कोटा पहुंचने के 6 महीने में ही 12 छात्रों ने चुनी मौत !

कोटा पहुंचने के 6 महीने में ही 12 छात्रों ने चुनी मौत, अब दो महीने तक कोचिंग सेंटरों के टेस्ट लेने पर रोक
कोटा इन दिनों छात्रों की आत्महत्या के मामलों के कारण चर्चा में है. इस साल अब तक कुल 23 छात्र सुसाइड कर चके हैं, जो पिछले 8 वर्षों में सबसे अधिक हैं. अब सरकार ने सभी कोचिंग सेंटरों को 2 माह तक परीक्षा नहीं लेने को कहा है.

राजस्थान के कोटा की चर्चा जब भी होती है, तो वहां के कोचिंग सेंटर और उनमें पढ़ने वाले छात्रों की होती है. देश भर से जेईई और नीट की तैयारी के लिए छात्र यहां कोचिंग सेंटरों में पढ़ने के लिए आते हैं. यहीं कारण है कि इसे कोटा ‘फैक्ट्री’ या कोटा जक्शन के नाम से भी जाना जाता है. मौजूदा समय में कोटा छात्रों की आत्महत्या के मामले में चर्चा में हैं. इस साल अब तक कुछ 23 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें से ज्यादा तर स्टूडेंट्स कोटा पहुंचने के 6 महीने के अंदर की सुसाइड कर लिया.

दो महीने तक नहीं होगा कोई टेस्ट

लगातार बढ़ रही छात्रों की आत्महत्या की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों को दो महीने के लिए कोई भी टेस्ट और परीक्षा नहीं कराने का आदेशन दिया है. साथ ही 15 दिनों में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए प्रमुख सचिव (उच्च और तकनीकी शिक्षा) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष जनवरी में यूपी के शाजहांपुर निवाली 17 वर्षीय छात्र ने कोटा में 15 जनवरी को सुसाइड किया था.

कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए छात्रों की आयु कितनी होनी चाहिए, इस पर कोई नियम नहीं होने के कारण सुसाइट करने वाले 23 छात्रों में 13 नाबालिग भी शामिल हैं. सबसे छोटा बुलन्दशहर के खुर्जा का 15 वर्षीय लड़का था, जो पहली बार शहर आने के एक महीने बाद आत्महत्या कर ली. उसके बाद यूपी के प्रयागराज के 22 वर्षीय छात्र ने भी सुसाइट कर लिया था.

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