ये कैसा एक्सीलेंस कॉलेज… फैकल्टी के 31% पद खाली, छात्रों की औसत उपस्थिति सिर्फ 45%
प्रोफेसरों के 107 स्वीकृत पद, जिसमें 55 रेगुलर और 8 गेस्ट फैकल्टी ही
शहर के सबसे पुराने शासकीय हमीदिया महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है। यह जिले का लीड कॉलेज भी है। इसके बावजूद इसका यह हाल है कि यहां न तो पूरे स्टूडेंट कक्षाएं अटैंड रहे हैं और न फैकल्टी ही पूरी हैं। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए नए कोर्स शुरू करने से लेकर सिर्फ 1 रुपए रोज में बस चलाई, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
कॉलेज में कुल छात्र संख्या 3661 हैं, जिनमें 2881 अंडरग्रेजुएशन(यूजी) और 843 पोस्ट ग्रेजुएशन(पीजी) के हैं। कॉलेज में स्टूडेंट्स की औसत उपस्थति सिर्फ 45% है। इस कॉलेज में फैकल्टी के लिए 107 पद स्वीकृत हैं। यहां 55 रेगुलर और 8 गेस्ट फैकल्टी मिलाकर कुल 63 फैकल्टी है।
एक प्रोफेसर ने बताया कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी भी यहीं पढ़े हैं। उस दौर में उन्हें कम उपस्थिति के कारण परीक्षा देने से रोक दिया गया था। अब ऐसा अनुशासन नहीं दिखता।
- प्रोफेसरों के 107 स्वीकृत पद, जिसमें 55 रेगुलर और 8 गेस्ट फैकल्टी ही
- जो स्टूडेंट्स कक्षाओं में नहीं आते, उन्हें भी आसानी से स्कॉलरशिप मिल जाती है
कॉलेज इसलिए नहीं करते सख्ती
75 प्रतिशत की शर्त सख्ती से लागू की तो कई छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। यदि छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से रोका तो फैकल्टी पर अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर उनके परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय को फारवर्ड करने को कहा जाएगा।
इस एक्सीलेंस कॉलेज में सख्ती
उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई) के बाद भोपाल में यह दूसरा एक्सीलेंस कॉलेज है। आईईएचई में 75 प्रतिशत उपस्थिति का सख्ती से पालन किया जाता है। कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाता।
यह कदम उठाए…
- कॉलेज को मल्टीडिसिप्लिनरी बनाने के उद्देश्य से साइंस स्ट्रीम के कोर्स शुरू किए गए। जिससे एनईपी के तहत छात्रों आर्ट्स व कॉमर्स के अलावा साइंस के सब्जेक्ट भी पढ़ने को मिल सकें।
- अन्य कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा के लिए यहां पर परीक्षा केंद्र बनाने पर रोक लगी, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के सहयोग के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दो नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
- प्राचार्य के लिए इंटरव्यू हो चुके हैं। क्वालिटी बढ़ाने के उद्देश्य से फैकल्टी का भी चयन इंटरव्यू, सीआर आदि के आधार पर होगा।
- जिला प्रशासन के सहयोग से प्रतियोगी परीक्षा के लिए फ्री कक्षाएं लगाईं ताकि छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार किया जा सके।
- सिर्फ 1 रुपए लेकर दो रास्तों पर बस चलाई। रूट छात्रों की सलाह से तय किए।
उपस्थिति बढ़े इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भी सहयोग मिल रहा है। आयुक्त ने निर्देश जारी कर दिए हैं कि क्लास टाइम में किसी भी शिक्षक की अन्य काम में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। वर्तमान में औसत उपस्थिति 45 प्रतिशत है। –डॉ. पुष्पलता चौकसे, प्राचार्य, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस,भोपाल