ग्वालियर. शहर में अमृत योजना के अंतर्गत प्रत्येक इलाके में पेयजल सप्लाई के लिए 435 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने के बावजूद गर्मियों में शहर के कुछ हिस्से को नलकूप व टैंकरों की सप्लाई पर निर्भर रहना पड़ेगा। इसके लिए नगर निगम ने पेयजल सप्लाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक करोड़ 71 लाख रुपए में 135 टैंकर चार महीने के लिए किराए लेने जा रहा है और इसके टेंडर भी खुल चुके हैं। यह स्थिति तब है, जबकि शहर में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) योजना के अंतर्गत 27 और अमृत योजना के अंतर्गत 42 टंकियों का निर्माण किया गया है।

शहर में वर्तमान में कुल 100 टंकियों व 980 किलोमीटर से अधिक की पानी की लाइनें बिछाने पर 430 करोड़ रुपए खर्च करने, 2389 बोरवेल व 1713 हैंडपंप होने के बाद भी लोग पानी को परेशान हो रहे हैं। वर्तमान में नगर निगम के 2389 बोरवेल, 1713 हैंडपंप, 100 टंकियों, चार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट होने के बाद भी निगम अधिकारियों ने गर्मी के मौसम में शहर के कुछ हिस्सों में पेयजल सप्लाई का दावा कर 135 टैंकरों को चार महीने के लिए किराए पर ले लिया है। इन टैंकरों पर एक करोड़ 71 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस हिसाब से एक टैंकर पर एक महीने में 31158 रुपए खर्च होंगे, जबकि आज तक कभी भी इतने टैंकर नहीं लगाए गए हैं। अमृत योजना के फेज 1 में भी शहर के कई हिस्सों में पानी की लाइनें डाली गईं और दावा किया गया कि बना मोटर चलाए 12 मीटर यानी तीसरी मंजिल तक लोगों को पानी मिलेगा, लेकिन यह दावा भी फेल साबित हो रहा है। योजना में इसमें पानी की लाइनें बिछाने के साथ टंकियों के निर्माण, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अपग्रेडेशन का काम किया गया। हर योजना का उद्देश्य लोगों को तिघरा का पानी पहुंचाना था, लेकिन इन सबके बाद भी कई हिस्से में आज भी तिघरा का पानी नहीं पहुंच पाया है।