Gwalior Railway News : स्टेशन पर बढ़ती हैं यात्रियों की परेशानी ..!

स्टेशन पर बढ़ती हैं यात्रियों की परेशानी
Gwalior Railway News:ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में आने वाले मेहमानों का स्वागत नहीं आफत है। यहां रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद खुद ही यात्रियों को ढूंढना होगा कि टैक्सी कहां है, पार्किंग कहां है और प्री-पेड बूथ भी आसानी से नहीं मिलेगा।
  1. आने से लेकर बाहर निकलने के बाद ढूंढनी पड़ रहीं सुविधाएं
यह मिले हालात मोलभाव करते हैं आटो चालक, ठगे जाते हैं यात्री :  टीम ने यात्री बनकर बाहर आकर किला जाने के लिए एक आटो या टेक्सी तलाशी, कई आटो वाले आकर मोल भाव करने लगे। प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर हेल्प डेस्क पर जाकर प्री पेड आटो बूथ के बारे में पूछा तो प्रतिनिधि ने वहां तक पहुंचने का रास्ता तक बता दिया। बूथ में मप्र पुलिस के एक एएसआई मौजूद मिले, लेकिन बूथ ही हालत काफी खस्ता थी। साथ किराये की सूची भी फटी हुई मिली।
प्रीपेड बूथ का किराया

सिर्फ चौराहे तक प्रीपेड बूथ के आटो टैक्सी बुक करने पर लगने वाला किराया सिर्फ संबंधित स्थान के चौराहे तक ही मान्य है, अगर आप किसी गली में भी रहते है तो उसके लिए अपको अतिरिक्त किराया वहन करना होगा। जो भी प्री पेड बूथ के हिसाब से 13 रुपए प्रति किलोमीटर है वहीं आटो वाले इसे अपनी मर्जी के हिसाब से भी चार्ज कर लेते हैं। प्रीपेड आटो बूथ से कही जाने वाले सैलानियों की संख्या की बात करें तो पूरे दिन में दस लोग भी नहीं है जो वहां से आटो बुक करते हों ।

पिकअप और ड्राप में लगा मिला जाम

टीम ने सर्कुलेटिंग एरिया में व्यवस्थाएं देखीं तो यहां स्टेशन के गेट के बाहर मौजूद च्पिक एंड ड्राप थ्रू लेनज् में भी जाम की स्थिति देखने मिली। लोग यहां वाहन खडे कर अपनी सवारी का इंतजार करते हैं लेकिन जाम होने के कारण परेशानी ज्यादा थी। लोग मनमाने ढ़ंग से वाहन लगा रहे थे और कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी यहां नहीं था जो व्यवस्थाएं बना सके।

साइन बोर्ड न हेल्‍प डेस्‍क

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया में यात्री सुविधाओं से जुड़ा कोई भी साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है। शहर के मुख्य स्थलों की बात हो या शहर का मैप, प्रीपेड सेवा का बोर्ड हो या पार्किंग संकेतक, इसको लेकर रेलवे प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया हैं। यहां बाहर से आने वाले यात्री परेशान ही होते हैं।

बूथ से बुक नहीं होती सवारियां

कई बार ऐसा भी देखने मिलता है कि सवारियां बूथ से आटो बुक नहीं करवातीं और सामान्य रूप से तय किए आटो में अपना कोई सामान छोड़ जाती हैं, इसके बाद वह बूथ पर आकर मदद मांगती हैं। ऐसे में आटो वाले को ट्रेस नहीं किया जा सकता है।

-विनोद सिंह, एसआइ, प्रीपेड बूथ

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