ग्वालियर …. Scam in PHE:मास्टर माइंड पंप आपरेटर हीरालाल आर्य लक्जरी लाइफ स्टाइल जीता है
Scam in PHE: पंप आपरेटर हीरालाल हवाई यात्रा का शौकीन काली कमाई से उसके पास रिजार्ट, सात कार
Scam in PHE: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग में 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टर माइंड पंप आपरेटर हीरालाल आर्य लक्जरी लाइफ स्टाइल जीता है। हवाई यात्रा का शौकीन है। उसके पास रिजार्ट, सात कारें हैं।
ग्वालियर । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग में 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले का मास्टर माइंड पंप आपरेटर हीरालाल आर्य लक्जरी लाइफ स्टाइल जीता है। हवाई यात्रा का शौकीन है। उसके पास रिजार्ट, सात कारें हैं। फर्जीवाड़ा करने उसने दो नाम रखे हैं। विभाग में सब उसे हीरालाल के नाम से जानते हैं, लेकिन बिजनेस लाइन में वह अशोक राज के नाम से जाना जाता है। इसी नाम से उसने फेसबुक अकाउंट बनाया है। इस अकाउंट में लक्जरी लाइफ स्टाइल के फोटो भी अपलोड किया गया है। हालांकि घोटाले का खुलासा होने के बाद उसने अपना अकाउंट लाक कर रखा है।
पिछले दिनों उसका जन्मदिन भी रोशनीघर स्थित पीएचई कार्यालय में मनाया गया था। पार्टी के फोटो-वीडियो भी अपलोड किए गए थे। उसने काली कमाई से अपने नाम से रिजार्ट भी बना रखा है। हीरालाल द्वारा अशोक राज के नाम से बनाए फेसबुक अकाउंट में परिवार सहित फ्लाइट से सफर करने के फोटो अपलोड हैं। वह परिवार के साथ छुट्टी मनाने हिल स्टेशन गया था। हिल स्टेशन पर मौज-मस्ती के फोटो फेसबुक प्रोफाइल में हैं। उसके पास सात कारें हैं, जो पीएचई विभाग में अनुबंध पर लगाई गई थीं। घोटाले का खुलासा होने से हीरालाल फरार है। उसके घर में ताला लगा हुआ है।
डीडीओ ने दिए थे आइडी-पासवर्ड
सामने आया है वर्तमान आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ) संजय सिंह सोलंकी ने भरोसे में हीरालाल को ट्रेजरी में लेनदेन के अधिकार संबंधी आइडी-पासवर्ड दे दिए थे, ताकि उनकी अनुपस्थिति में कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के भुगतान में देरी न हो। इसी का गलत फायदा हीरालाल ने उठाया है। उसने इसका लाभ उठाते हुए अकाउंट नंबरों में परिवर्तन किया और अपने रिश्तेदारों के खातों में राशि ट्रांसफर कर दी। पीएचइ विभाग के अधिकारी इस इंतजार में हैं कि उन्हें बैंकों से उन 21 खातों की जानकारी मिल सके, जिनमें करोड़ों रुपए की राशि ट्रांसफर हुई है लेकिन खाताधारक के नामों की जानकारी नहीं है। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि हीरालाल ने अपने कई रिश्तेदारों के खातों में धीरे-धीरे कर करोड़ों रुपए जमा किए हैं। उन खातों का भी पता चल गया है। ऐसे में विभाग का प्रयास है कि पुलिस के माध्यम से यह जांच हो कि यह पैसा इन खातों से कैसे निकाला गया है। इसके अलावा रिश्तेदारों से भी पूछताछ हो, ताकि मामले में और जानकारियां सामने आ सके।
पीएचई घोटाला
सबूत जुटाने के बाद गिरफ्तार करेगी पुलिस ग्वालियर (नप्र)। पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले में पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं करेगी। पुलिस का फोकस सबूत जुटाने पर है। सोमवार को पुलिस पीएचई विभाग के दफ्तर जाएगी। सबूत जुटाने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी होगी। इससे यह जेल से बाहर न आ सकेंगे। घाेटाले से जुड़े तीन और नाम सामने आए हैं। पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले में पुलिस ने हीरालाल और उसके साढ़ू के बेटे राहुल आर्य पर एफआइआर दर्ज की है। हीरालाल पंप अटेंडर है। साढ़ू का बेटा अवैध रूप से कंप्यूटर आपरेटर के पद पर काम कर रहा था। एएसपी ऋषिकेष मीणा का कहना है अभी पूरा फोकस दस्तावेज एकत्रित करने पर है। सबूत जुटाने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी।
