त हो जाए तो उसके आधार पर रणनीति बनाकर इस दिशा में काम करने से बेहतर परिणाम मिलेंगे। बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि मंडलायुक्त जो डीडीएमए के नोडल अधिकारी और संयोजन भी हैं, यह कवायद को शुरू करेंगे। साथ ही एसडीएमए कार्यालय दिल्ली में बनाया जाएगा।
शुरू हुई आपदा मित्र योजना 
दिल्ली में आपदा राहत स्वयंसेवकों के नामांकन और प्रशिक्षण के लिए ‘आपदा मित्र’ योजना शुरू की गई है। अब तक 1800 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित और नामांकित किया जा चुका है। दिल्ली दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला मेगा सिटी है। यहां करीब 35 लाख आवास इकाइयों में लगभग 2.5 करोड़ लोग रहते हें। ये घर नियोजित कॉलोनियों, नियमित अनधिकृत कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों, झुग्गियों, अनधिकृत कॉलोनियों में हें। दिल्ली में आवास का पैटर्न बिल्डिंग कोड के अनुसार नहीं है। ऐसे में यहां ज्यादा नुकसान की संभावना है।
सख्ती नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
दिल्ली में बढ़ते एच3एन2 के मामलों को देखते हुए फिलहाल कोई सख्ती नहीं लगाई गई है, हालांकि सतर्क रहने को कहा गया है। बैठक में एच3एन2 फ्लू व कोरोना के मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि मास्क को अनिवार्य नहीं किया जा रहा, न ही सख्ती बढाई जा रही है।
इस दिशा में होगा काम 
– मॉक ड्रिल
– भवनों को बनाया जाएगा भूकंपरोधी
– नियमित प्रशिक्षण प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना
– आरडब्ल्यू, स्कूली छात्रों व अन्य के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाना
जोन सेफ्टी ऑडिट के लिए चिन्हित सेफ्टी ऑडिट बिल्डिंगें गिराईं
सिटी-एसपी 391 69 38
सिविल लाइंस 88 33 0
केशवपुरम 176 78 1
नरेला 22 14 0
रोहिणी 1296 101 5
करोल बाग 222 11 2
सेंट्रल 495 74 1
साउथ 450 47 0
नजफगढ़ 228 54 0
वेस्ट 574 66 6
शाहदरा (साउथ) 444 146 0
शाहदरा (नॉर्थ) 267 65 0
कुल 4655 758 53

 

24,73,179 बिल्डिंगों का सर्वे, 266 बिल्डिंग खतरनाक
एमसीडी के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में 26,62,135 बिल्डिंगें हैं, जिनमें से 24,73,179 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया। इसमें से 266 बिल्डिंग खतरनाक पाई गईं। इन 266 खतरनाक बिल्डिंगों में से 265 तो नॉर्थ दिल्ली में है। एमसीडी ने इन खतरनाक बिल्डिंगों की जांच के लिए जो पैमाना अपनाया, वह कोई वैज्ञानिक नहीं है। पहली नजर में बिल्डिंगों की हालत देखकर उन्हें खतरनाक घोषित कर दिया। अब यह लोगों के ऊपर निर्भर है कि इन बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट कराएं और उन्हें दुरुस्त करें। सेफ्टी ऑडिट की जो पॉलिसी एमसीडी ने बनाई है, उसके तहत बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट लोगों को अपनी जेब से ही कराना है। इसलिए लोग इस काम से बचने की ही कोशिश करते हैं। पिछले ढाई-तीन सालों में एमसीडी के स्ट्रक्चरल इंजीनियरों ने सिर्फ 4655 बिल्डिंगों को सेफ्टी ऑडिट के लिए चिन्हित किया और इनमें से 750-800 बिल्डिंगों का ही सेफ्टी ऑडिट हो सका।

किन क्षेत्रों को है भूकंप से अधिक खतरा
रेड जोन – यमुना फ्लड प्लेन, पटपड़गंज, मयूर विहार, प्रीत विहार, लक्ष्मी नगर, अक्षरधामऑरेंज जोन – जनकपुरी, वजीराबाद, गीता कॉलोनी, सरिता विहार, लुटियंस जोन, जहांगीरपुरी, पश्चिम विहार, रोहिणी, रिठाला, नॉर्थ कैंपसग्रीन जोन – जेएनयू, एम्स, छतरपुर, नारायणा, वसंत कुंज, हौज खास

दिल्ली-एनसीआर में 7 फॉल्ट लाइन
सोहना, दिल्ली फोल्डिंग, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-मुरादाबाद, मथुरा, मेन मुरादाबाद और जानकी देवी फॉल्ट हैं। इनमें सबसे खतरनाक सोहना फॉल्ट और दिल्ली फोल्डिंग हैं। मेन मुरादाबाद फॉल्ट के एक्टिव होने पर मेवात, गुड़गांव, तावडू और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भूकंप से खतरा हो सकता है।

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