गोहद (भिंड) – गोहद मंडी में व्यापारी परेशान:शासन को करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाली मंडी नहीं बनी कन्क्रीट रोड, धूल डस्ट से हो रही है बीमारियां

गोहद भिंड जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी प्रांगण में उड़ने वाली धूल डस्ट से व्यापारियों और किसानों को गंभीर बीमारी का शिकार होना पड़ रहा है। मंडी प्रांगण कच्चा होने से उड़ने वाली धूल डस्ट से आधा दर्जन से अधिक व्यापारी इलाज करा रहे हैं। मध्यप्रदेश शासन को प्रति वर्ष 5 से 7 करोड़ रुपए राजस्व देने वाली गोहद मंडी में कन्क्रीट रोड तक नहीं है।

भीम सिंह राणा की मूर्ति के अनावरण में आए कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंच से घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 10 करोड़ रूपए में गोहद मंडी मैदान में सीमेंट कंक्रीट किसान संगोष्ठी भवन और प्रवेश द्वार का निर्माण इसी महीने प्रारंभ हो जाएगा। मंडी व्यापारी कहते हैं कि घोषणा के बाद से अभी तक हमें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वर्तमान समय में हमें परेशानी से गुजर ना पड़ रहा है।

लोकेंद्र सिंह तोमर सचिव कृषि उपज मंडी गोहद ने कहा कि मंत्री की घोषणा के बाद प्राक्कलन तैयार कराए जा रहे हैं। मंडी में सीसी कॉन्क्रीट 2 करोड़ रुपए की लागत से कराए जाने टेंडर लगा दिए हैं। जल्द ही कार्य प्रारंभ होगा।

एक नजर में गोहद मंडी

  • मंडी का क्षेत्र लगभग 55 बीघा
  • मंडी में लगभग 100 व्यापारी
  • 13 टीन सेट सीमेंट कॉन्क्रीट के व्यापार के लिए बने हैं।
  • प्रति वर्ष लगभग 10 लाख क्विंटल गेहूं धान सरसों चना बाजरा तीली आदि जिंसों का व्यापार

नवंबर से फरवरी तक और मार्च से जून तक सरसों और गेहूं खरीदी में प्रतिदिन गोहद मंडी में दो करोड़ रुपए का व्यापार होता है। गोहद मंडी से प्रति वर्ष शासन को 5 से 7 करोड़ रुपए राजस्व जाता है। शुद्ध तौल के लिए जाना जाता है। मेहगांव गोरमी गोहद के किसान अपनी उपज का विक्रय करने के लिए आते हैं।

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