भोपाल : 10 साल में करीब 5 हजार झुग्गियां बन गईं हैं ?
ऐसे 10 साल में 3 गुना हो गईं झुग्गी:सरकार ने जो फ्लैट दिए, वे किराए पर उठाए… उसी पैसे से बढ़ाते गए झुग्गी
यहां पिछले 10 साल में करीब 5 हजार झुग्गियां बन गईं हैं।
कैंसर हॉस्पिटल के सामने बनी मल्टी के सी-3 ब्लॉक में नरेंद्र ठाकुर को जेएनएनयूआरएम योजना के तहत फ्लैट मिला है, लेकिन नरेंद्र झुग्गी में ही रहते हैं। फ्लैट किराए पर उठा है। आई-1 ब्लॉक में अजय भूरा और उनके परिवार के 8 फ्लैट हैं, लेकिन आधे किराए पर चल रहे हैं। यह दो तो सिर्फ उदाहरण हैं। यहां बने 3,248 में से 30% फ्लैट या तो किराए पर चल रहे हैं या फिर इनमें दुकान, ब्यूटी पार्लर या अन्य व्यापार हो रहे हैं।
इंदौर से भोपाल में एंट्री करते ही लालघाटी के पास मदर इंडिया पहाड़ी से झुग्गियां हटाने के लिए 2014 में सरकार ने यहां के लोगों को 1.20 लाख रुपए में फ्लैट दिए थे, लेकिन कुछ दिन बाद ही लोग झुग्गियों में वापस लौट आए। कैंसर अस्पताल के पास होने का फायदा उठाते हुए फ्लैट मालिक मरीजों के परिजनों को 250 से 300 रुपए प्रतिदिन के किराए पर एक कमरा दे रहे हैं।
फ्लैट, दुकानों पर इन्होंने नंबर लिख रखे हैं, जिससे जरूरतमंद आसानी से संपर्क कर सकें। स्थिति ये है कि जहां 10 साल पहले सिर्फ 1,500 झुग्गियां चिह्नित की गई थीं, वहां अब 5 हजार से अधिक झुग्गियां शहर की खूबसूरती पर दाग लगाती नजर आती हैं।
हाउसिंह फॉर ऑल के प्रभारी आरके गोयल बताते हैं कि जिला प्रशासन ने 1,500 झुग्गियां चिह्नित की थीं। लेकिन कुछ पर ही कार्रवाई हुई थी। विवाद बढ़ने के कारण बाकी को जस का तस छोड़ दिया गया था। इनकी मांग थी कि हमें इसी जगह पर मकान बनाकर दिए जाएं। लेकिन यह जगह एयर फोर्स के दायरे में आती है। यहां निर्माण की अनुमति नहीं है।
- चार हितग्राही… जिन्होंने झुग्गी से हटने के लिए फ्लैट लिए और किराए से उठा दिए, ऐसे यहां 40% लोग
- नरेंद्र ठाकुर : इनके नाम पर सी-3 ब्लॉक में फ्लैट आवंटित है, लेकिन किराए पर चल रहा है।
- अजय भूरा : अजय और इनके परिवार वालों के नाम से यहां फ्लैट नंबर आई-1 ब्लॉक में 2 और जी-3 ब्लॉक में 1 और इस तरह पूरी बिल्डिंग में 8 फ्लैट हैं।
- दूल्हा भाई: दूल्हा भाई और उनके परिवार वालों के नाम से यहां 7 फ्लैट हैं। एक में बकरे पाले जा रहे हैं। दूसरे में सब्जी की दुकान और बाकी किराए से चल रहे हैं।
- कमल खांडे… बी-3 ब्लॉक के सेकंड फ्लोर पर फ्लैट आवंटित। कुछ दिन यहां रहने के बाद नई झुग्गी बनाई और वहां शिफ्ट हो गए। फ्लैट किराए पर चल रहा है।
इन झुग्गियों के लोगों को किया गया था शिफ्ट :
मदर टेरेसा, कोहेफिजा बस्ती, वाजपेयी नगर, महेश नगर (ईदगाह), जज कॉलोनी, प्रभु नगर, दुर्गा नगर (हबीबगंज आरओबी बनाने के दौरान हटाई गई झुग्गियां), रोशनपुरा (न्यू मार्केट)।
नियम : किराए पर दिया तो निरस्त होगा आवंटन
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत आवंटित मकानों को न तो बेच जा सकता है और न ही किराए पर दिया जा सकता है। इन आवास का उपयोग सिर्फ संबंधित व्यक्ति अपने लिए ही कर सकता है। कोई दूसरा यहां रहते पाया गया तो आवंटन निरस्त करने का प्रावधान है।