ग्वालियर : सीवर मेंटेनेंस का 12 करोड़ का ठेका दिया फिर भी सड़कों पर कई जगह बह रही गंदगी

आम जनता हो रही परेशान:सीवर मेंटेनेंस का 12 करोड़ का ठेका दिया फिर भी सड़कों पर कई जगह बह रही गंदगी

शहर की सड़कों पर जगह-जगह बहते सीवर की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने 12 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का ठेका तीन कंपनियों को एक साल के लिए दिया, लेकिन उक्त कंपनियां ढंग से काम ही नहीं कर रही हैं। आलम यह है कि महलगांव, सरस्वती नगर, गुरुद्वारा के पीछे आदि स्थानों पर सीवर सड़क पर बह रहा है।

ज्ञात रहे पहले नगर निगम खुद ही सीवर सफाई, चेंबर सुधारने आदि का काम देखता था। निगम ने इसके लिए सीवर लाइन की सफाई के लिए वाहन तक खरीदे। लेकिन प्रशासक काल के दौरान निजी हाथों में अफसरों ने व्यवस्था दे दी। पिछले दिनों परिषद में पार्षदों ने कहा था कि जब व्यवस्था संभल नहीं रही, तो इसे निगम खुद के स्टाफ से संचालित कराए।

निगम ने शहर के 60 वार्डों में सीवर साफ करने का जिम्मा तीन निजी कंपनियों को दिया, जिसमें कंपनी को ही खुद की मशीन और स्टाफ रखना है। लेकिन अक्सर नगर निगम की सीवर सफाई करने वाली मशीनें सड़कों पर नजर आती हैं। निगम के डीजल डिपो से रोज 9 वाहनों में 300 लीटर डीजल डाला जा रहा है। निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि यदि इस सच्चाई की जांच करा ली जाए, तो सीवर मेंटेनेंस सेल की तस्वीर सामने आ जाएगी।

अफसर समस्या से जानबूझकर अनजान, कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता

  • मंशापूर्ण मंदिर के बाहर: पुल के पास नर्सरी है। यहीं रोड पर चेंबर से सीवर का पानी निकलता रहता है। यहां आने वाले भक्तों को गंदे पानी में से होकर निकलना पड़ रहा है।
  • महलगांव: यहां पर सीवर लाइन चोक है। सुबह सड़क पर गंदे पानी की नदी जैसे हालात हो जाते है। यहां रहने वाले भानू प्रताप दुबे का कहना है कि लंबे समय से सीवर समस्या से जूझ रहे हैं। बारिश में हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं।
  • गुरुद्वारा के पीछे बनी दुकान: फूलबाग गुरुद्वारा के पीछे बनी दुकानों के नजदीक के सीवर चोक चाहे जब हो जाती है। शनिवार को निगम की गाड़ी से चेंबर की सफाई कराई जा रही थी।
  • सरस्वती नगर: यहां केे रामकुमार सिंह का कहना है कि पिछले एक महीने से परेशानी से जूझ रहे हैं। निगम में कोई सुनने वाला नहीं है। शिकायत पर थोड़ी बहुत सफाई कर चले जाते हैं। अगले दिन फिर पानी सड़क पर बहने लगता है।

अब मैदान में दो कंपनी कर रहीं काम

निगम ने 60 वार्डों को 8 जोन में बांटकर ठेकेदारों को विधानसभा वाइज काम सौंपा था। ये काम तीन कंपनियों को जून 2023 से एक साल के लिए करना है। इन कंपनियों में तुंबा कंस्ट्रक्शन कंपनी, अजय सिंह राठौर और नवग्रह (महेश पाल) कंपनी को सौंपा था। ग्वालियर विधानसभा में दो सफाई संरक्षकों की मौत के बाद महेश पाल की कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया। यह जिम्मेदारी तुंबा कंपनी को दी गई। दोनों कंपनी को सीवर की सफाई, सिल्ट हटाने, सीवर चेंबरों की मरम्मत और बदलना, सीवर लाइन को बदलना और खुद की मशीनें रखना है।

18 जगह सफाई कराई गई चेंबर भी अधिकांश बंद हुए

सीवर की समस्या बारिश से थोड़ी ज्यादा है। निगम ने शनिवार को 18 स्थानों पर चोकिंग खत्म की है। जहां चेंबर खुले थे। वे अधिकांश बंद हो चुके है। कहीं ऐसी दिक्कत हैं, तो ठीक करा देंगे। सीवर सफाई में ठेकेदार निगम की मशीन का उपयोग करता है, तो उसके भुगतान के बिल में उक्त मशीनों के किराए की राशि को काट दिया जाता है।
आयुक्त, नगर निगम

हादसे के बाद भी सबक नहीं

  • आदित्यपुरम: यहां पर ग्रीन बुड स्कूल जाने का मार्ग है। यहां रहने वाले कमल सिंह तोमर और बांके सिंह भदौरिया का कहना है कि कई दिनों से चेंबर खुला पड़ा है। एक-दो वाहन चालक गिर गया था। शिकायत के बाद भी सुधार नहीं हुआ।
  • मोती तबेला के सामने: यहां पर फुटपाथ पर लोग पैदल निकलते हैं। यहां का चेंबर आधा खुला हुआ है।
  • दर्जीओली: श्रीराम धर्मशाला के सामने सीवर चेंबर का ढक्कन आधा टूटा और आधा खुला पड़ा है।

एक सप्ताह में बंद करना थे खुले चेंबर और गड्ढे

चार शहर का नाका पर घटित घटना के बाद आयुक्त हर्ष सिंह ने एक सप्ताह में खुले चेंबर पर ढक्कर, टूटे को सुधारने और गड्ढों को बंद करने के निर्देश दिए थे। निर्देश में कहा गया था कि यदि चेंबर खुले पाए गए, तो जिम्मेदार पर एक्शन होगा। एक सप्ताह बाद भी अभी भी चेंबर खुले और टूटे पड़े हुए हैं।

जिम्मेदारों ने सीवर चोक होने के बताए कारण

सीवर लाइन में छोटे-बड़े 200 नाले मिल रहे हैं। उनकी गंदगी पहुंच रही है। { एक लाख भैंस शहर में पल रही हैं। उनका गोबर सीवर में पहुंच रहा है। { बारिश का पानी गंदगी को बहाकर सीवर में पहुंच जाता है। इससे चोक की समस्या बढ़ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *