बच्चा चॉकलेट वाला दूध पीता है …!क्या यह पाउडर हेल्दी है ..!

किस उम्र से बच्चों को देना सही; खरीदते वक्त ध्यान रखें 4 बात ….

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं रेवंत हिमतसिंग्का। उनका इंस्टाग्राम हैंडल ‘फूडफार्मर’ के नाम से हैं।

इसी हैंडल पर उन्होंने ‘बॉर्नविटा’ का रिव्यू किया और उसे हेल्थ के लिए नुकसानदायक बताया।

वीडियो वायरल हो गया। कृति आजाद, माधवन और परेश रावल ने भी इस पर रिएक्ट किया।

कृति आजाद ने तो यह तक कह दिया कि इस वीडियो को सुनने के बाद मैं अपने वकील की सलाह लूंगा और कंपनी पर केस करूंगा।

दूसरी तरफ ‘बॉर्नविटा’ को बनाने वाली कंपनी है कैडबरी, ने रेवंत पर केस कर दिया। रेवंत ने भी कैडबरी से माफी मांगी और इंस्टाग्राम का अपना अकाउंट डिलीट कर दिया।

इन सब के बीच एक सवाल तो सबके मन में है कि क्या चॉकलेट पाउडर डालकर दूध बच्चों को पिलाना हेल्दी है, बच्चों को वाकई इसकी जरूरत होती है, ज्यादा देने से कोई बीमारी तो नहीं होती।

एक्सपर्ट पैनल:

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सवाल: पेरेंट्स को लगता है कि बच्चा दूध नहीं पी रहा है तो कई तरह से दिक्कत होगी, इसलिए दूध पिलाने के लिए उसमें चॉकलेट पाउडर डालते हैं, क्या यह सही है?
जवाब: 
चॉकलेट पाउडर के नुकसान पर कोई खास रिसर्च नहीं हुई। अगर यह पाउडर अच्छी कंपनी ने बनाई है तो उससे ज्यादा नुकसान नहीं है।

बड़ी कंपनियां इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन को ध्यान में रखकर ही इसे बनाती हैं।

हालांकि पेरेंट्स को चॉकलेट पाउडर बच्चों को देते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे- इसे खरीदते वक्त पेरेंट्स को इनके डिब्बे या पैकेट के पीछे लिखे इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

बच्चे को एक दिन में कितने बार और किस मात्रा में चॉकलेट पाउडर देना इसकी भी लिमिट तय करनी चाहिए।

ऐसा नहीं कि आप कटोरी में बच्चे को चॉकलेट पाउडर खाने को पहले दे दें। फिर उन्हें दिनभर में दो-तीन बार दूध पीने को दें।

जितनी बार दूध देंगे उसमें शक्कर डालेंगे जो नुकसान करेगीI साथ अगर आप चॉकलेट पाउडर या दूसरे आर्टिफिशियल फ्लेवर मिला रहे हैं तो उसमें भी चीनी होगी, जो अनहेल्दी है।

वैसे भी शक्कर में कार्बोहाइड्रेट होता है, यह बच्चों को नॉर्मल खाने से मिल जाता है, ऐसे में एक्स्ट्रा कार्ब लेने के लिए सप्लिमेंट की जरूरत नहीं।

सवाल: ज्यादा मीठी चीज खाने-पीने का नुकसान क्या है?
जवाब:
 इस तरह हो सकता है नुकसान…

  • हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
  • शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। डायबिटीज हो सकती है।
  • अल्जाइमर का खतरा हो सकता है।
  • दांत में कैविटीज की समस्या हो सकती है।
  • चीनी का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। इससे याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है।
  • चीनी खाने से वाइट ब्लड सेल्स 50 फीसदी तक कमजोर होते हैं। इससे इम्यूनिटी वीक हो जाती है।
  • नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। इससे लिवर में फैट स्टोर होता है।

सवाल: दूध में चॉकलेट पाउडर देने के पीछे पेरेंट्स की साइकोलॉजी क्या होती है?
जवाब: 
पब्लिसिटी और एडवर्टाइजमेंट का स्लोगन ऐसा होता है कि पेरेंट्स इसे बच्चों के लिए खरीदना चाहते हैं।

किसी में हाइट बढ़ने की बात होती है तो किसी में हड्‌डी मजबूत होने की तो कोई पाउडर दिमाग तेज करने की बात करता है।

उस पर से इन सब प्रोडक्ट को इंडोर्स स्पोर्ट्सपर्सन और फिल्म स्टार करते हैं।

पेरेंट्स उन्हीं सेलिब्रेटी का रेफरेंस देकर बच्चों को दूध चॉकलेट पाउडर डालकर पिलाते हैं।

सवाल: चॉकलेट पाउडर डालकर दूध पीने की लत बच्चों को क्यों पड़ जाती है?
जवाब:
 जितनी भी हेल्थ ड्रिंक या चॉकलेट पाउडर हैं, उनमें शक्कर मिली होती है। शक्कर का न्यूरो से स्ट्रॉन्ग कनेक्शन है। यह एल्कोहल और सिगरेट की तरह ही एडक्टिव होता है।

