ओडिशा हादसे के 100 घंटे के बाद क्या है हाल?
कितने रेस्क्यू, कितनी मौतें, पढ़ें हर अहम जानकारी …
ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद बचाव और राहत कार्य की समीक्षा कर दिल्ली लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार 6 जून को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की.
ओडिशा रेल हादसा …
ओडिशा के बालासोर हादसे को 100 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में अब तक कुल 278 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 1100 घायल लोगों को रेस्क्यू किया गया है. जिनमें से ज्यादातर का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. कुछ यात्रियों की हालत गंभीर भी बताई जा रही है. वहीं अब भी कई लाशें ऐसी हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है, कई लोग इस हादसे के बाद लापता भी बताए जा रहे हैं. जिनकी तलाश में उनके परिजन लगातार चक्कर काट रहे हैं.
100 से ज्यादा शवों की नहीं हुई पहचान
रेलवे अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि 278 शवों में से अब तक 177 की पहचान कर ली गई है, जबकि 101 शवों की पहचान करना अभी बाकी है और इन शवों को छह अस्पतालों में रखा गया है. जहां शवों की तस्वीरें डेस्क पर रखी गई हैं, जिन्हें परिजनों को दिखाया जा रहा है.
खास कंटेनरों में रखे गए शव
ओडिशा हादसे के बाद कई शव ऐसे भी हैं, जिन्हें लेकर कई अलग-अलग लोग दावा कर रहे हैं. एक ही शव को दो परिवार अपना बता रहे हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब डीएनए सैंपलिंग भी शुरू हो चुकी है. वहीं रेलवे अधिकारियों के मुताबिक शवों को खराब होने से बचाने के लिए उन्हें खास कंटेनरों में रखा जा रहा है. जिसमें शव करीब 6 महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं.
रेल मंत्री की उच्च स्तरीय बैठक
ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद बचाव और राहत कार्य की समीक्षा कर दिल्ली लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार 6 जून को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. सूत्रों ने बताया कि रेल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को ऐसी योजना बनाने का निर्देश दिया कि रेलवे नेटवर्क से कोई बाहरी तत्व छेड़छाड़ न कर सकें. न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बताया कि डिजिटल बैठक शाम करीब पांच बजे शुरू हुई और दो घंटे चली.
कई यात्रियों की करंट लगने से मौत की आशंका
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस से बरामद करीब 40 शवों पर किसी तरह की चोट का निशान नहीं पाया गया है और माना जा रहा है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई है. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ये जानकारी दी है. बालासोर में जीआरपी थाने में दर्ज प्राथमिकी में संकेत दिया गया है कि ऊपर से जा रहे तारों के दुर्घटना के बाद टूटने और उनके कुछ डिब्बों में फंसने की वजह से यात्रियों को करंट लगा.
मौत की संख्या को लेकर सवाल
बालासोर हादसे में मौत की संख्या को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के ही 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अब भी लापता हैं. वहीं कांग्रेस ने इस हादसे की सीबीआई जांच को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उधर बीजेपी नेताओं का कहना है कि विपक्ष इस हादसे पर राजनीति कर रहा है.
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए. जिसमें 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.