लखनऊ कचहरी में जिस तरह वकील के वेश में आए शूटर ने माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मौत के घाट उतार दिया, उससे न्याय के मंदिर की सुरक्षा का सवाल सबको बेचैन कर रहा है। सच तो यह है कि कचहरी परिसर में पहले भी खून बहता रहा है। पहले भी कई संगीन वारदातें हुई हैं और कचहरी परिसर में चेकिंग की ठोस प्रणाली अब तक विकसित नहीं हो सकी है। 

मेटल डिटेक्टर डाेर लगे होने के बाद भी अवैध असलहों के प्रवेश को रोका नहीं जा सका। कोर्ट परिसर में हत्या जैसी संगीन वारदात के बाद भले ही आरोपी मौके पर पकड़े भी जाते रहे हैं, पर सुरक्षा प्रबंधों पर सवालिया निशान भी लगता ही रहा है।

कचहरी में होने वाली प्रमुख वारदातों की फेहरिस्त  ….

  • लखनऊ कचहरी परिसर में दो वर्ष पूर्व एक वकील पर बम से हमला हुआ था, जबकि बस्ती कचहरी परिसर में 28 फरवरी, 2019 को बुजुर्ग वकील जगनारायण यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वकील पर हमला तब हुआ था, जब वह कचहरी परिसर स्थित अपने चैंबर में मौजूद थे।
  • 17 दिसंबर, 2019 में को बिजनौर के सीजेएम कोर्ट में भी दिल दहला देने वाली वारदात हुई थी। जब जज के सामने हत्यारोपित शहनवाज को तीन हमलावरों से ताबड़तोड़ गोलियां दागकर मौत के घाट उतार दिया था। एक हत्यारोपी अब्बास भाग निकला था और तीनों हमलावर पकड़े गए थे।
  • वारदात में कोर्ट मोहर्रिर व दिल्ली पुलिस का एक सिपाही घायल भी हुआ था। भरी कोर्ट में हुई घटना ने कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगाया था और उसके बाद सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कई कड़े निर्देश दिए गए थे।
  • प्रयागराज सिविल कोर्ट परिसर वर्ष 2015 में तब खून से लाल हुआ था, जब एक दारोगा की रिवाल्वर से निकली गोली से वकील नबी अहमद की जान चली गई थी। इसके बाद पूरा शहर जल उठा था।
  • जुलाई 2014 में फैजाबाद (अयोध्या) की जिला अदालत में पूर्व ब्लाक प्रमुख व बाहुबली नेता मोनू सिंह को पेशी के लिए लाए जाने के दौरान भी बड़ी घटना हुई थी। हमलावरों ने कचहरी परिसर में बम व गोलियां दागी थीं, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी।
  • कचहरी परिसरों में ऐसी घटनाओं की सूची लंबी है। वर्ष 2012 में लखनऊ के सिविल कोर्ट परिसर स्थित शौचालय में पांच बम बरामद होने के बाद भी सुरक्षा प्रबंधों को लेकर सवाल उठे थे।
  • 23 नवंबर, 2007 को वाराणसी, लखनऊ व फैजाबाद (अयोध्या) कोर्ट में हुए बम धमाकों को भी भूला नहीं जा सकता। वारदात में 15 लोगों की जानें गई थीं।