चंद्रयान 3 की सफलता में लखनऊ की बेटी ने निभाई अहम भूमिका !

 चंद्रयान 3 की सफलता में लखनऊ की बेटी ने निभाई अहम भूमिका, दी गई थी ये बड़ी जिम्मेदारी
 चंद्रयान 3 की सफल लैंडिग का लखनऊ से भी खास कनेक्शन है. इस मिशन में लैंडिंग की अहम जिम्मेदारी लखनऊ की बेटी के कंधों पर ही थी.
भारत के चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) ने चंद्रमा की सतह पर कदम रख दिया है, जिसके बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना गया है. भारत की एतिहासिक सफलता से आज हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है, तो वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) का जोश और भी ज्यादा हाई है, क्योंकि चंद्रयान 3 की सफलता का लखनऊ से भी खास कनेक्शन है. क्योंकि इस शहर की बेटी डॉ ऋतु करिधल (Ritu Karidhal) के कंधों पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग कराने की अहम जिम्मेदारी थी. ऋतु करिधल को भारत की ‘रॉकेट वूमेन’ भी कहा जाता है.

ऋतु करिधल लखनऊ के राजाजी पुरम इलाके की रहने वाली हैं. यहां पर आज भी उनका पैतृक घर है. चंद्रयान 3 की सफलता के बाद उनके घर पर जश्न का माहौल है. यहां पर आज भी उनके भाई हैं. ऋतु ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा लखनऊ के ही नवयुग कन्या इंटर कॉलेज से की है. ऋतु बचपन से ही पढ़ने में बेहद होशियार थीं और स्कूल में हमेशा अव्वल रहती थीं. शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने लखनऊ यूनिव‌र्सिटी से बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की और फिर पीएचडी में दाखिला ले लिया.

ऋतु के कंधों पर थी लैंडिंग की जिम्मेदारी

कुछ समय बाद ही उनका चयन गेट परीक्षा में हो गया और फिर वो यहां से IISC बेंगलुरु चली गईं. इसी बीच उनका सलेक्शन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो में हो गया. इसके बाद ऋतु ने इसरो के कई बड़े प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई. चंद्रयान 3 मिशन में भी उन्हें लैंडिंग जैसे सबसे अहम जिम्मेदारी दी गई थी. वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं. अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं. इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं.

पूरी दुनिया कर रही है भारत को सलाम

23 अगस्त को चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद पूरी दुनिया भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा का सलाम कर रही है. भारत ने चांद के उस हिस्से पर कदम रखा है जहां पर आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है. चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर प्रज्ञान भी बाहर आ गया है. करीब ढाई घंटे के बाद प्रज्ञान को बाहर निकला और अब उसने चांद पर चहलकदमी शुरू कर दी है. प्रज्ञान अब 14 दिन तक चांद पर रहकर स्टडी करेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा. यहां से सभी जानकारियां धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्टों को भेजी जाएंगी.

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