ग्वालियर – NHM कांड, 16 आरोपी जमानत पर बाहर ..!

पुलिस की कमजोर जांच, सिर्फ नाम सामने आने पर बनाए आरोपी, कैसे मिलेगी गुनाहगारों को सजा …

  • आरोपी जेल से बाहर, जांच होगी प्रभावित

पुलिस ने इन सभी आरोपियों को धारा-27 मेमो के आधार पर आरोपी बनाया गया है जो कानून की नजर में मजबूत साक्ष्य नहीं माना जाता है। अब 17 में से 16 आरोपी जमानत पर बाहर हैं और इतने बड़े परीक्षा रैकेट की जांच अधर में लटक गई है। जिन सबूतों को पुलिस अभी तक जब्त भी नहीं कर पाई है जमानत पर बाहर निकले आरोपी उनको मिटा सकते हैं। ऐसे में गुनाहगारों को कैसे सजा दिला पाएगी पुलिस।

आरोपियों को क्राइम ब्रांच ले जाते हुए
आरोपियों को क्राइम ब्रांच ले जाते हुए

एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उन्हें धड़ाधड़ जमानत मिल रही है। 7 फरवरी को क्राइम ब्रांच ने टेकनपुर के पास एक ढाबे से पेपर लीक करने वाले रैकेट के सदस्यों के साथ ही छात्रों को भी धर दबोचा था। आरोपियों से पूछताछ के बाद कई अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। छात्रों को तो पूछताछ के बाद नाम पता नोट कर तत्काल छोड़ दिया गया था। पर अब तक इस मामले में पुलिस 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बीते 30 दिन में इनमें से 16 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। सिर्फ धनंजय पांडे निवासी प्रयागराज यूपी को जमानत नहीं मिली है। उसकी एक जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। जिस पर हाईकोर्ट में आवेदन विचाराधीन है, जबकि यूपी में हत्या के मामले में वांटेट पुष्कर पांडे को भी कोर्ट से जमानत मिल गई। उसके हत्या में वॉन्टेट होने की बात पुलिस ने कोर्ट में नहीं रखी होगी।

ऐसे चले तो सजा भी नहीं हो पाएगी
भास्कर ने जब इस संबंध में जिला न्यायालय में क्राइम ब्रांच की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक गिरीश शर्मा से बात की, तो उन्होंने क्राइम ब्रांच की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि धारा-27 के मेमो के आधार पर आरोपी बनाया गया है, जिसे कानून की नजर में मजबूत साक्ष्य नहीं माना जाता। यही हाल रहा तो आरोपियों को सजा भी नहीं हो पाएगी। यहां बता दें कि इस मामले में आरोपी मप्र, उप्र, दिल्ली, बिहार और हरियाणा से हैं। इनमें दो शासकीय कर्मचारियों ( सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रेम प्रकाश और एसआई शैलेंद्र तोमर) के नाम भी शामिल हैं।

ऐसे समझिए क्या है पूरा मामला ?
ग्वालियर के डबरा स्थित टेकनपुर में श्रीकृष्ण ढाबा से 7 फरवरी को NHM संविदा स्टाफ नर्सिंग परीक्षा से पहले पुलिस ने पेपर आउट करने वाली गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पेपर रद्द कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट ने भी आगामी आदेश तक परीक्षाओं पर रोक लगा दी। आरोपी हाईवे पर होटल से 2 से 3 लाख रुपए में नर्सिंग की तैयारी कर रहे छात्रों को आने वाले पेपर के सवाल सॉल्व करा रहे थे।गिरोह के अन्य सदस्य व चेन को तलाशने के लिए पुलिस की 6 टीम, जिनमें 45 जवान व अफसर थे। चार से पांच राज्यों में 10 दिन तक खाक छानने के बाद लौट आए थे। इसके बाद पुलिस ने भोपाल से एक एजेंट को पकड़ा, जिसके अकाउंट में मास्टरमाइंड ट्रांजेक्शन करता था। डेढ़ महीने में 50 लाख और एक साल में डेढ़ करोड़ रुपए फेक पंजीयन पर बनी कंपनी के नाम पर खोले गए खाते में आए थे। इसके बाद इस मामले में बीते दो महीने में 9 और आरोपी पुलिस ने पकड़े हैं। अब इस पर्चा लीक कांड मंे कुल गिरफ्तारी 17 हो गई हैं।

इनको मिली जमानत
– एनएचएम पर्चा लीक कांड में पुलिस 17 लोगों को पकड़ चुकी है। जिनमें से 16 आरोपियों की जमानत हो गई है। जिनकी जमानत हुई है उनमें विपिन शर्मा, अमित गहरवार, सौरभ तिवारी, दीपू पांडे, मनीष पासवान, ऋषिकांत त्यागी, रजनीश जाट, जोगेन्द्र जाट, प्रेमप्रकाश खिंची, पुष्कर पांडे(हत्या के मामले में यूपी प्रयागराज में फरार है), शैलेन्द्र तोमर, राजीव नयन मिश्रा, दीपक मेवाड़े, रविन्द्र ठाकुर, चिराग अग्रवाल, तरुणेश अरजरिया आदि प्रमुख हैं। सिर्फ धनंजय पांडे को जमानत नहीं मिली है।

जब्ती करना बेहद जरूरी-एक्सपर्ट
– जिला न्यायालय के एडवोकेट संजय शर्मा का कहना है कि धारा-27 के मेमो के आधार पर यदि पुलिस किसी को गिरफ्तार करती है तो ऐसी स्थिति में उसे आरोपी के पास से अपराध से जुड़े दस्तावेज या सुसंगत चीज जब्त करना चाहिए। तभी उसका महत्व रहता है। यदि अपराधी के पास से जब्ती नहीं होती तो उसे दुर्बल साक्ष्य के रूप में माना जाता है।

आरोपियों पर निगरानी रखेंगे
इस मामले मंे एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि कोर्ट ने जमानत दी है उस पर कुछ नहीं कह सकते, लेकिन अभी हमारी जांच जारी है और इन लोगों पर निगरानी रखेंगेे। यदि कुछ करते हैं तो फिर एक्शन लेंगे।

 

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