ग्वालियर : दो मंदिरों की करोड़ों की जमीन बेची ?

दो मंदिरों की करोड़ों की जमीन बेची, कलेक्टर से शिकायत,सात दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
Gwalior Temple Land Case: माफी औकाफ के मंदिरों की संपत्तियों के विवाद के बीच अब एक और मामला सामने आया है जिसमें दो मंदिर शामिल हैं।
  1. रमटापुरा हल्के में रामजानकी मंदिर छोटी शाला और खेड़ापति मंदिर की जमीन को माफिया द्वारा बेचने की शिकायत संभागायुक्त और कलेक्टर तक पहुंची
  2. यह दोनों मंदिर मा‍फी के रिकार्ड में दर्ज बताए है
 ग्वालियर। माफी औकाफ के मंदिरों की संपत्तियों के विवाद के बीच अब एक और मामला सामने आया है जिसमें दो मंदिर शामिल हैं। रमटापुरा हल्के में रामजानकी मंदिर छोटी शाला और खेड़ापति मंदिर की जमीन को माफियाओं द्वारा बेचने की शिकायत संभागायुक्त और कलेक्टर से की गई है।

इसी शिकायत के बाद कलेक्टर कार्यालय से माफी शाखा के प्रभारी अधिकारी ने एसडीएम ग्वालियर सिटी से सात दिन में जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन मांगा है। शिकायतकर्ता ने इस जमीन की कीमत सौ करोड़ के लगभग होने का दावा किया है। यह दोनों मंदिर माफी के रिकार्ड में दर्ज बताए हैं। ग्वालियर चंबल संभागीय सनाढ्य सभा के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने शिकायत की है कि ग्राम रमटापुरा हल्का नंबर 59 सर्वे क्रमांक 353 में एक मंदिर रामजानकी छोटी शाला स्थित है। इस मन्दिर का भाग खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर भी है। उक्त मन्दिर की सभी सर्वे नम्बर पर सम्वत् 1997 बन्दोवस्त में भूमि स्वामी के खाने में ग्वालियर गर्नेमेन्ट तथा औकाफ डिपार्टमेन्ट दर्ज है।

मन्दिर की व्यवस्था के लिए कृषि भूमि ग्राम सोनी, ग्राम रमटापुरा, मन्दिर हनुमान जी दुकानात कृषि भूमि ग्राम सातऊ ग्राम महलगांव, बिजौली कुल कृषि भूमि 178 बीघा 5 विस्वा है। मन्दिर छोटी शाला के पुजारी स्व. मनोहर दास बैरागी थे। पुजारी मनोहर दास के शिष्य स्व. रामदास ने सार्वजनिक ट्रस्ट मन्दिर रामजानकी छोटी शाला (श्री खेडापति) ट्रस्ट का निर्माण मन्दिर की पूजा, व्यवस्था हेतु किया था,वर्तमान में उक्त ट्रस्ट के सभी ट्रस्टियों की मृत्यु हो चुकी है। ट्रस्ट के उद्देश्य में यह उल्लेख है कि ट्रस्ट केवल मन्दिरों की पूजा व्यवस्था करेगा लेकिन न्यास की किसी भी अचल सम्पत्ति का अन्तरण नहीं कर सकेगा। सभी ट्रस्टियों की मृत्यु के पश्चात पंजीयन कार्यालय में नए ट्रस्टी नहीं बनाऐं गए, सभी पद रिक्त रहे।

अनुबंध कर प्‍लाट बेचे गए, क्रय करने वालों का पैसा डूबा

शिकायत में यह भी बताया गया है कि तथाकथित ट्रस्ट व्यक्तियों ने रमटापुरा की जमीन जनक गृह निर्माण सहकारी समिति को विक्रय कर दी है। मन्दिर ट्रस्ट की संपत्ति को अनुबंध कर प्लाट बेच रहे है तथा क्रय करने वाले क्रेताओं के पैसे ट्रस्ट के आधार पर खुद को ट्रस्ट का बताने वाले लोग व भू-माफिया हड़प कर गए है। सार्वजनिक न्यास मन्दिर का निर्माण भी अवैध रूप से किया गया है खसरों में मंदिर की माफी औकाफ की सरकारी जमीनों पर भी सार्वजनिक न्यास मंदिर का इन्द्राज खसरों में करा लिया गया है,जबकि उक्त कृषि भूमि सरकारी भूमि होने के कारण सार्वजनिक न्यास का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

