मध्य प्रदेश: नगरीय निकाय के बाद Panchayat Election भी टलना लगभग तय
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव टलने लगभग तय हैं. गृह विभाग ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है. जानें क्या है पंचायत चुनाव टलने की वजह?
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय (Madhya Pradesh Nikay Chunav 2021) के बाद पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) टलने लगभग तय है. मध्य प्रदेश पुलिस बल की 50 कंपनियां तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल चुनाव में भेजी गई है. ये कंपनियां राज्यों में चुनाव पूरे होने के बाद ही वापस आएंगी. राज्य चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे दी गई है. चुनाव आयोग ने क्लेक्टरों निर्देश भेजकर चुनाव की तैयारियां पूरी करने के लिए कहा था. माना जा रहा था कि आयोग पहले पंचायत चुनाव कराने के पक्ष में है.
इससे पहले राज्य चुनाव आयोग के अध्यक्ष वीपी सिंह ने कहा था कि अप्रैल में परीक्षाएं हैं, इसके चलते चुनाव नहीं कराए जाएंगे. वहीं नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में से कोई एक चुनाव पहले कराने की तैयारी है. इसी दौरान हाईकोर्ट ने नगरीय निकाय चुनावों पर रोक लगा दी. इसे लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है.
इसके अलावा जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया पर भी कोई काम नहीं हो रहा. चुनाव आयोग ने फरवरी में इसके लिए सरकार को पत्र लिखा था. लेकिन प्रशासन ने इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय के निर्देश पर मप्र सरकार ने भोपाल, जबलपुर और छिंदवाड़ा बटालियन की 38 कंपनियों को चुनावों के लिए दूसरे राज्यों में भेजपा हुआ है. वहीं ग्वालियर SAF की 12 कंपनियों को भी बंगाल और चेन्नई भेजा गया है.
चुनावों से पहले वादे शुरू
शिवराज सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव की आहत सुनते ही जनता को साधने के लिए एक बडा फैसला लिया. बुधवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग में प्रदेश की 6 हजार अवैध कॉलोनियों को सरकार ने वैध करने के बिल को मंजूरी दे दी. अब तक अवैध कही जाने वाली कॉलोनियां अब से वैध की कैटेगरी में आ जाएगी. इन सभी कॉलोनियों में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक इन कॉलोनियों में करीब 36 लाख लोग रहते हैं.