शाह के चार दौरे, तेज हुए शह-मात के दांव !

गाइडलाइन पर कदमताल: शाह-मोदी की निगरानी में होगी भाजपा की कैम्पेनिंग ….

भोपाल. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश के चार दौरों में चुनावी सियासत के लिए अहम मंत्र दिए हैं। इसके तहत हर दौरे के बाद शाह की बिसात पर शह-मात के दांव तेज हो गए। अब फिर शाह के दौरे के बाद दिग्गजों ने कदमताल शुरू कर दी है। शाह के रवाना होने के दूसरे ही दिन 39 प्रत्याशियों की ट्रेनिंग भी कर ली गई और बगावती सुरों को लेकर डैमेज कंट्रोल पर काम शुरू कर दिया गया। साथ ही सभी 39 सीटों से फीडबैक भी मंगाया गया है।

अमित शाह की सीधी निगरानी के कारण संगठन में बेहद तेजी से कसावट आई है। सबसे पहले क्षत्रपों ने मैदानी दौरे शुरू किए, जिसके तहत कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने और समन्वय पर फोकस किया गया। खास बात ये रही कि इससे पहले इस तरह के दौरे नहीं हो रहे थे। इससे पहले केवल सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ही दौरे कर रहे थे। शाह की निगरानी के बाद क्षत्रप भी मैदान में उतरे। इसके अलावा संगठन के स्तर पर भी बैठकों के दौर बढ़ गए। इतना ही नहीं दलबदल के जरिए भाजपा में ज्वाइनिंग करने वालों की संख्या बढ़ी।

कब कौन सा संदेश

11 जुलाई: भोपाल मुख्यालय आए। संदेश- समन्वय-एकजुटता-सक्रियता। असर- अगले ही दिन संगठन ने बैठक की। समितियों पर काम शुरू हुआ।

26 जुलाई: भोपाल दौरा-पार्टी बैठक। संदेश- मैदान में सक्रियता जरूरी। असर- क्षत्रप नेता मैदानी दौरे करने लगे। जोड़-तोड़ पर ज्यादा काम।

30 जुलाई: इंदौर-जानापाव दौरा। संदेश- आदिवासी-ब्राह्मणों को साधा। असर- समन्वय को लेकर फोकस। क्षत्रपों के मैदानी दौरे बढ़े।

20 अगस्त: भोपाल-ग्वालियर दौरा। संदेश- गरीब कल्याण पर चुनाव। असर- 39 प्रत्याशी ट्रेनिंग-इन सीटों से फीडबैक। समन्वय पर काम

भाजपा ने हर सीट पर ऐसे लोगों की सूची तैयार की, जो चुनावी दृष्टि से उसके लिए पार्टी में आने पर फायदेमंद रहे। ऐसे लोगों को पार्टी से जोड़ा जाने लगा।

1. शाह ने प्रत्याशी चेहरे के बजाय कमल निशान को प्रमुखता पर रखने को कहा है। कैम्पेनिंग में कमल निशान को ही तवज्जो दी जाएगी। यूनिफॉर्म कैम्पेनिंग पर जोर दिया जाएगा। प्रत्याशी के स्तर की कैम्पेनिंग अलग रहेगी।

2. एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी को भी चुनावी थीम में रखा जाएगा। संदेश देने की कोशिश है कि मोदी के नाम पर जनता वोट दे। शाह ने रविवार को सदस्यता अभियान शुरू किया। सोमवार से भाजपा नेकाम शुरू कर दिया है।

3. गरीब कल्याण अभियान के तहत हर विधानसभा में काम शुरू किया जाएगा। पहले चरण में योजनाओं के लाभार्थी को लक्ष्य पर रख गया है। इसके तहत लोगों को भाजपा से जोडऩे के लिए प्रयासशुरू कर दिए गए हैं।

4. कमजोर व हारी सीटों को प्रमुखता पर रखा गया है। क्षत्रप इन सीटों पर ध्यान देेंगे। दौरे शुरू कर दिए गए हैं। आगे इन पर बड़े नेता भी पहुंचेंगे। शाह व मोदी के दौरे या सभाएं भी इन जगहों पर रखी जा सकती है।

रविवार को शाह ने मप्र में सक्रियता के सवाल पर कहा था कि आपको क्या आपत्ति है। जहां चुनाव होते हैं, वहां मैं जाता हूं।

मायने: यानी शाह के दौरे और चुनाव पर सीधी निगरानी व सक्रियता बरकरार रहेगी। आने वाले समय में दौरे बढ़ सकते हैं।

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