सिर्फ 615 करोड़ में चांद पर पहुंचा भारत !
सिर्फ 615 करोड़ में चांद पर पहुंचा भारत ...तीन गुना ज्यादा खर्च करके भी फेल हुआ रूस का लूना-25; क्यों भारतीय स्पेस मिशन दूसरों से बेहतर
तस्वीर 23 अगस्त 2023 को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करते चंद्रयान-3 की है ….
23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा। इसके साथ ही भारत सबसे कम खर्च में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। भारतीय वैज्ञानिकों ने सिर्फ 615 करोड़ रुपए खर्च कर यह कारनामा कर दिखाया है।
चांद पर पहुंचने के लिए 3 साल पहले चीन ने अपने ‘चांग ई- 4’ प्रोजेक्ट पर 1365 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं, रूस ने अपने लूना-25 प्रोजेक्ट के लिए 1659 करोड़ रुपए लगाए थे। इन देशों का खर्च भारत के चंद्रयान-3 के बजट से दोगुना से भी ज्यादा है।
सबसे पहले जानिए भारत के स्पेस मिशन दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में इतने सस्ते क्यों होते हैं?
इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ के. सिवान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि तीन वजहों से भारत के स्पेस मिशन दुनिया के दूसरे देशों से सस्ते होते हैं…
1. कम खर्च में सफल मिशन को अंजाम देने के लिए भारत ने स्वदेशी पीएसएलवी तैयार किए हैं। यह एक तरह का उपग्रह प्रक्षेपण वाहन होता है, जिसके जरिए स्पेस में सैटैलाइट भेजे जाते हैं।
2. पिछले कुछ सालों से भारत विदेश से महंगे सामान और टेक्नोलॉजी लाने के बजाय स्वदेशी टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहा है।
3. पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलने के लिए बूस्टर या कहें शक्तिशाली रॉकेट की जरूरत होती है। इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है, लेकिन भारत ने इसी गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल करके कम खर्च में चंद्रयान-3 को चांद पर भेजा है।