नेताजी बोलो तो सही कितने फॉलोअर्स चाहिए ?

सोशल मीडिया पर सजा बाजार: 80 पैसे में फर्जी, 1.50 रुपए में सच्चा फॉलोअर्स …

बड़े शहरों से चल रहा काम …

जितना बड़ा इलाका चुनेंगे, प्रति फॉलोअर्स उतना कम होगा दाम ..

भोपाल. मौसम चुनावी भी है। ज्यादातर नेता मैदान में उतर चुके हैं। जमीन पर भीड़ जुटाने जोर लगा रहे हैं। भीड़ तो वर्चुअल दुनिया में भी होनी चाहिए तो फॉलोअर्स भी ‘खरीदे’ जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर नेतागिरी चमकाने के लिए नेता फॉलोअर्स खरीदने से भी गुरेज नहीं कर रहे। नेता बड़ा हो या छोटा, हर कोई अपने कद के हिसाब से माहौल बनाने में व्यस्त है। यह खुलासा विशेषज्ञों ने किया है। इसके साथ ही पत्रिका ने कई दिन तक कद्दावर नेताओं के सोशल मीडिया प्रोफाइल का विश्लेषण किया तो उसमें भी यह पुष्टि हुई।

दिल्ली, पुणे,हैदराबाद से खेल

फॉलोअर्स बढ़ाने का ज्यादातर खेल सोशल मीडिया कंपनी दिल्ली, पुणे और हैदराबाद से खेल रही हैं। क्योंकि छोटे शहरों में कुछ महीनों के लिए ऑफिस सेटअप करना भारी काम है। ऐसे में मुख्य ऑफिस से ही ये काम कर लेती हैं। सर्वे और ग्राउंड कैम्पेन पर टीम को लोकेशन पर उतारती हैं।

फर्जी फॉलोअर्स

70 से 80 पैसे प्रतिफॉलोअर्स होता है रेट।

ऐसे फॉलोअर्स का सौदा सीधे सर्वर से किया जाता है

इस तरह के फॉलोअर्सएक्टिव नहीं रहते।

बोट फॉलोअर्स दुनिया मेंकहीं के भी हो सकते हैं।

असली फॉलोअर्स

असली चाहिए तो 1 से 1.50 रुपए प्रति फॉलोअर्स रेट

क्षेत्र और पसंद के हिसाबसे भी दाम तय होते हैं।

यह एक्टिव होते हैं। यानी पोस्ट पर रिएक्शन मिलता है।

असली फॉलोअर्स कैम्पेन चलाकर लाए जाते हैं।

ऐसे करें फर्जी फॉलोअर्सकी पहचान

सोशल मीडिया पर नेताओं के असली-नकली फॉलोअर्स की पहचान करना आसान है। यदि किसी नेता के फॉलोअर्स लाखों की तादाद में दिखें तो प्रभावित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो नकली हो सकते हैं। अगर लाखों फॉलोअर्स के बावजूद पोस्ट पर 10-20 लाइक और नाममात्र के शेयर हों तो समझ जाइए कि यहां फॉलोअर्स फर्जी हैं।

केस 1: मंत्री के 53 हजार फॉलोअर्स,लाइक 15 से आगे ही नहीं बढ़ते

प्रदेश के एक मंत्री के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करीब 53 हजार फॉलोअर्स हैं। उनकी सोशल गतिविधि को पत्रिका ने कई दिन तक देखा, जिसमें मंत्री रोजाना 5-10 पोस्ट करते हैं। हैरानी की बात ये है कि उनके किसी भी पोस्ट में शेयर तो छोड़िए, 15 से ज्यादा लाइक नहीं आते। वजह फर्जी फॉलोअर्स होना है।

केस 2: नेता के फॉलोअर्स कहनेको दो लाख, लाइक सिर्फ आठ

प्रदेश के एक दिग्गज नेता के कहने को तो लगभग दो लाख फॉलोअर्स हैं। लेकिन, सब फर्जी या कहें बोट फॉलोअर्स हैं। नेताजी ने 14 सितंबर को दोपहर 3.16 बजे एक पोस्ट शेयर की, जिसे महज आठ लोगों ने लाइक किया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि दो लाख फॉलोअर्स की भीड़ कहां गायब है।

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