नींद क्यों जरूरी है?

झपकी कितनी फायदेमंद, पेट के बल सोने वाले हो जाएं अलर्ट; अकड़ सकता है शरीर …

नींद। जब ज्यादा आए तब समस्या और जब कम आए तब बीमारी। अच्छी सेहत के लिए डॉक्टर 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं।

गर्मी की दोपहर में स्थिति बुरी हो जाती है। जैसे ही आपने खाना खाया 15 से 20 मिनट बाद नींद आनी शुरू हो जाती है। घर पर तो आप झपकी ले सकते हैं, लेकिन ऑफिस जाने वालों का क्या?

ऐसे में ऑफिस में लोग कभी चाय-कॉफी से तो कभी वॉक कर नींद भगाने की कोशिश करते हैं।

सवाल: नींद क्यों जरूरी है?
जवाब:
 नीचे लिखे पाइंट्स से इसे समझते हैं…

  • एनर्जी रिस्टोर: शरीर और ब्रेन को रिचार्ज करने के लिए नींद जरूरी है। सोने की वजह से हमारी एनर्जी रिस्टोर हो जाती है और हम दोबारा नई ऊर्जा के साथ काम कर सकते हैं।
  • मेमोरी कंसल्टेशन: याददाश्त बनाए रखने के लिए नींद बहुत जरूरी है। इसलिए पढ़ाई करने वाले बच्चों को दोपहर में थोड़ी देर और रात को टाइम से सोने की सलाह दी जाती है। ताकि जितना भी वो दिनभर सीखते हैं उसे लंबे समय तक याद रख सकें।
  • ग्रोथ हार्मोन: शरीर की ग्रोथ रात में होती है। रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे कम सोते हैं उनकी हाइट कम होती है। हर बॉडी पार्ट को आराम की जरूरत होती है। इसलिए रात में सोने का समय तय होना चाहिए।

सवाल: कितने घंटे की नींद एक हेल्दी व्यक्ति को लेनी चाहिए?
जवाब: 
रात में 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। अमेरिका के वर्जीनिया में स्थित आर्लिंगटन की चैरिटी नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि लाइफ स्टाइल और उम्र से समझ सकते हैं कि किसी व्यक्ति को नींद की कितनी जरूरत है।

सवाल: अगर किसी को रात में 7-8 घंटे से कम नींद आ रही है, तब क्या कोई गड़बड़ है?
जवाब:
 बिल्कुल गड़बड़ है। अगर कोई 6 घंटे से कम नींद ले रहा है तो इससे शरीर धीरे-धीरे बीमार हो सकता है। उन्हें कई बीमरियों का खतरा हो सकता है। जैसे-

  • डायबिटीज
  • हाई बीपी
  • हार्ट अटैक
  • स्ट्रोक
  • कैंसर

सवाल: दोपहर में सोना कितना सही है?
जवाब: 
कुछ अपवादों को छोड़कर जैसे आप कोई दवा खा रहे हों, डॉक्टर ने आपको सोने की सलाह दी हो, रात में ट्रैवल करके आएं हो, नींद किसी वजह से पूरी न हुई हो, तो आप सो सकते हैं।

एक हेल्दी व्यक्ति के लिए दोपहर में 15-20 मिनट की नींद यानी झपकी लेना अच्छा होता है। इससे ज्यादा नींद लेना अनहेल्दी हो सकता है।

सवाल: दोपहर खाने के बाद नींद क्यों आती है?
जवाब: 
इसके कई कारण हो सकते हैं…

  • जब भी आप खाना खाते हैं वो आपके गट में जाता है। ब्लड भी डाइजेशन के लिए गट में जाता है, इस प्रोसेस की वजह आलस आता है।
  • लंच टाइम तक ज्यादातर लोग कुछ घंटे काम कर चुके होते हैं। उसकी वजह से मन करता है कि थोड़ा आराम कर लें।
  • रात में नींद पूरी नही होती तो आपको दिन में सुस्ती लगेगी और नींद आएगी। रिसर्च कहती है कि 60% लोग रात में अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं। इस वजह से वो दिन में सो रहे हैं।
  • दोपहर में खाना खाने के बाद नींद आने की वजह ऑयली और भारी फूड हो सकता है।

