भोपाल : सुविधाओं की कमीं:न सुविधाएं हैं, न डॉक्टर… रेलवे हॉस्पिटल बना रैफरल अस्पताल
- 16 हजार रेल कर्मियों समेत सवा लाख लोग हैं निर्भर
सुविधाओं के अभाव और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण निशातपुरा स्थित रेलवे हॉस्पिटल केवल रैफरल बनकर रह गया है। विशेषज्ञों के अलावा भी यहां डॉक्टरों के कई पद रिक्त हैं। ये स्थिति भी तब है, जबकि यहां संभागीय रेल मंडल प्रबंधक का कार्यालय है तो रेलवे जीएम और अन्य अफसर भी भोपाल आते रहते हैं।
इस हॉस्पिटल पर 16 हजार रेलकर्मियों, उनके परिजन, रिटायर्ड कर्मचारियों सहित करीब सवा लाख लोग आश्रित हैं। यहां आने वाले मरीजों को अनुबंधित हॉस्पिटलों में रैफर कर दिया जाता है। पश्चिम-मध्य रेल जोन के तहत आने वाले कोटा में भी मंडल स्तर का हॉस्पिटल है।
110 बेड वाले कोटा के रेलवे हॉस्पिटल में संविदा सहित करीब 35 डॉक्टर हैं। भोपाल में 80 बेड वाले इस हॉस्पिटल में संविदा सहित कुल 23 डॉक्टर हैं। उनमें से भी तीन-चार अवकाश पर रहते हैं। दस विशेषज्ञ डॉक्टर होना चाहिए लेकिन मात्र चार हैं। यहां की प्रभारी डॉ. आशा चिमनिया ने कहा कि जल्द विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्तियां होगी।