ग्वालियर : कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मानते अधिकारी !
कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मानते अधिकारी, आदेश के बाद नहीं गए निरीक्षणके लिए, इस कारण बाहरी नहीं हटे
लेक्टर ने 31 अगस्त को पत्र जारी कर एसडीएम को दिया था आदेश कि 15 सितंबर तक पंजीयन कार्यालय का औचक निरीक्षण करें, कार्यालय में बाहरियों का कब्जा बना हुआ है, पंजीयन कार्य कर रहे हैं संपादित
कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मानते अधिकारी, आदेश के बाद नहीं गए निरीक्षणके लिए, इस कारण बाहरी नहीं हट
ग्वालियर. पंजीयन विभाग को लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने दिया अल्टीमेटम शुक्रवार को खत्म हो गया। 15 दिनों के भीतर न एसडीएम जांच के लिए पहुंचे और न बाहरी कार्यालय से हटे। पंजीयन से लेकर हर कार्य बाहरी व्यक्तियों के द्वारा ही संपादित कराया जा रहा है। पत्रिका ने कलेक्टर 15 दिन के अल्टीमेटम के बाद स्थिति जानी तो दो उप पंजीयक कार्यालय के अंदर चार लोग काम कर रहे थे। ये कंप्यूटर बैठकर कार्य संपादित कर रहे थे। अंगूठा व हस्ताक्षर के कार्य इनके माध्यम से कराया जा रहा था।
कलेक्टर ने 31 अगस्त 2023 को सभी एसडीएम को एक पत्र जारी किया था। कलेक्टर ने लिखा था कि मुझे जानकारी मिली है, कि बाहरी लोगों को अंदर बिठाकर शासकीय कार्य कराया जा रहा है। दस्तावेज पंजीयन के बदले में अनैतिक रुपए भी मांगे जा रहे हैं। उप पंजीयक भी कार्यालय में नहीं बैठते हैं। दस्तावेजों का परीक्षण भी ढंग से नहीं किया जा रहा है। इससे शासन को स्टांप ड्यूटी की क्षति भी हो रही है। इसलिए एसडीएम 15 सितंबर तक कार्यालय का औचक निरीक्षण करें। निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करें। प्रतिवेदन पेश करने की तारीख भी निकल गई, लेकिन किसी भी एसडीएम ने कलेक्टर के पत्र को गंभीरता से नहीं लिया। इस वजह से कार्यालय के अंदर से बाहरी बाहर नहीं हुए हैं।
कार्यालय के अंदर यह है स्थिति
– कार्यालय के अंदर लोग लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। एक से दो पीढियां कार्य करते हुए हो गई। पहले सील लगाने का काम करते थे। अब कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हैं।
– पंजीयन करने से पहले रजिस्ट्री को पढ़ा नहीं जा रहा है। पंजीयन किया जा रहा है।
– जिस दस्तावेज में स्टांप ड्युूटी की चोरी की गई है, उस दस्तावेज को कंप्यूटर के रिलीज नहीं करते हैं। ऊपर का पेज ही प्रदर्शित होता है।
– संपत्ति के निरीक्षण बंद हो गए है। इस कारण स्टांप ड्यूटी चोरी आसान हो गई है।
इनका कहना है
किसी भी एसडीएम ने अभी रिपोर्ट नहीं भेजी है। क्यों निरीक्षण के लिए नहीं गए, इसका कारण पूछा जाएगा।
अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर
———-
– निरीक्षण गोपनीय भी किया जा सकता है। इसलिए इसकी जानकारी नहीं है। कलेक्टर के पत्र के बाद उप पंजीयक कार्यालय में बैठने लगे थे।
दिनेश गौतम, वरिष्ठ जिला पंजीयक
– कार्यालय के अंदर लोग लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। एक से दो पीढियां कार्य करते हुए हो गई। पहले सील लगाने का काम करते थे। अब कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हैं।
– पंजीयन करने से पहले रजिस्ट्री को पढ़ा नहीं जा रहा है। पंजीयन किया जा रहा है।
– जिस दस्तावेज में स्टांप ड्युूटी की चोरी की गई है, उस दस्तावेज को कंप्यूटर के रिलीज नहीं करते हैं। ऊपर का पेज ही प्रदर्शित होता है।
– संपत्ति के निरीक्षण बंद हो गए है। इस कारण स्टांप ड्यूटी चोरी आसान हो गई है।
इनका कहना है
किसी भी एसडीएम ने अभी रिपोर्ट नहीं भेजी है। क्यों निरीक्षण के लिए नहीं गए, इसका कारण पूछा जाएगा।
अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर
———-
– निरीक्षण गोपनीय भी किया जा सकता है। इसलिए इसकी जानकारी नहीं है। कलेक्टर के पत्र के बाद उप पंजीयक कार्यालय में बैठने लगे थे।
दिनेश गौतम, वरिष्ठ जिला पंजीयक