ऊपर लगे क्रिएटिव को अब एक-एक करके समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है…

स्लीपिंग पैटर्न: रात में सोने का टाइम फिक्स न होना। अगर आपको 8 घंटे की नींद लेनी है तो आप ऐसा नहीं कर सकते कि आधी नींद रात में और बाकी बची नींद दोपहर में पूरी करें। इससे स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है।

हार्मोन: खाना खाने के बाद कभी-कभी सेरोटोनिन तेजी से बनने लगता है, जिससे सोने का मन करता है।

डाइट: अगर ट्रिप्टोफैन नाम के एमिनो एसिड से भरपूर खाना खाते है, तो इससे नींद आ सकती है। ट्रिप्टोफैन कई प्रोटीन युक्त खाने की चीजों में पाया जाता है। जैसे- पनीर, अंडा।

डायबिटीज पेशेंट: डायबिटीज में पूरी नींद लेने के बाद भी थकान लगती रहती है और बहुत नींद आती है। ऐसे पेशेंट के शरीर में कार्बोहाइड्रेट सही तरह से ब्रेक नहीं होता। इस वजह से खाने से मिलने वाली एनर्जी शरीर को पूरी तरह से नहीं मिलती। इससे भी ज्यादा नींद आती है।

थायरायड पेशेंट: इन पेशेंट को रात में पसीना आता है और बार-बार यूरिन लगती है। जिसकी वजह से नींद नहीं पूरी हो पाती है और दोपहर में नींद आती है।

एनीमिया: हीमोग्लोबिन की कमी से फिजिकल एक्टिविटी में थकान और डिसेबिलिटी होती है। ऐसे लोग सामान्य से ज्यादा सोते हैं।

दवाएं: कई बार कुछ दवाओं की वजह से भी नींद और लेजीनेस होने लगती है। ऐसी कुछ दवाएं जब आप खाते हैं तो ये आपके माइंड को स्लो कर देती हैं। जिससे नींद आने लगती है। क्योंकि इन दवाओं मे निकोटिन होता है।

पानी की कमी: शरीर में पानी की कमी के चलते भी हर वक्त नींद आती रहती है। इससे आप दिनभर थकान फील करते हैं और उबासी लेते रहते हैं।

सवाल: खाने के बाद सोने या झपकी लेने के पीछे का साइंस समझाएं?
जवाब: 
असल में पैंक्रियाज यानी अग्नाशय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का प्रोडक्शन करता है।

ऐसे में खाना जितना भारी होगा, इंसुलिन का प्रोडक्शन उतना ही ज्यादा होगा, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

इंसुलिन स्लीप हार्मोन को बनाता है। इससे दिमाग में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन चेंज होता है, जिसकी वजह से नींद आने लगती है।

सेरोटोनिन हैप्पी हार्मोन है। यह सिर्फ मूड ही नहीं बल्कि नींद, भूख और याददाश्त को भी कंट्रोल करता है।

मेलाटोनिन हार्मोन से आपको अच्छी नींद आती है। ये सप्लीमेंट के रूप में भी मिलता है जो नींद से जुड़ी प्रॉब्लम को ठीक करता है।

सवाल: इसका मतलब सो नहीं सकते, लेकिन दोपहर में खाने के बाद झपकी तो ले सकते है?
जवाब: 
हां बिल्कुल। ये हेल्थ के लिए अच्छा होता है। झपकी को पावर नैप माना जाता है। इसमें 15-20 मिनट तक सो सकते हैं।

ये जापान में पॉपुलर है। इसकी वजह से एनर्जी वापस से मिलती है और अपने काम में दोगुने उत्साह के साथ जुड़ जाते हैं। लेकिन सिर्फ 15 से 20 मिनट तक।

