ग्वालियर : बढ़ रहे जिले में लाइसेंसी हथियार ..?

बढ़ रहे जिले में लाइसेंसी हथियार:बड़ी बंदूकों का शौक हुआ खत्म, अब डिमांड में पंप एक्शन गन
  • कंधे पर बड़ा सा हथियार टांगकर घूमना पहले अंचल में लोगों की शान हुआ करता था पर अब यह ट्रेंड बदल चुका है। - Dainik Bhaskar
कंधे पर बड़ा सा हथियार टांगकर घूमना पहले अंचल में लोगों की शान हुआ करता था पर अब यह ट्रेंड बदल चुका है

कंधे पर बड़ा सा हथियार टांगकर घूमना पहले अंचल में लोगों की शान हुआ करता था पर अब यह ट्रेंड बदल चुका है। अधिकतर लोग इन दिनों आधुनिक व छोटे तथा अच्छे दिखाई देने वाले हल्के हथियार पसंद कर रहे हैं। इसी कारण सर्वाधिक डिमांड वाली 12 बोर की सिंगल और डबल बैरल बंदूक चलन से बाहर हो चुकी है। इसकी जगह 65 हजार से अधिक कीमत वाली 5-7 फायर वाली पंप एक्शन गन ने ले ली है। जिनके पास पुरानी 12 बोर की बंदूकें हैं वे उसे बेचना चाहते हैं पर बाजार में कबाड़ जैसे भाव मिल रहे हैं।

इस बदलाव के दो बड़े कारण माने जा रहे हैं, पहला लोगों में अच्छे हथियार पर खर्च की लिमिट बढ़ी है और दूसरा युवा वर्ग अब बड़ा हथियार नहीं रखना चाहता। उसे फिल्मी स्टाइल के आधुनिक और छोटे हथियार ज्यादा पसंद आ रहे हैं। इन्हीं दो कारणों से पिस्टल-रिवाल्वर व पंप एक्शन गन की बिक्री तेजी से बढ़ी है।

लाइसेंसी हथियार के कारोबारी अशोक अग्रवाल ने कहा कि 12 बोर की पुरानी सिंगल और डबल बैरल गन अब बहुत कम लोग खरीदते हैं। 12 बोर के लाइसेंस भी कम बन रहे हैं। लोग अब पंप एक्शन गन और रिवाल्वर पसंद कर रहे हैं। वे खुद दो बार पुलिस लाइन में 12 बोर की पुरानी बंदूकें बिक्री न होने से राजसात के लिए जमा करा चुके हैं। वहीं 12 बोर का नया लाइसेंस लेने वाले देवेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने 76 हजार की पंप गन खरीदी। उन्होंने कहा कि पुराने मॉडल की गन 15-20 हजार में मिल रही थी, वह भारी ज्यादा होती है और दिखने में भी अच्छी नहीं लगती। इसी कारण उन्होंने महंगी होने के बाद भी पंप गन खरीदी है। उल्लेखनीय है कि जिले में सर्वाधिक 16 हजार लाइसेंसी हथियार 12 बोर के हैं।

लाइसेंस-35 हजार 163, और बढ़ेगी संख्या
जिले में वर्तमान में 35 हजार 163 लाइसेंसी हथियार हैं। यह संख्या अंचल में अन्य जिलों की तुलना में काफी अधिक है। चुनावी साल होने के कारण अगले 3-4 महीने में लाइसेंस तेजी से बनेंगे। दस दिन पहले तक जिले में 214 आवेदन मंत्री, सांसद व विधायकों की सिफारिश वाले लंबित थे।

अंग्रेजी व विदेशी हथियार की भी डिमांड
पिस्टल रिवाल्वर के कुछ खरीदार विदेशी हथियार की भी डिमांड करते हैं। चूंकि नए विदेशी हथियार की बिक्री होती नहीं है, इसलिए इन्हें पुराने लाइसेंसियों पर पहले से मौजूद हथियार उपलब्धता के आधार पर 3 लाख रुपए तक मिल जाते हैं। अब 45 बोर की पिस्टल भी बाजार में पिस्टल-रिवाल्वर के शौकीन लोग इन दिनों भारत में बनी 45 बोर की पिस्टल भी खूब खरीद रहे हैंं। यह बोर कुछ राज्यों में प्रतिबंधित है पर प्रदेश में इसकी बिक्री खूब हो रही है। इसकी कीमत 2.50 लाख और 3.50 लाख रुपए है।

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