ग्रेटर नोएडा : जिम्मेदारों पर अभी और कसेगा शिकंजा, एनबीसीसी से मांगी रिपोर्ट !

जिम्मेदारों पर अभी और कसेगा शिकंजा, एनबीसीसी से मांगी रिपोर्ट
– लिफ्ट कंपनी के अधिकारियों को पत्र देकर पूछा किस-किस की थी जिम्मेदारी
– एनबीसीसी के आलाधिकारियों की टीम ने निरीक्षण कर जुटाई हादसे की जानकारीग्रेटर नोएडा। आम्रपाली की निर्माणाधीन साइट पर 14वीं मंजिल से लिफ्ट गिरने से आठ मजदूरों की मौत के मामले में अभी कई और आरोपियों के नाम शामिल किए जा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि शुरुआती पूछताछ में जो नाम सामने आए थे उन्हें नामजद कर केस दर्ज कर लिया गया था। अब आरोपियों का पता लगाने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं, एनबीसीसी के आलाधिकारियों की टीम ने भी शनिवार को हादसा स्थल का निरीक्षण कर पूरी जानकारी जुटाई है। पुलिस ने लिफ्ट कंपनी को नोटिस भेजा है साथ ही कुछ कर्मियों को थाने बुलाकर पूछताछ भी की है।
लिफ्ट हादसे में मजदूरों की जान जाने के बाद लापरवाह अधिकारी फरार हो गए। पुलिस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एनबीसीसी, कंस्ट्रक्शन कंपनी व लिफ्ट कंपनी के नौ आरोपियों को नामजद कर जांच शुरू कर दी थी। लेकिन अब डीसीपी सुनीति कहना है कि इस मामले में अन्य जिम्मेदार अफसरों की भी लापरवाही की बात सामने आ रही है। इनके नामों का पता लगाने के लिए एनबीसीसी को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी गई है। साइट पर काम में खामी व लापरवाही का पता लगाने के लिए ही एनबीसीसी की टीम ने निरीक्षण किया है। पुलिस का कहना है कि लिफ्ट हैंडओवर करने के बाद कब-कब उसका निरीक्षण व मेेंटेंनेंस किया गया। मजूदरों से पूछताछ से पता चला है कि लिफ्ट पुरानी व जर्जर थी। इसमें तकनीकी खामी आने के बाद भी बदला नहीं गया और न ही उपयुक्त मरम्मत कराई गई।
पार्ट बदलने के बाद भी सही काम नहीं कर रही थी लिफ्ट
पुलिस निर्माण कार्य से जुड़े लगभग 20 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पूछताछ में बताया गया है कि मजदूरों की शिकायत पर चार सितंबर को लिफ्ट का एक पार्ट बदलवाया गया था। लेकिन इसके बाद भी लिफ्ट सही काम नहीं कर रही थी। इसके बावजूद लिफ्ट का लगातार प्रयोग किया जा रहा था। यहां तक की बारिश में भी लिफ्ट का प्रयोग किया गया।हर हादसे के बाद जागते हैं, फिर सो जाते हैं अफसर
ग्रेटर नोएडा। निर्माणाधीन साइट पर नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। इसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों की भी है। आम्रपाली के प्रोजेक्ट में किस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाकर मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। इसके लिए संबंधित अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। शाहबेरी में अवैध निर्माण कर बनाए गए दो भवनों के गिरने से नौ लोगों की जान गईं थीं। आम्रपाली हादसे ने एक बार फिर उस हादसे की याद ताजा कर दी है। शाहबेरी हादसे के बाद संगीन धाराओं में केस दर्ज कर बिल्डरों को जेल भेजा गया, उन पर गैंगस्टर लगाया गया। इसके अलावा इस लापरवाही के जिम्मेदार अफसरों पर भी कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। लेकिन अब तक किसी अफसर पर कार्रवाई नहीं हुई है। शाहबेरी हादसे के बाद भी अफसरों की नींद टूटी थी और आम्रपाली हादसे के बाद भी अफसर कड़ी कार्रवाई में जुटे हैं। लेकिन इस हादसे के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होगी या नहीं। इसका कोई भरोसा नहीं है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *