शतरंज खेलना ब्रेन एक्सरसाइज !

शतरंज खेलना ब्रेन एक्सरसाइज ….फोकस, कॉन्फिडेंस, आईक्यू लेवल बढ़ाए, डिप्रेशन से बचाए; पागलपन का भी इलाज करे

शतरंज दुनिया में खेले जाने वाले सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय इंडोर खेलों में से एक है। इसे दिमागी खेल माना जाता है। खेल की हर एक चाल में दिमाग के सभी हिस्सों की भागीदारी होती है। इस खेल के कई फायदे हैं। शतरंज की बिसात डिमेंशिया के खतरे से बचा सकती है।

यह दिमाग को तेज करके आईक्यू लेवल को बेहतर बनाता है। इसके अलावा इस गेम से सीखने की क्षमता भी तेजी से डेवलप होती है। आइए मनोवैज्ञानिक योगिता कादियान से शतरंज खेलने के मनोवैज्ञानिक फायदे के बारे में जानते हैं।

दिमागी कसरत का खेल है चेस। शतरंज की बिसात आपको बनाती है क्रिएटिव।
दिमागी कसरत का खेल है चेस। शतरंज की बिसात आपको बनाती है क्रिएटिव।

शतरंज की बिसात डिमेंशिया का खतरा कम करें

डिमेंशिया बुजुर्गों में भूलने की समस्या है। इस बीमारी में दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। जिससे व्यक्ति के व्यवहार में धीरे धीरे बदलाव होने लगता है।

डिमेंशिया के मरीज सारी चीजें भूलने लगते हैं। उन्हें अपने कामों को निपटाने में अक्सर दूसरों की मदद लेनी पड़ती है। इसमें लोग छोटी-छोटी बातों को भी भूल जाते हैं।

शतरंज की चाल दिमागी बीमारी पर भारी पड़ सकती है

हाल ही में डिमेंशिया को लेकर हुई रिसर्च में पाया गया है कि शतरंज खेलने से किसी भी समस्या का हल तेजी से ढूंढा जा सकता है। मोनाश यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और प्रीवेंटिव मेडिसिन में हुई ये रिसर्च जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुई है।

शोधकर्ताओं ने 70 साल से ज्यादा के 10318 ऑस्ट्रेलियन लोगों पर शोध किया जिनमें उन्होंने पाया कि मेंटल एक्टिविटीज जैसे जर्नल बनाना, एजुकेशन क्लास लेना, क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे खेल खेलने वाले लोगों में 9 से 11 फीसदी तक डिमेंशिया होने का खतरा कम हो सकता है। कंप्यूटर पर शतरंज या फिर क्रॉसवर्ड खेलने से भी इस बीमारी के कम होने की संभावनाएं बढ़ती है।

ब्रेन को एक्टिव रखना जरूरी

रिसर्च के मुताबिक न सिर्फ गेम खेलने से बल्कि पेंटिंग बनाने या फिर बुनाई करने से भी बुजुर्गों में डिमेंशिया बढ़ने का खतरा काफी कम होने लगता है। फिल्म देखना, रेस्तरां में जाना, सैर करना, लोगों से मिलना जुलना, सोशल इन एक्टिव रहने से भी इससे बचाव किया जा सकता है।

2022 की चौकाने वाली रिपोर्ट

2022 में, वैश्विक स्तर पर 55 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित थे, हर साल 10 मिलियन नए मामले सामने आते हैं। मोनाश यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के लेखक एसोसिएट प्रोफेसर जोआन रयान ने कहा कि आंकड़ों को देखते हुए डिमेंशिया बीमारी को रोकना जरूरी था। डिमेंशिया से पूरी तरह से बचाव करने के लिए अभी आगे रिसर्च जारी रहेगा।

आत्मविश्वास का खेल है शतरंज

शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसे बच्चे-बड़े सभी खेलना पसंद करते हैं। शतरंज से व्यक्ति ज्यादा क्रिएटिव बनता है। दिमागी कसरत के लिए शतरंज एक शानदार गेम है। शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है। इससे डिप्रेशन और चिंता का खतरा भी कम होता है। इस गेम से अल्जाइमर का खतरा कम हो सकता है।

याददाश्त बढ़ाता है

शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी को चालें याद रखने और सीखने की जरूरत होती है। ऐसे में यह गेम याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है।

इससे याददाश्त बढ़ती है। जो लोग शतरंज खेलते हैं, उनकी सीखने की क्षमता तेजी से डेवलप होती है। जब आप शतरंज खेल रहे होते हैं, तो आपके मस्तिष्क को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ता है।

बच्चों की पढ़ाई पर अच्छा प्रभाव पड़ता है

जब बच्चे स्कूल में शतरंज सीखते हैं, तो उनकी पढ़ाई पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। पढ़ते समय उनकी याददाश्त और पढ़ाई पर फोकस करने में सुधार होता है।

शतरंज आपका जिम्मेदार इंसान बनाता है

शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी अकेले होते हैं। उन्हें गेम में खुद ही सही समय पर सही फैसला करना पड़ता है। इसके नतीजे के लिए भी खिलाड़ी खुद ही जिम्मेदार होते हैं।अगर वो हारते हैं, तो उनकी गलती होती है और गेम जीत लेते हैं, तो इसके हकदार भी वो खुद होते हैं।

इस तरह शतरंज खेलने से जिम्मेदारी का अहसास होता और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इस गेम से आप खुद पर भरोसा करना सीखते हैं।

समस्या का हल ढूंढना सीखता है शतरंज

शतरंज एक पहेली की तरह है, इसे जीतने के लिए हल करने की जरूरत होती है। इस गेम में चाल चलने के लिए सोचने का भी अभ्यास होता है।

गेम में आने वाली समस्या को हल करने के लिए आप दिमाग पर जोर डालते हैं, जिससे माइंड तेजी से काम करता है। शतरंज खेलने से आप किसी भी समस्या का हल भी तेजी से ढूंढना सीख जाते हैं।

आईक्यू लेवल बढ़ता है

शतरंज आईक्यू को बेहतर बनाता है। कई बार यह साबित हो चुका है कि शतरंज के खिलाड़ियों का आईक्यू लेवल दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है। रिसर्च में यह भी पता चला है कि जिन बच्चों ने शतरंज खेला, उनका आईक्यू उन बच्चों की तुलना में अधिक था, जो शतरंज नहीं खेलते थे।

मनोवैज्ञानिक खेल है शतरंज

शतरंज सदियों से खेला जाता रहा है। यह न सिर्फ मज़ेदार और चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह उन लोगों फायदे पहुंचाता है जो इस खेल को सीखने और खेलने के लिए समय निकालते हैं। चाहे बच्चे हों या बड़े हो।

क्रिएटिव बनाता है शतरंज

शतरंज खेलने के लिए क्रिएटिव सोच, स्ट्रैटिजी प्लानिंग और प्रॉब्लम को हल करने की जरूरत होती है। जिसके लिए रोजाना प्रैक्टिस करना चाहिए जाती धीरे धीरे क्रिएटिविटी में सुधार हो सकता है। वास्तव में, अध्ययनों से पता चला है कि शतरंज खिलाड़ियों की याददाश्त, ध्यान टाइम मैनेजमेंट और फोकस बेहतर होता है जो शतरंज नहीं खेलते हैं।

संयम का खेल है शतरंज

शतरंज कोई ऐसा खेल नहीं है जिसे जल्दी या आसानी से जीता जा सके। किसी खेल को अंत तक देखने के लिए एक कुशल खिलाड़ी को धैर्य और दृढ़ता की जरूरत होती है, जो जिंदगी के हर क्षेत्र में फायदेमंद हो सकता है, खिलाड़ियों को मुश्किल काम में डटे रहना और उन्हें अंत तक पूरा करना सिखाती है।

सोशल स्किल डेवलप करें

चाहे आप व्यक्तिगत रूप से या ऑनलाइन शतरंज खेलें, आप अक्सर अपने विरोधियों से सबसे ज्यादा सीखते हैं। शतरंज खेलने से रिश्ते बनाने और खिलाड़ियों के बीच समुदाय की भावना को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकती है।

एंटरटेनमेंट का हेल्दी खेल

हमारी दुनिया स्क्रीन से भरी है। एंटरटेनमेंट के दूसरे पहलुओं को ढूंढना कभी-कभी मुश्किल होता है, तो शतरंज एक बेहतर ऑप्शन है। क्योंकि इसमें स्क्रीन की नहीं होती है।

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