मंदिरों की भूमि को लेकर कलेक्टर कार्यालय में शिकायत प्राप्त हुई है, राजेंद्र शर्मा की शिकायत को लेकर एसडीएम ग्वालियर सिटी से जांच प्रतिवेदन मंगवाया गया है। प्रतिवेदन की अवधि सात दिन दी गई है।

संजीव जैन, ज्वाइंट कलेक्टर, प्रभारी माफी शाखा

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11 मंदिरों की 1200 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर भू-माफिया का कब्जा …..
MP News: ग्वालियर में माफी-औफाक की ये जमीन अफसरों के गठजोड़ से लोगों ने अपने नाम दर्ज कराई है.

MP News: ग्वालियर में माफी-औफाक की ये जमीन अफसरों के गठजोड़ से लोगों ने अपने नाम दर्ज कराई है.

Gwalior News. मध्यप्रदेश पुनर्गठन के समय साल 1956 में मिली मंदिरों की सरकारी जमीन निजी लोगों का नाम पर दर्ज होने का माम …अधिक पढ़ें

ग्वालियर. ग्वालियर में मंदिरों की सरकारी जमीन निजी लोगों के नाम पर दर्ज होने का मामला उजागर हुआ है. यहां के 11 मंदिरों की 1200 करोड़ रुपए कीमत की 40 हेक्टेयर जमीन लोगों ने अपने नाम कर ली. संभागीय स्तर पर खसरों के डिजिटल मिलान के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ है. मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है.

मध्यप्रदेश के पुनर्गठन के समय साल 1956 में मंदिरों को सरकारी जमीन मिली थी. अब यह जमीन निजी लोगों के नाम पर दर्ज हो गई है. माफी-औफाक की ये जमीन अफसरों की गठजोड़ से लोगों ने अपने नाम कर ली है. ग्वालियर जिले की जमीनों की स्थिति जांचने के लिए लगभग 7 लाख खसरों की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है. इसमें सबसे ज्यादा अनदेखी, माफी और औफाक की जमीनों को लेकर हुई है. धर्म स्थलों की जमीनों पर माफिया ने कब्जा किया है. जिले और नगर निगम क्षेत्र में ही धर्म स्थलों की करीब 40 हेक्टेयर जमीन माफिया ने दबा ली है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया बीजेपी की माफिया के साथ गठजोड़ की वजह से मंदिर और दरगाह की जमीन पर कब्जे हुए. विधायक सतीश का कहना है कांग्रेस सरकार बनने पर माफिया से जमीन लेकर मंदिरों को लौटाई जाएगी. ग्वालियर जिले की 183 राजस्व ग्रामों में 352 धर्म स्थलों की 1091.79 हेक्टेयर भूमि है. इसमें शहरी क्षेत्र में मौजूद धर्म स्थलों की अधिकतर भूमि को करोड़ों रुपयों में बेच दिया गया है. शिंदे की छावनी स्थित महादेव ट्रस्ट की अलग-अलग पटवारी हल्कों में 120 बीघा जमीन दर्ज है. अम्मा जी महाराज निंबालकर की गोठ के पास लगभग 50 बीघा जमीन है. गजराराजा चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम शहर में लगभग 72 बीघा जमीन है.

एंटी माफिया सेल में 40 शिकायतें दर्ज
राम जानकी मंदिर छोटी साला के नाम पर शहर और आसपास के गांव में 100 बीघा से ज्यादा जमीन है. नरसिंह मंदिर के नाम पर लगभग 187 बीघा जमीन है. गंगा दास की बड़ी शाला के नाम पर 85 बीघा जमीन है. मंदिरों की जमीनों पर कब्जे को लेकर एंटी माफिया सेल के पास लगभग 40 शिकायतें आ चुकी हैं. इनकी जांच की जा रही है. उधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियां

धार्मिक और सामाजिक ट्रस्ट, माफी-औफाक की ग्वालियर शहर में मौजूद अधिकतर जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा चुका है. ट्रस्ट, सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया के गठजोड़ ने धर्म स्थलों की जमीन पर कॉलोनियां बसा दी हैं. जबकि पुरानी धर्मशालाओं के स्वरूप को नियम विरुद्ध खत्म करके या तो होटल बन रहे हैं. या अन्य व्यावसायिक कामों में उपयोग किया जा रहा है.

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