Scam in PHE: ग्वालियर । पीएचई घोटाले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। पीएचइ के ऐसे कर्मचारी जिनकी मौत पिछले कुछ सालों में हो चुकी है, इन कर्मचारियों को यह घोटाला करने वाले लोगों ने रिकार्ड में जिंदा रखा। इसके बाद इनके नाम से वेतन और भत्ते निकालते रहे। यह पैसा 71 खातों में गया। इस खुलासे के बाद इसमें पूरे सिस्टम की ही मिलीभगत पुलिस मान रही है। क्योंकि विभाग के जिन कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, उनकी हाजिरी से लेकर ड्यूटी पर मौजूदगी तक दर्शाई गई।

घोटाले से पूरा विभाग हिला हुआ है

पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद पूरा महकमा हिला हुआ है। इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में एफआइआर दर्ज की गई। पंप अटेंडर हीरालाल और उसके भतीजे राहुल आर्य की भूमिका सामने आई है। इन दोनों पर ही एफआइआर दर्ज की गई है। एएसपी ऋषिकेष मीणा ने बताया कि राहुल आर्य अभी रिमांड पर है। उससे पूछताछ चल रही है। अब तक 71 बैंक खाते ऐसे हैं, जिनमें पैसा गया। इन्हें फ्रीज करवाया गया है। लेकिन इसके अलावा भी करीब 200 ऐसे खाते हैं, जो संदिग्ध है। अभी पूरा रिकार्ड जब्त नहीं हुआ है।

राहुल आर्य ने किया खुलासा

राहुल आर्य से पूछताछ हुई तो उसने बुधवार को नया खुलासा किया। उसने पूछताछ में बताया कि पीएचइ के ऐसे नियमित और संविदा कर्मचारी, जिनकी पिछले कुछ सालों में मौत हुई है। उन्हें रिकार्ड में जीवित रखा गया। बाकायदा फर्जीवाड़ा करन उनकी हाजिरी लगाई गई, उन्हें ड्यूटी पर दर्शाया गया और उनके नाम से वेतन-भत्ते इन खातों में जाते रहे। ऐसे कई कर्मचारी हैं, जिनके मृत होने के बाद भी उनके नाम से वेतन निकलता रहा। अब इस संबंध में विभाग से जानकारी मांगी जा रही है कि कितने कर्मचारी पिछले 5 साल में मृत हुए हैं।