मालवा और निमाड़ से खुलता है सत्ता का रास्ता ..!
मालवा और निमाड़ से खुलता है सत्ता का रास्ता, इसलिए भाजपा-कांग्रेस का यहां ज्यादा फोकस
दोनों ही दलों के दिग्गजों का इंदौर में आज डेरा, खूब चलेंगे सियासी तरकश से तीर…
नाथ और दिग्विजय संभालेंगे मोर्चा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी रविवार को इंदौर में हैं। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में युवा आदिवासी महापंचायत को उनके साथ कन्हैयाकुमार भी संबोधित करेंगे। आयोजन में संभागीय स्तर से आदिवासी युवा आ रहे हैं। वहीं, रेडिसन होटल में होने वाले महिला कांग्रेस के कार्यक्रम में नाथ और दिग्विजय साथ होंगे। सिंह कई और कार्यक्रम में शामिल होंगे। बड़ी बात यह है कि मालवा-निमाड़ में कांग्रेस भी मजबूती से अपनी बिसात जमा रही है।
इंदौर. मध्यप्रदेश की सत्ता का रास्ता मालवा और निमाड़ से होकर गुजरता है, जिस पर अब भाजपा व कांग्रेस दोनों का फोकस हो गया है। इस क्षेत्र में आने वाली 66 विधानसभा सीटों को लेकर दोनों ही पार्टियों ने ताकत लगा दी है। रविवार को इंदौर में राजनीति माहौल गरम रहेगा। एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा के सभी दिग्गज जुटेंगे तो दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ व दिग्विजयसिंह पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। 2003 के बाद से मालवा-निमाड़ पर 15 साल भाजपा का वर्चस्व रहा, जिसके चलते पार्टी की लगातार 3 बार सरकार बनी। 2018 के चुनाव में भाजपा को यहां भारी नुकसान हुआ। असर रहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। हालांकि, 15 माह से ज्यादा सरकार नहीं चल पाई। 22 विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली, जिसमें मालवा के भी विधायक थे। इसमें तुलसीराम सिलावट, जयवर्धन सिंह दत्तीगांव व मनोज चौधरी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इससे दोनों ही दलों को समझ आ गया है कि सरकार बनाना है तो मालवा-निमाड़ को जीतना होगा।
भाजपा अपने चुनावी अभियान का शंखनाद मालवा-निमाड़ के केंद्र बिंदू इंदौर से करने जा रही है। कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के लिए अमित शाह आ रहे हैं। उनके साथ सीएम शिवराजसिंह चौहान के अलावा चुनाव प्रबंध समिति के प्रभारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, फग्गनसिंह कुलस्ते, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, हितानंद शर्मा, प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इंदौर आ रहे हैं।
इंदौर संभाग में भाजपा की 2018 में सीटें घटीं : 2018 में इंदौर संभाग की 37 सीट में से भाजपा के हाथ 11 ही लगी थी, जबकि 2013 के चुनाव में 28 विधायक थे। उज्जैन संभाग में अच्छा प्रदर्शन रहा था। 29 में से 9 ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी, जिससे पार्टी की नींद उड़ी हुई है।