अगर इसी नैप की टाइमिंग को 20 मिनट से बढ़ाकर 1 घंटा कर लेते हैं तो इसके अपोजिट इफेक्ट्स पड़ने लगते हैं। दिमाग रेस्टिंग पोजिशन में चला जाता है, जिससे ब्रेन का कॉन्सन्ट्रेशन और फोकस कम हो जाता है।

सवाल: नींद भगाने के लिए चाय-कॉफी पीते हैं क्या ये सही है?
जवाब: 
नींद भगाने के लिए चाय-कॉफी, कैफीन प्रोडक्ट्स लेना गलत होता है।

ज्यादा कैफीन लेने से बेचैनी, फैटी लिवर, हाई बीपी, माइग्रेन समेत कई बीमारियां हो सकती हैं।

इससे बचने के लिए आप खाने-पीने के और भी दूसरे ऑप्शन ले सकते हैं।

दोपहर के खाने के बाद नींद और सुस्ती को भगाने के कुछ उपाय जिससे आपको हेल्थ इश्यू भी नहीं होंगे और नींद भी नहीं आएगी…

  • हाई फाइबर फूड लंच में लें।
  • चावल और ऑयली फूड न खाएं।
  • नारियल पानी, जूस पीते रहें।
  • सलाद और फ्रूट्स जरूर लें।

सवाल: अपने स्लीपिंग पैटर्न को लेकर आमतौर से क्या गलती करते हैं लोग?
जवाब: 
कुछ कॉमन गलतियां ये हैं…

  • रोजाना रात में 8 घंटे से कम नींद लेते हैं।
  • लोगों का काम ऑफिस से घर आने लगा है। इस वजह से देर रात तक काम करते हैं।
  • बच्चों के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है। वो भी देर रात तक पढ़ते हैं।
  • देर रात तक पार्टियों का कॉन्सेप्ट बढ़ा है। सोशल होने के लिए वो भी जरूरी है।
  • सोशल मीडिया पर रात के कुछ घंटे गुजारने की आदत हो गई है।

सवाल: इसके बाद भी अगर नींद आ रही है और डेली की पुरानी आदत भी है जो एक दिन में ही चेंज नहीं होती है तो क्या करें?
जवाब:
 बिल्कुल सही बात है। डेली की आदत एक दिन में ही चेंज नहीं हो जाती है। कई बार इसे कंट्रोल करने से सिरदर्द भी होने लगता है।

ऐसे में दोपहर में खाना खाने के बाद थोड़ा यानी 100 कदम टहल लें। उसके बाद आप कुछ देर की मतलब 10 से 30 मिनट की नींद ले सकते हैं। फिर धीरे-धीरे ये आदत बदल जाएगी।

सवाल: बहुत से लोग कहते हैं कि दोपहर में खाना खाकर सोने से कई बीमारियां हो जाती हैं? क्या ये सच है?
जवाब: 
हां, जब आप दोपहर का खाना खाकर तुंरत सोने चले जाते हैं इससे कई बीमारियां आपको हो सकती हैं-

  • अपच यानी इनडाइजेशन
  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम
  • मोटापा
  • एसिडिटी

चलते-चलते …

सवाल: किस करवट लेकर सोना चाहिए?
जवाब: पतंजलि योग पीठ के आचार्य बालकृष्ण
 कहते हैं कि कभी भी सीधा नहीं सोना चाहिए। कुछ लोग पेट के बल सोते हैं, यह तरीका भी सहीं नहीं।

  • अगर हर दिन पेट के बल सोते हैं तो कमर और रीड़ की हड्डी में दर्द होगा।
  • पाचन क्रिया डिस्टर्ब होगी, अपच, गैस, कब्ज से परेशान रहेंगे।
  • मांसपेशियों में दर्द और शरीर में अकड़न की समस्या लगातार बनी रहेगी।
  • इसके साथ ही पेट के बल सोने से हमारा चेहरा नीचे की ओर दब जाता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।

याद रखें कि सोने का विधान करवट से है। वो भी बाएं करवट से क्योंकि हमारा हार्ट इसी तरफ होता है और ऐसे सोने से उस पर जोड़ कम पड़ता है। ऐसे सोने से खाया हुआ भी आसानी से पच जाता है।

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