यदि गैंगस्टर बनना चाहते हैं तो इसे पढ़ें ..!
वैसे तो गैंगस्टरों या अपराधियों को पढ़ने लिखने से बहुत ज्यादा मतलब होता नहीं है लेकिन यदि कोई गैंगस्टर इसे पढ़ रहा है तो उससे गुजारिश करना चाहूंगा कि उसे अतीक अहमद या हर गैंगस्टर के बुरे अंत के बारे में ठीक से जानना चाहिए। दरअसल यह वह सत्य है जिसे तुम अपनी पूरी ताकत के बावजूद भी पलट नहीं सकते। किसी समय अतीक अहमद उप्र में एक समानांतर सत्ता चलाता था। कानून,मुकद्दमा और न्याय सभी उसका चलता था। यहां तक कि खुद न्याय करने वाले तक कोर्ट में उसके खिलाफ आए मुकदमे की सुनवाई से पीछे हट जाते थे। अब ऐसे अतीक का अंत दर्जनभर लाइव कैमरों के साथ सड़क पर तड़ तड़ की गोली से हो गया। सुरक्षा भी कई स्तरीय थी लेकिन नहीं बचा सकी। बेटा पुलिस की गोली का शिकार हुआ और अतीक भाई सहित बदमाशों की। कहने का अर्थ यह है कि गोली जरूर पड़ेगी चाहे वह किसी की हो।
जिस सिस्टम ने पैदा किया उसी से खात्मा
अतीक अहमद के साम्राज्य का विस्तार औऱ अंत जिस तरह से हुआ है वह यूपी में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। कई फिल्मों की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी होंगी। यह कहना बिल्कुल सच है कि जिस च्सिस्टमज् ने अतीक अहमद को गैंगस्टर बनाया उसी ने उसका अंत कर दिया। वर्ना पुलिस भी यही थी और पुलिस की बंदूक भी यही, नहीं थी तो सिर्फ इच्छाशक्ति और मोरल सपोर्ट। पुलिस और प्रशासन को यह मोरल सपोर्ट हमेशा जनप्रतिनिधियों और सरकार से ही मिलता है। अब मिला तो यूपी में कई माफिया का सफाया हो रहा है, कुछ कानूनी ढंग से कुछ..। लेकिन एक बात तो है अतीक अहमद ने फायदा हर सरकार को दिया। आतंक का पिछली सरकार ने खूब फायदा उठाया, अब उसके साम्राज्य को समाप्त करके मौजूद सरकार को भी फायदा मिलना तय है।