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PHE घोटाले में एक और खुलासा, ट्रेजरी विभाग की भी मिलीभगत आई सामने
पीएचई विभाग में हुए घोटाले में ट्रेजरी विभाग की मिलीभगत सामने आई है। हालांकि विभाग ने इस बात से इनकार किया है।
पीएचई विभाग में हुए घोटाले में ट्रेजरी विभाग की संलिप्तता भी सामने आई है
ग्वालियर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हुए 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस घोटाले में अब सिर्फ विभाग ही नहीं, बल्कि ट्रेजरी के स्टाफ की मिलीभगत भी सामने आई है। इसका कारण यह है कि विभाग के विभिन्न मदों में पैसा नहीं होने के बावजूद मद बदलकर भुगतान किया गया है। यह सिर्फ विभाग के स्तर पर होना संभव नहीं है। हालांकि ट्रेजरी के अधिकारियों का कहना है कि ये बिल कार्यपालन यंत्री की आइडी से ही जनरेट होकर ट्रेजरी तक पहुंचे हैं और मद में पैसा न होने की बात गलत है।
21 बेनामी खातों में हुआ करोड़ों का ट्रांजेक्शन
21 बेनामी खातों में भी करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ही बैंक शाखा में खुले आठ अलग-अलग खातों में पैसा भेजा गया है। इससे पता चल रहा है कि यह सोचा समझा षड्यंत्र है। विभाग अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि ये खाते कब और किसके नाम पर खोले गए हैं।
इन खातों में हुआ ट्रांजेक्शन
बैंक आफ बड़ोदा ग्वालियर शाखा में आठ खाते हैं। इन खातों में एक करोड़ 95 हजार 169 रुपये जमा किए गए हैं। इसी प्रकार सेंट्रल बैंक आफ इंडिया महाराजपुरा शाखा के एक खाते में चार लाख 90 हजार 708 रुपये, विजया बैंक की ग्वालियर शाखा के पांच खातों में 51 लाख 10 हजार 904 रुपये भेजे गए हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक की हजीरा शाखा के पांच खातों में भी बड़े स्तर पर ट्रांजेक्शन हुआ है।
इनमें से एक खाता उस फर्म मां पीतांबरा हाथकरघा वस्त्र उद्योग का भी है, जिसमें क्लोरीन खरीद के नाम पर 6.24 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गई थी, उसके संचालक का नाम प्रदीप पलरया है। पाताली हनुमान के नजदीक ही पलरया मार्केट के नाम से प्रदीप की दुकानें भी हैं। घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद से प्रदीप भी गायब है।
विभाग के इंजीनियर वापस लेते थे राशि
जानकारी के अनुसार प्रदीप ने अपने कुछ दोस्तों को यह बात बताई है कि राशि उसके खाते में आने के बाद विभाग के इंजीनियर ही इसे वापस ले लेते थे। उसे सिर्फ जीएसटी और मामूली कमीशन ही मिलता था। प्रदीप का मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है।
एसई कार्यालय से भागा हीरालाल का सहयोगी
इस मामले में अभी तक मास्टर माइंड कहे जा रहे बिल क्रिएटर हीरालाल के सहयोगी और रिश्तेदार राहुल आर्य को विभाग के अधिकारियों ने पिछले 36 घंटे से पूछताछ के लिए अधीक्षण यंत्री कार्यालय में बैठा रखा था। राहुल के खातों में भी 40 लाख 48 हजार रुपये से अधिक रकम ट्रांसफर हुई है। गुरुवार को राहुल मौका पाकर कार्यालय से भाग गया।
जांच दल गठित
इस मामले में पीएचई विभाग भोपाल ने भी एक जांच दल का गठन कर ग्वालियर भेजा है। इसमें प्रभारी मुख्य अभियंता वीपी सोनकर की अगुवाई में चार सदस्यीय दल ने गुरुवार को रोशनीघर स्थित कार्यालय में बैठकर दस्तावेज खंगाले। चूंकि बिल प्रस्तुत करने और भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन है, इस कारण कंप्यूटर से सारे बिलों को डाउनलोड कर एकत्रित किया गया। पहले दिन टीम ने दस्तावेजों में गड़बड़ियां पकड़ने की कोशिश की है। वहीं वित्त विभाग से भेजी गई खातों की सूची का मिलान भी कर्मचारियों के खातों के साथ किया जा रहा है।
विभागीय स्तर पर भोपाल से भी जांच टीम का गठन किया गया है। इस टीम ने गुरुवार को रोशनीघर स्थित कार्यालय में दस्तावेज खंगाले हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर एफआइआर दर्ज की जाएगी। -आरएलएस मौर्य, मुख्य अभियंता पीएचई