स्टडी में दावा- अकेलेपन में सुकून देता है सैड म्यूजिक ..!
स्टडी में दावा- अकेलेपन में सुकून देता है सैड म्यूजिक
खूबसूरत यादों से जोड़कर नकारात्मक भावों से उबारता है, तनाव घटाने में भी कारगर …
लोग दर्द या उदासी भरा संगीत क्यों सुनते हैं… अब तक तो यही माना जाता रहा है कि उदासी भरा संगीत और दुखी करता है, पर हकीकत में तो यह हमें हमारी खूबसूरत पल वाली यादों से जोड़ने में मदद करता है। हालिया शोध में यह दावा किया गया है कि हम असल जिंदगी में उदास नहीं होना चाहते, पर हम संगीत के जरिए जरूर उस भाव को महसूस करना चाहते हैं।
शोधकर्ता और येल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर जोशुआ नोब कहते हैं- लोगों के दिमाग में एक ही समय में किसी चीज के लिए दो अवधारणाएं बनती हैं। एक यथार्थ और दूसरी आभासी। उदासी भरे गानों के साथ भी यही होता है। ये गाने यादों की गहराई में ले जाते हैं, पर उदास नहीं करते।
जरूरी नहीं हैप्पी म्यूजिक खुश करे
डॉक्टर नोब और उनकी पूर्व छात्रा और कॉग्नेटिव वैज्ञानिक तारा वेंकटेशन द्वारा उदासी भरे गानों पर किया गया यह शोध, जर्नल ऑफ एस्थेटिक एजुकेशन में प्रकाशित हुआ है। इसमें उन्होंने बताया कि कोई खुशी भरा गीत खुश करे या उदासी भरा गाना उदास करे ये जरूरी नहीं है।
दरअसल, उदासी भरे गाने नकारात्मक भावनाओं से बाहर आने में मदद भी करते हैं। ये श्रोता को भावनाएं व्यक्त करने, तनाव घटाने की सहूलियत और अकेलेपन की स्थिति में साथ और सुकून देते हैं। शोधकर्ता कहते हैं, ‘कुल मिलाकर उदासी भरा संगीत हमें हालात से रूबरू होने में मदद करता है।
इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि दुख भरा संगीत आश्वस्त करता है कि हम जो महसूस करते हैं उसमें कुछ भी गलत नहीं है। दिल को छू लेने वाली धुनें हमें सही ठहराती हैं, जिससे हमें यह अहसास दिलाता है कि हम जो महसूस कर रहे हैं वह प्राकृतिक व मानवीय है।
यह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।’ स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी के संगीत मनोवैज्ञानिक पैट्रिक जस्लिन कहते हैं,’ दर्द भरा संगीत एक तरह के आनंद के साथ आता है, जो रोजमर्रा की उदासी वाली भावनाओं की तरह प्रत्यक्ष रूप से नुकसान नहीं पहुंचाता। इसके उलट यह सुनने वालों को उदासी की भावना का आनंद लेने की अनुमति देता है। साथ ही वास्तविक जुड़ाव का अहसास कराता है।’
दुख की स्थिति को बढ़ने से रोकने में आसानी होती है : विशेषज्ञ
डॉ. नॉब कहते हैं,‘उदासी भरे संगीत के पसंद आने के वैज्ञानिक पहलू भी हैं। दुख, उदासी या तनाव की स्थिति में सैड म्यूजिक प्रोलेक्टिन हार्मोन रिलीज को उत्प्रेरित करता है। अपने पीड़ा हरने वाले प्रभाव के कारण यह दर्द कम करने में अहम भूमिका निभाता है।
मानसिक दबाव की स्थिति में प्रोलेक्टिन सुकून, ठहराव की भावना पैदा करता है। इससे दुख की स्थिति को बेतहाशा बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है।’ शोध के मुताबिक बहुत से लोग सिर्फ भावनाओं से भरे होने पर दुख भरा संगीत सुनते हैं और रोकर हल्का महसूस करते हैं। भले ही वे किसी बात को लेकर दुखी न हों।