विदेशी सर्वर पर पनप रहा सट्‌टा बाजार ..!

लोकल बुकी तो पकड़े, पर विदेशी सर्वर पर बनी वेबसाइट, एप को ट्रैस करना चुनौती …

IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) का रोमांच चरम पर है। IPL के शुरू होते ही गली-गली मोहल्ले में ऑनलाइन क्रिकेट सट्‌टा खिलाने वाले बुकीज सक्रिय हो गए हैं। ग्वालियर पुलिस ने एक महीने में 25 से ज्यादा सटोरियों को पकड़कर ऑनलाइन बेटिंग (सट्‌टा खिलाते) कराते पकड़ा है। लोकल बुकीज तक तो पुलिस आसानी से पहुंच जाती है, लेकिन जिन एप, वेबसाइट और लिंक पर यह बुकीज सट्‌टा खिला रहे होते हैं, उनको ट्रैस करना पुलिस के लिए चुनौती साबित होता है। सभी वेबसाइट, ऐप और लिंक के सर्वर विदेशों में होते हैं। ऐसे में इनको ट्रैस करना पुलिस के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन साबित हो रहा है। यही कारण है कि पुलिस लोकल बुकीज को तो पकड़ रही है, लेकिन ऑनलाइन एप, वेबसाइट व लिंक देने वाले पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

सटोरियों से मिला कैश, मोबाइल, कैलकुलेटर, रजिस्टर
सटोरियों से मिला कैश, मोबाइल, कैलकुलेटर, रजिस्टर

ऑनलाइन सट्‌टा रोकना हो रहा मुश्किल
क्रिकेट पर ऑनलाइन सट्‌टा का खेल गली मोहल्लाें से शुरू होकर मोबाइल के जरिए घर-घर पहुंच गया है। कभी क्रिकेट पर सट्‌टा लगाने के लिए सिलेक्टेड बुकीज हुआ करते थे, लेकिन जब से IPL शुरू हुए हैं, तो क्रिकेट का रोमांच चरम पर पहुंचा है। ऑनलाइन बेटिंग एप, वेबसाइट और लिंक आईडी के जरिए यह घर-घर तक पहुंच गया है। अब मोबाइल के जरिए यह क्रिकेट बेटिंग घर-घर तक पहुंच गई है। सट्टेबाज इतने हाइटेक हो चुके हैं, कि मोबाइल पर ही यह करोड़ों के दांव लगवा रहे हैं। बुकीज जिन वेबसाइट व एप का उपयोग ऑनलाइन बेटिंग के लिए करते हैं। उनमें ही पेमेंट लेने और देने ऑपशन भी होता है। पुलिस सटोरियों को पकड़ती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसके अलावा कुछ नहीं।

विदेशी सर्वर बने पुलिस की टेंशन
क्रिकेट पर ऑनलाइन सट्‌टा खिलाने वालों को पकड़ने वाली पुलिस और उनके एक्सपर्ट के लिए ऑनलाइन वेबसाइट, एप व लिंक को ट्रैस करना चुनौती है। अभी तक जितने भी सटोरिए पकड़े गए हैं, उनसे मिले वेबसाइट, एप का सर्वर ट्रैस करना मुश्किल है। सभी के सर्वर विदेश में लोकेशन देते हैं। जैसे हाल ही में थाटीपुर में पकड़े गए सटोरियों जिस वेबसाइट पर सट्‌टा खिला रहे थे, उसका सर्वर दुबई था। इसके साथ अन्य वेबसाइट, एप के सर्वर अरब देशों के होते हैं। इन्हें डिजाइन करने वाले बड़े शहरों के हैं। मास्टर सर्वर तक पहुंचना ही पुलिस के लिए चुनौती है।

ग्वालियर में सट्‌टा किंग संतोष से हुए थे कई खुलासे
ग्वालियर-चंबल अंचल का सबसे बड़ा क्रिकेट सट्‌टाकिंग संतोष घुरैया है। उसे दो बार पुलिस दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर चुकी है। वह दुबई व सिंगापुर भागने के चक्कर में था। पर उसे पकड़ने के बाद 6 घंटे से ज्यादा पुलिस थाने में नहीं रोक पाई थी। सट्टा किंग संतोष घुरैया ग्वालियर में क्रिकेट पर सट्टे के कारोबार को बढ़ावा देने वाला है। उसने 99 HUB और 11 HUB के जरिये आनलाइन सट्टा लगवाने की शुरुआत की थी। इसके गुर्गे शहर के हर इलाके में है। इस पर पुलिस ने पिछले साल बड़ी कार्रवाई की थी। पुलिस का दावा है कि अब इन साइट से सट्टा नहीं लग रहा।

इन वेबसाइट से सट्टा खिलाने का खुलासा
हाल ही में पकड़े गए सटोरियों से पता लगा है कि वह कई वेबसाइट व एप के जरिए सट्‌टा खिला रहे हैं। मुरार में कुछ दिन पहले पकड़े गए सटोरिए वेटगुरू डाट नेट से सट्टा खिलवा रहे थे। झांस रोड में पकड़ा सटोरिया एम.बेट 95 साइट से सट्‌टा खिलवा रहा था। गिरवाई मंे पकड़े गए सटोरिए वेट गुरु डॉट नेट, BALL 99.IN पर सट्‌टा खिलवा रहे थे। जितनी भी सट्टे की साइट्स हैं, उनकी लिंक बुकी के जरिए सट्टा लगाने वालों तक पहुंचाई जाती है। क्लाइंट आइडी देने से पहले एडवांस में रुपये लिए जाते हैं, यह पूरा पैसा ऑनलाइन ही दिया जाता है। इसके बाद क्लाइंड आईडी हर व्यक्ति को अलग-अलग दी जाती है। वह इसी क्लाइंट आइडी के जरिये क्रिकेट पर सट्‌टे के शौकीन वेबसाइट पर लॉगिन कर सट्‌टा खेलते हैं।

ऑनलाइन एप पर वॉलेट से होता है लेनदेन
बुकीज ने अपने-अपने अलग-अलग एप बनवा लिए हैं। इनके जरिए सट्टा खिलवाते हैं। इसी में वॉलेट होता है, जिसके जरिए यह पैसों का लेनदेन करते हैं। जीतने पर बुकीज इसी वॉलेट के माध्यम से पैसा देते हैं। इसी एप का इंटरनेट के कई प्लेटफार्म पर विज्ञापन पर लोगों को फंसाया जाता है।

पुलिस का कहना
एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया का कहना है कि लगातार सटोरियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। 25 से ज्यादा सटोरिए पकड़े गए हैं आईपीएल सीजन में, लेकिन इनके सर्वर बाहर के होते हैं इसलिए हम वेबसाइट बनाने वालों की भी तलाश करते हैं।

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