ग्वालियर : 40 लाख की स्मैक केस में जांच पर सवाल !

कोर्ट ने दोषपूर्ण जांच से कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए दो आरोपी किए बरी

  • जनवरी 2021 का है मामला

ग्वालियर में विशेष न्यायालय ने चालीस लाख रुपए की स्मैक के साथ पकड़े गए दो आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने दोनों आरोपी प्रमोद जाटव, गौरव राजपूत के खिलाफ क्राइम ब्रांच की दोषपूर्ण जांच से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।

दोषपूर्ण जांच से कार्रवाई के संदिग्ध होने पर आरोपियों को इसका फायदा देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। इससे पहले भी एक बार कोर्ट में पुलिस द्वारा पकड़ी गई ड्रग नकली निकल चुकी है। उस मामले में पुलिस की पूरे देश में किरकिरी हुई थी।

विशेष न्यायाधीश निवेश कुमार जायसवाल ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत मौखिक साक्ष्य और दस्तावेज, साक्ष्य विसंगतिपूर्ण है जो प्रकरण में संदेह उत्पन्न करती है। मामला शरीर की तलाशी के फलस्वरूप मादक पदार्थ की बरामदगी का है, फिर भी अधिनियम की धारा 50 के आदेशात्मक प्रावधान का पालन नहीं किया गया। इस धारा का पालन नहीं होने से अभिग्रहण की सभी कार्रवाई दूषित और अवैध हो जाती है। इस अधिनियम का पालन न करना अपने आप में दोषमुक्ति का एकमात्र आधार है। लिहाजा आरोपी प्रमोद और गौरव को दोषमुक्त किया गया। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मौके पर जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर 400 ग्राम स्मैक जब्त की तब यह कैसे संभव है कि थाने में पंचनामा बनाया जाए। इस तरह से अभियोहजन की कार्रवाई संदिग्ध हो जाती है। इस मामले में गवाहों और पुलिस के बयान भी विरोधाभासी थे।

ऐसे समझिए पूरा मामला
क्राइम ब्रांच को 9 जनवरी 2021 को रात मुखबिर से सूचना मिली थी कि लक्ष्मणगढ पुल के नीचे भिण्ड रोड ग्वालियर पर दो व्यक्ति जिसमें एक क्रीम कलर की जैकेट व दूसरा चॉकलेट कलर की जैकेट पहने खडे हैं, जो बड़ी मात्रा स्मैक की डील करने वाले हैं। यदि तुरंत कार्यवाही नहीं की गई तो वे स्मैक बेचकर वहां से गायब हो सकते हैं। इस सूचना पर डीएसपी से निर्देश लेकर टीम को मौके पर भेजा गया। पुलिस की टीम को देखकर आरोपियों ने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड लिया। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम संजय जाटव, प्रमोद जाटव बताया। कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उनकी जांच की गई जांच में उनके पास से 400 ग्राम स्मैक बरामद की गई। इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने गौरव राजपूत को भी आरोपी बनाया। पुलिस ने जब्त की गई स्मैक को जांच के लिए भेजा। जांच में स्मैक की पुष्टि होने पर धारा 52 ए NDPS ACT की कार्रवाई की गई थी।

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