यानी इसकी लत लोगों को आसानी से लग जाती है। यह एक रिवॉर्ड की तरह है। जैसे ही हम कोई मिठाई, कोल्ड ड्रिंक या चॉकलेट ड्रिंक खाते-पीते हैं ब्रेन को एक सिग्नल जाता है और डोपामाइन हार्मोन रिलीज होता है। इसके बाद बच्चों को खुशी मिलती है।

अब ऐसे ही कोई ड्रिंक को पेरेंट्स एक दो महीने लगातार बच्चे को पिलाएंगे तो उसकी लत लग जाती है।

सवाल: चॉकलेट और कोको पाउडर क्या एक है?
जवाब:
 कोको पाउडर कोको बीन्स को पीसकर बनाया जाता है। इसमें कोई फैट या शक्कर नहीं होती इसलिए हेल्दी होता है।

ये पॉलीफेनोल्स से भी भरपूर होता है जिस वजह से कई हेल्थ बेनिफिट्स होती है।

दूसरी ओर चाॅकलेट पाउडर बनाने के लिए कोको के साथ, मक्खन, शक्कर और दूसरी कई चीजें मिलाई जाती हैं।

दरअसल चॉकलेट में कोको की मात्रा कितनी है इसी बात से तय किया जाता है कि चॉकलेट हेल्दी है या नहीं।

सवाल: क्या कोको पाउडर का कोई नुकसान भी है?
जवाब:
 बिल्कुल कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। वहीं कोई चीज अगर लिमिट से बाहर ली जाए तो वो हमेशा ही नुकसान पहुंचाती ही है। कोको के साथ भी यही है। इसे ज्यादा लेने से कुछ प्रॉब्लम होंगी। जैसे-

  • दिल की धड़कन अनियमित हो जाना
  • नींद न आना
  • घबराहट
  • लूज मोशन

सवाल: नॉर्मल खानपान के साथ क्या चॉकलेट ड्रिंक बच्चों को देना जरूरी है?
जवाब: 
नहीं। भारतीय खाना अपने आप में हेल्थ बेनिफिट्स से भरपूर है। अगर सही तरह देसी खाना बच्चों को दिया जाए तो किसी भी एक्स्ट्रा चीज की जरूरत नहीं है।

कहने का मतलब हमें अपने खाने से ही प्रोटीन-विटामिन्स, कार्ब की जरूरत को पूरा करना चाहिए।

सवाल: कई डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन पर प्रोटीन पाउडर पीने की सलाह देते हैं, वो भी हम बच्चों को देते ही हैं?
जवाब:
 कुछ पाउडर हम सिर्फ टेस्ट को बढ़ाने के लिए लेते हैं। कुछ को डॉक्टर शरीर में मौजूद प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए देते हैं।

इसलिए आपको दोनों के बीच के अंतर को समझना होगा। अगर आपको डॉक्टर ने कोई प्रोटीन पाउडर या दूसरा कोई पाउडर एडवाइस किया है तो उसे जरूर लें।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की पोषण को लेकर जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक बच्चे को हेल्‍दी ग्रोथ के लिए कई तरह के प्रोटीन और माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स चाहिए होते हैं

इनमें आयरन, जिंक, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी12 शामिल हैं। अगर यह सब चीज खाने से पूरी नहीं हो पाती तब डॉक्टर हेल्थ पाउडर लेने की सलाह देते ही हैं।

वहीं अगर आप खुद से बच्चों को सिर्फ टेस्ट इंप्रूव करने के लिए दे रहे हैं तब कुछ चीजें चेक करें। जैसे-शक्कर की मात्रा, कौन सा तेल मिला है, लोकल मार्केट में तो वह नहीं बना आदि।

सवाल: क्या बच्चों को चॉकलेट ड्रिंक देने की एक उम्र होती है?
जवाब: 
दो साल से छोटे बच्चे को दूध में चॉकलेट ड्रिंक नहीं पिलाने चाहिए। उनके लिए मां का और गाय का प्लेन दूध की काफी है।

बहुत छोटे बच्चों को आर्टिफिशियल फ्लेवर या चॉकलेट फ्लेवर देने से उनकी किडनी और लिवर पर असर पड़ेगा। इस उम्र में बच्चे का पेट भी इन्हें पचाने के लायक स्ट्रॉन्ग नहीं होता।

 

सवाल: अगर बच्चे की इम्यूनिटी वीक है, इसका पता चल चुका है तब उसे बिना दवाई क्या ठीक किया जा सकता है?
जवाब: 
अगर पेरेंट्स बच्चों के खानपान पर सही समय से ध्यान देंगे तो उन्हें इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए दवाई और हेल्थ ड्रिंक देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए बच्चों को …

  • हल्दी वाले दूध पीने की आदत दें, इसमें शहद डाल सकते हैं।
  • जब भी मौसम बदलें, उन्हें तुलसी के रस में शहद मिलाकर दें।
  • छुहारे और भीगे बादाम को पीसकर दूध में मिलाकर पिलाएं।
  • मुनक्के में पोटैशियम, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और बी कॉम्प्लेक्स होता है। ये इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। बच्चों को भिगो कर रोज इसे दें।

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