ग्वालियर :भोपाल लैब में अटकीं 315 जांच 379 मामलों में जुर्माने का इंतजार
सेहत का सवाल …
- चलित लैब की जांच में बार-बार हो रही दूध में पानी मिलने की पुष्टि
गर्मी के मौसम में मिलावटी या दूषित खाद्य सामग्री का उपयोग सेहत बिगाड़ सकता है। दूसरी तरफ सच यह है कि दिसंबर के बाद जांच के लिए भोपाल लैब गए 315 नमूनों की जांच रिपोर्ट पिछले सप्ताह तक नहीं आ सकी थी। बजट में देरी और काम की रफ्तार धीमी होने से ग्वालियर में लैब का निर्माण भी दो साल लेट हो चुका है। कई महीने पहले 379 नमूनों की जांच रिपोर्ट आ चुकी है पर इनमें प्रकरण दर्ज कर जुर्माने की प्रक्रिया होना बाकी है।
मिलावट रोकने 2 से 17 मार्च के बीच जिले में अभियान चला। इस दौरान 90 नमूने लिए गए पर अधिकतर की रिपोर्ट अभी आना बाकी हैं। बात यदि दिसंबर से 25 अप्रैल के बीच की करें तो 315 नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। इनमें 297 नमूने जनवरी से अप्रैल के बीच के हैं। पिछले सप्ताह 24 अप्रैल को 8 रिपोर्ट आईं हैं। इनमें सांईनाथ मावा भंडार के मावे में चिकनाई 40 से 44 फीसदी के स्थान पर 46 निकली है। खाद्य सुरक्षा ने कहा कि इस नमूने में मावा की चिकनाई बढ़ाने उसमें तेल जैसा कुछ मिलाया गया।
सुनवाई-रिपोर्ट के बाद 379 प्रकरण लंबित
भोपाल लैब से खराब जांच रिपोर्ट आने के बाद 379 प्रकरण अभी दर्ज होना बाकी हैं। इसके बाद इनमें जुर्माने की प्रक्रिया होगी। आखिरी बार अपर कलेक्टर ने 14 प्रकरण में 17 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना किया है। जुर्माना होने के बाद वसूली की रफ्तार भी जिले में बहुत धीमी है।
चलित लैब-घर पहुंचने वाले दूध में मिला पानी
- विंडसर हिल-दूध के 4 में से 2 में पानी, घी के 3 में 1 नमूने में गड़बड़।
- अचलेश्वर विहार-दूध के 10 नमूने लिए गए, इनमें से 7 में पानी की मात्रा ज्यादा।
- गुढ़ा में बटालियन-कुल 15 से दूध के 14 नमूनों की जांच हुई, 5 में पानी ज्यादा।
- कॉस्मोवैली-घी,तेल के 3, दूध के 11 नमूने लिए, इनमें से 7 में पानी ज्यादा मिला।
- साक्षी पर्ल-दूध के 12 नमूने लिए गए, इनमें से 2 में पानी की मात्रा ज्यादा मिली।
- (खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में अप्रैल में रहवासी क्षेत्र में हुई जांच)