धरना, हिरासत और सरकार का बुलावा… रेसलर्स प्रोटेस्ट में अब तक क्या-क्या हुआ
बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं लेकिन यह अब तक यह जारी है. इस बीच सरकार ने एक बार फिर बातचीत के लिए न्योता भेजा है.
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन जारी है. बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण का आरोप है और महिला पहलवानों की शिकायत पर उनके खिलाफ दो एफआईआर भी दिल्ली पुलिस के पास दर्ज हैं. पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं लेकिन एक महीने से ज्यादा समय तक चले धरने के बाद ये हो नहीं पाया है. इस बीच मामले में एक बार फिर टर्निंग प्वाइंट आया जब मंगलवार (6 जून) को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक बार पहलवानों को बातचीत के लिए खुला आमंत्रण दिया. अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा, सरकार पहलवानों से बातचीत के लिए तैयार है. आइए देखते हैं पहलवानों के आंदोलन में अब तक क्या-क्या हुआ.
आंदोलन में अब तक की 10 बड़ी बातें
- मंगलवार (6 जून) को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा, सरकार पहलवानों से चर्चा के लिए इच्छुक है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया है.
- इसके पहले 3 जून को सरकार की तरफ से डेडलॉक खोलने की कोशिश के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पहलवानों के बीच एक मुलाकात हुई. हालांकि इसमें कोई फैसला नहीं हुआ था.
- गृह मंत्री से मुलाकात के दो दिन बाद 5 जून को साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया रेलवे में अपनी नौकरी से जुड़े कुछ काम निपटाने के लिए ऑफिस गए थे. दावा किया जाने लगा कि इन पहलवानों ने खुद को प्रदर्शन से दूर कर लिया. हालांकि, दोनों ने साफ कर दिया था कि उन्होंने अपनी लड़ाई नहीं छोड़ी है
- पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने ट्वीट कर इन अफवाहों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि वो अपना कुछ बचा हुआ काम करने के लिए रेलवे के ऑफिस गए थे. न्याय मिलने तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. अगर इसके लिए हमें नौकरी भी छोड़नी पड़ी तो छोड़ देंगे.
- रेसलर्स के आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत 21 अप्रैल को हुई थी जब वे बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर लिखाने दिल्ली पुलिस के सामने पहुंचे थे. इस दौरान उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई थी. इसके दो दिन बाद 23 अप्रैल को पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना शुरू कर दिया था.
- धरने के साथ ही पहलवानों ने सुप्रीम बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर लिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद दिल्ली पुलिस ने बताया कि वह एफआईआर लिखने को तैयार है. 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई. इसमें एक एफआईआर नाबालिग पहलवान की शिकायत पर है, जिसके आधार पर बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट लगाया गया है.
- 3-4 मई की दरमियानी रात जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हो गई. पहलवानों ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उन्होंने बारिश के चलते कुछ फोल्डिंग बेड मंगवाए थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे नहीं लाने दिया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ बल प्रयोग किया.
- 28 मई को जब संसद के नए भवन का उद्घाटन हो रहा था, उसी दिन पहलवानों ने नई संसद के सामने महिला सम्मान महापंचायत का ऐलान किया. पहलवानों ने दिन में साढ़े 11 बजे के करीब संसद की तरफ मार्च शुरू किया लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को हिरासत में ले लिया गया. सभी को बाद में छोड़ दिया गया. 28 मई को ही दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर से पहलवानों का प्रदर्शन हटा दिया. उनके सामान को वहां से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब पहलवानों को जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं होगी.
- 30 मई को पहलवानों ने ऐलान किया कि वे अपने पदक गंगा में प्रवाहित कर देंगे. उसी दिन शाम को पहलवान अपने पदकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी पर पहुंचे. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत और दूसरे खाप प्रतिनिधि वहां पहुंच गए और पहलवानों को पदक गंगा में प्रवाहित करने से रोका. इसके बाद नरेश टिकैत ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया कि पहलवानों से बात करके मुद्दे का हल किया जााए.
- 2 जून को बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में होने वाली रद्द करने का ऐलान किया. बृजभूषण ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए “जन चेतना महारैली, 5 जून, अयोध्या चलो” कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है.