नोएडा : स्कूलों के आगे शिक्षा विभाग ने मानी हारी !

स्कूलों के आगे शिक्षा विभाग ने मानी हारी

आरटीई : अभिभावकों को ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूलों में दिया दाखिले कराने का विकल्प

छह महीने खत्म होने के बाद भी सूची में नाम आने वाले छात्रों को नहीं मिल सका दाखिला
दिव्यांग अभिभावक व्हील चेयर पर पहुंच रहे स्कूल, अंदर तक नहीं मिल रहा प्रवेश

नोएडा। स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं खत्म हो गई हैं, लेकिन अब तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) की सूची में नाम आने वाले छात्रों को दाखिला नहीं मिल सका है। ऐसे स्कूलों के आगे शिक्षा विभाग ने भी हार मान ली है। अब विभाग ने छात्रों के अभिभावकों से ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूलों के विकल्प मांगे हैं, ताकि छात्रों के दाखिले कराए जा सकें। विभाग का कहना है कि इसकी सूची शासन को भेजी जाएगी। पिछले दिनों शासन स्तर से बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जिलास्तर पर आरटीई के तहत उपलब्ध व आवंटित सीटों के ब्यौरा मांगा था। उसके बाद से विभाग ने यह कदम उठाया है।

साढ़े पांच हजार से ज्यादा छात्रों के सूची में आए थे नाम
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर दाखिले के लिए सत्र 2023-2024 की पहली सूची के लिए 5761 आवेदन आए थे। इसमें से 4698 फार्म के सत्यापन के बाद 2998 छात्रों को सीट आवंटित हो सकी। दूसरी सूची के लिए 3660 आवेदन आए, जिसमें से 2088 छात्रों के नाम सूची में आए। वहीं, तीसरी सूची के लिए शिक्षा विभाग को 1400 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 540 छात्रों के नाम सूची में आए, लेकिन सूची में नाम आने वाले कितने छात्रों को दाखिला दिया गया। इसका ब्यौरा शिक्षा विभाग के पास नहीं है।

70 हजार रुपये दो और दाखिला पाओ
एक अभिभावक ने बताया कि उनके बच्चे का नाम आरटीई के तहत लिस्ट में आया है। स्कूल से सत्यापन के लिए दो बार फोन भी आया है, लेकिन जब हम जाते हैं तो दाखिले के लिए मना कर देते हैं। स्कूल से ही एक शख्स ने उनसे संपर्क किया है और कहा कि 70 हजार रुपये देंगे तो उनके बच्चे का दाखिला स्कूल में हो जाएगा। अगर हम लोग इतने पैसे देने की स्थिति में होते तो आरटीई में ही क्यों दाखिला कराते।

छह महीने से व्हीलचेयर पर बच्चे के दाखिले के लिए स्कूल के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक दाखिला नहीं दिया गया है। दो बार पटवारी घर आकर सत्यापन तक कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। – अंकित शर्मा, सेक्टर-19

बेटे का नाम सूची में आया है, लेकिन स्कूल दाखिला नहीं दे रहा है। हम लोग ठेली लगाते हैं। हमारे के लिए फीस भरना मुमकिन नहीं है। छह महीने पहले बच्चे का स्कूल बैग खरीदा था। बच्चा रोज पूछता है मां मैं स्कूल कब जाऊंगा। – प्रिंयका, सेक्टर-8

सूची में नाम आने के बाद भी जिन बच्चों के दाखिले नहीं हो पाए हैं। उनके अभिभावकों से ग्राम पंचायत के तीन से चार स्कूलों के विकल्प मांगे गए हैं, ताकि उनमें बच्चे का दाखिला कराया जा सके। – ऐश्वर्या लक्ष्मी,बेसिक शिक्षा अधिकारी

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