ग्वालियर : बिना बिल के शराब बेच रहे ठेकेदार शराब ..!

बिना बिल के शराब बेच रहे ठेकेदार शराब, कोई हादसा हुआ तो कैसे पता लगेगा कहां से खरीदी …

एक सितंबर- 21 में शासन ने जारी दिया बिल देने के आदेश …

बिना बिल के शराब बेच रहे ठेकेदार शराब, कोई हादसा हुआ तो कैसे पता लगेगा कहां से खरीदी

ग्वालियर. आबकारी विभाग के ढुलमुल रवैया के कारण शराब ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। किसी भी शराब दुकान पर शराब खरीदने पर बिल नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में ठेकेदार मनमाने रेट पर शराब बेच रहे हैं। यदि किसी दुकान से शराब खरीदने पर किसी ग्राहक को नुकसान होता है तो वह कैसे इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगा, लेकिन इन सब के बाद भी आबकारी विभाग शराब दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं कर रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने सितंबर-2021 में शराब के साथ बिल देने का नियम शुरू किया था, लेकिन शराब दुकानदार इस नियम को लेकर गंभीर नहीं है। नियम लागू होने के बाद बिल देने की प्रक्रिया एक-दो महीने चली उसके बाद सब ठंडे बस्ते में चली गई। एक अप्रेल-23 से नए ठेके शुरू हो गए है, लेकिन नियम मानने को कोई शराब ठेकेदार तैयार नहीं है।

ग्वालियर शहर में करीब 80 फीसदी शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस को रिन्यु करा लिया है, इसलिए उनकी मोनोपॉली जारी है। शराब ठेकेदार वर्तमान में मनमाने रेट पर शराब बेच रहे हैं, क्योंकि इस बार भी पिछली बार से दस फीसदी अधिक राशि में ठेके की नीलामी हुई। ज्यादातर ठेकेदार पुराने है, इसलिए वह अपनी मनमानी कर रहे हैं। क्योंकि अब उनका किसी से कंपटीशन नहीं है।

एक सितंबर-21 से बिल देना किया था लागू
मध्यप्रदेश में दुकानदारों को शराब खरीदने पर ग्राहकों को बिल (कैश मेमो) देना एक सितंबर-2021 से अनिवार्य कर दिया गया था। कई दुकानदार शराब को तय कीमत से ज्यादा में बेच रहे हैं। जिसे देखते हुए आबकारी विभाग ने यह आदेश जारी किए था। लाइसेंस धारी शराब विक्रेताओं को कैश मेमो का ङ्क्षप्रट करा कर उसका प्रमाणीकरण आबकारी कार्यालय में करवाना अनिवार्य होगा। जिसके बाद ही इस रसीद को उपयोग में लाया जा सकेगा। इसके साथ ही कार्बन कॉपी दुकानदार को शराब की ठेका अवधि समाप्त होने तक रखना अनिवार्य है। बिल पर सभी दुकानों पर पर अधिकृत अधिकारी के मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है।

दुकानों से संबंधित बीट अधिकारी के नंबर गायब
शराब दुकानों के बाद ठेकेदार को रेट लिस्ट और संबंधित आबकारी विभाग के बीट अधिकारी का नंबर चस्पा करना है, लेकिन ठेकेदार नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। कुछ दुकानों पर मूल्य से अधिक राशि की वसूलने की शिकायतें सामने आ रही हैं। कुछ दुकानदार बोतल के बजाय क्वार्टर और पौवा देते हैं क्योंकि यह महंगे पड़ते हैं और मजबूरी में ग्राहक को बोतल के जगह क्वार्टर या हाफ लेना पड़ती है। इसलिए भी कुछ दुकानदार बिल नहीं देते हैं। दुकानों के बाहर रेट लिस्ट भी लगाना थी, लेकिन कुछ दुकानों को छोड़कर बाकी दुकानों ने रेट लिस्ट भी गायब है।

औचक निरीक्षण कर होगी जांच
ग्राहकों बिल न देना शराब ठेकेदार की लापरवाही है। आबकारी टीम औचक निरीक्षण कर दुकानों की जांच करेगी। यदि किसी ने रेट लिस्ट और संबंधित के नंबर भी चस्पा नहीं किए है तो उनके चेतावनी दी जाएगी।
संदीप शर्मा, सहायक जिला आबकारी आयुक्त, ग्वालियर

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