गोल्ड बेचने के लिए मार्किंग जरूरी ?
गोल्ड हॉलमार्किंग का दायरा 55 नए जिलों में बढ़ाया गया
2021 से अनिवार्य होने के बाद अब तक 343 जिले जुड़े, गोल्ड बेचने के लिए मार्किंग जरूरी
सरकार ने गोल्ड और कलाकृतियों की मेंडेटरी हॉलमार्किंग का दायरा 16 राज्यों के 55 जिलों में बढ़ा दिया है। जून 2021 में शुरू होने के बाद पहले और दूसरे फेज में इसके अंदर देश के 288 जिले कवर हो रहे थे। 8 सितंबर से शुरू हो रहे इसके तीसरे फेज में 55 नए जिलों के जुड़ने के बाद इसका दायरा 343 जिलों तक हो जाएगा। इस बात की जानकारी सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिए दी है।
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने बताया कि हॉलमार्किंग की शुरुआत के बाद रजिस्टर्ड ज्वेलर्स की संख्या 34,647 से बढ़कर 1,81,590 हो गई है। जबकि एसेइंग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (AHCs) की संख्या 945 से बढ़कर 1,471 हो गई है।
क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग?
हॉलमार्किंग किसी भी महंगे मेटल और कलाकृति के शुद्धता की सरकारी सर्टिफिकेशन होता है। हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है, जिसे देखकर आप बिना झिझक के कोई भी ज्वेलरी खरीद सकते हैं।
भारत में हॉलमार्क, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) देती है। हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। BIS वह संस्था है, जो ग्राहकों को उपलब्ध कराए जा रहे सोने की जांच करती है। सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ BIS का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि BIS की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है।
16 जून 2021 तक हॉलमार्किंग नहीं था अनिवार्य
भारत में 16 जून 2021 तक यह अनिवार्य नहीं था, लेकिन इसके बाद इसे ट्रेडर्स के लिए यह मेंडेटरी कर दिया गया। 23 जून 2021 से इफेक्ट में आए इसके पहले फेज में 256 जिलों को जोड़ा गया। वहीं दूसरे फेज में 4 अप्रैल 2022 को 32 नए जिलों को जोड़ दिया गया था। दूसरे फेज तक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) से रोजाना 4 लाख से ज्यादा गोल्ड के सामान सर्टिफाइड किए गए।
ऐसे जांचें गोल्ड की शुद्धता
ग्राहक किसी भी ज्वेलरी को खरीदने से पहले या बाद में इसके शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इसके लिए गूगल प्ले-स्टोर से BIS केयर मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद वेरिफाई HUID’ ऑप्शन पर जाकर ज्वेलरी की HUID नंबर डाल कर इसके प्योरिटी और सर्टिफिकेशन की पूरी जानकारी ली जा सकती है। 2021-22 में इस ऐप को 2.3 लाख लोगों ने डाउनलोड किया गया था, जो मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़ कर 12.4 लाख हो गया है।
अगर आपके पास बिना हॉलमार्किंग वाला सोना है तो उसका क्या होगा?
हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद भी बिना हॉलमार्किंग वाला सोना एक्सचेंज किया जा सकेगा। इसके अलावा अगर आप चाहें तो अपने ज्वेलर के जरिए अपने सोने की हॉलमार्किंग करा सकते हैं। मामले के जानकार संजय मंडोत के मुताबिक, BIS, 5 साल के लिए 11,250 रुपए लाइसेंस फीस लेकर ज्वेलर्स को यह लाइसेंस देती है।
फिर ज्वेलर्स हॉलमार्क सेंटर पर ज्वेलरी की जांच करवाकर कैरेट के हिसाब से हॉलमार्क जारी करवाता है। आम आदमी पुरानी ज्वेलरी पर सीधे सेंटर जाकर हॉलमार्क नहीं लगवा सकता। उन्हें संबंधित ज्वेलर के जरिए ही आना होगा। हालांकि वह सेंटर पर सोने की शुद्धता की जांच न्यूनतम राशि देकर करवा सकता है।