अतीक-अशरफ की हत्या के बाद कैसे पकड़े गए हमलावर?

अतीक-अशरफ की हत्या के बाद कैसे पकड़े गए हमलावर? पढ़िए हत्याकांड की पूरी कहानी …

शनिवार देर रात माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई. हमलावरों को पकड़ लिया गया है.

शनिवार को ही अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को दफनाया गया था, जिसमें अतीक अहमद शामिल नहीं हो पाया था. उमेश पाल हत्याकांड मामले में असद और उसका एक साथी गुलाम मोहम्मद 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे. इस घटना को तीन दिन भी नहीं बीते थे कि अतीक और उसके भाई की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. आखिर कैसे हुआ पूरा हत्याकांड आइए जानते हैं.

10 बजे जुटना शुरू हो गए मीडिया पर्सन

शनिवार को रात के करीब 10 बजे का वक्त था. खबर आई कि अतीक और अशरफ को रूटीन चेकअप के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल लाया जा रहा है. उमेश पाल मर्डर केस में अतीक और अशरफ से पुलिस पूछताछ कर रही है. इसके चलते दोनों को मेडिकल चेकअप कराया जाता है. शनिवार को जैसे ही अतीक के अस्पताल पहुंचने की खबर मिली, मीडिया पर्सन वहां पर जुटने शुरू हो गए. वजह भी थी, बेटे के सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद पहली बार अतीक मीडिया के सामने आ रहा था.

जीप से पहुंचे अतीक और अशरफ

कुछ देर बाद नीले रंग की पुलिस जीप में अतीक और अशरफ को लाया गया. पहले अशरफ जीप से उतरा फिर उसने सहारा देकर अतीक को उतारा. इस दौरान दोनों के हाथों में पुलिस की हथकड़ी थी, जिसके चलते एक-दूसरे से बंधे हुए थे.

जीप से निकलने के बाद जैसे ही पुलिस दोनों को लेकर आगे बढ़ी तो मीडिया ने असद को लेकर सवाल शुरू किए. सवाल बेटे असद के एनकाउंटर और उसके जनाजे को लेकर थे. इस बीच अशरफ ने कुछ जवाब देने की कोशिश की. अशरफ के मुंह से बस इतना ही निकला- मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम.. तभी अचानक से एक फायरिंग की आवाज आई अतीक गिर पड़ा. अतीक को गोली लगते ही अशरफ मुड़कर देखता है तभी उसे भी गोली लगती है और वह भी गिर जाता है. इसके बाद ताबड़तोड़ ऐसे गोलियां चलने लगती हैं, जैसे पटाखेबाजी चल रही हो.

कैमरे में कैद हुआ हत्या का मंजर

जब ये पूरी वारदात हो रही थी, उस समय मीडिया के कैमरे पूरी तरह ऑन थे. अतीक और अशरफ के दोनों तरफ पुलिसकर्मी चल रहे थे, तभी अतीक के सिर में करीब से एक गोली लगती है. अतीक गिर पड़ता है और फिर अशरफ भी जमीन गिर जाता है. मुश्किल से 2 या 3 सेकंड के अंदर ये सब हुआ. इस दौरान दोनों के साथ चल रहे पुलिसवाले भी दहशत में भाग खड़े हुए. उनके ऊपर तीन हमलावर तीन तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग किए जा रहे थे. पहली गोली से लेकर आखिरी फायरिंग तक सारा वाकया करीब 10 सेकंड में हो गया.

सरेंडर, सरेंडर.. कहकर छोड़ दिया हथियार

अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग अचानक रुक गई और हमलावर सरेंडर, सरेंडर चिल्लाने लगे. उन्होंने अपने हथियार जमीन पर फेंक दिए. इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और दो लोगों को पकड़ लिया गया. एक हमलावर जमीन पर गिर गया था. पुलिस ने उसे वैसे ही काबू में कर लिया. तीनों हमलावरों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया. घटना के बाद चारों तरफ हड़कंप था. प्रयागराज शहर में अजीब सी सिहरन थी. इस घटना ने 25 जनवरी, 2005 में हुए विधायक राजू पाल मर्डर की याद दिला दी. राजू पाल को दिनदहाड़े दौड़ा-दौड़ाकर गोलियों से मारा गया था. अंतर ये था कि तब हत्या का आरोप इन्हीं अतीक और अशरफ पर लगा था, जबकि अब गोलियों का शिकार अतीक और अशरफ हुए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *