इजरायल-हमास जंग के पिछले 50 दिनों में सिर्फ बर्बादी !
इजरायल-हमास जंग के पिछले 50 दिनों में सिर्फ बर्बादी, चार दिनों के युद्धविराम के जानिए मायने
सात अक्टूबर को गाज से चरमपंथी इस्लामिक गुट हमास ने के मिलिटेंट ग्रुप अल कस्साम ने और इस्लामिक जेहाद का मिलिटेंट ग्रुप अलकुद्स इन दोनों ने मिलकर एक ज्वाइंट ऑपरेशन किया और गाजा-इजरायल बॉर्डर के जरिए बैतेहनून से वो शहर में दाखिल होकर वे शहर में दाखिल हुए. इसके बाद 1200 से 1300 के बीच आम लोग, इजरायली फोर्स के जवान और इजरायली सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया.
हमास के लड़ाके इस दौरान करीब 250 लोगों को पकड़कर अपने साथ लेकर चले जाते हैं. इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक बयान आता है, जिसमें वे तोरा के एक चैप्टर को कोट करते हैं. इसमें कहा गया कि जो दुश्मन है, उसे जड़ से खत्म कर दो.
फिर वही सब देखने को मिल रहा है. आज की तारीख में गाजा के अंदर 41 किलोमीटर लंबी गाजा की पट्टी 365 किलोमीटर के दायरे में, उसके आधे से ज्यादा हिस्से पर इजरायली सेना घुस चुकी है और आधे से ज्यादा हिस्सा बर्बाद हो चुका है. मलबे में ढेर में बदल चुका है. छह हजार से ज्यादा बच्चों की मौत अब तक हो चुकी है. चार हजार महिलाओं की मौत हो चुकी है.
इजरायल का प्रतिशोध
कुल मिलाकर इजरायल-हमास जंग में अब तक 15 हजार के करीब लोग मारे जा चुके हैं. इसमें 200 के करीब मेडिकल फील्ड के लोग शामिल हैं. डॉक्टर हैं, संयुक्त राष्ट्र से संबंधित लोग शामिल हैं. 65 के करीब पत्रकार मारे जा चुके हैं. बच्चों के मारे जाने की इस विभत्स घटना की चारों तरफ आलोचना की जा रही है.
सोशल मीडिया या फिर वेस्टर्न मीडिया बीबीसी-सीएनएन की तरफ से जो भी वहां को लेकर खबरें आ रही है, उसने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को झकझोर कर रख दिया है. सीजफायर के लिए लंबे-लंबे जुलूस निकाल जा रहे हैं, चाहे वो वाशिंगटन डीसी में हों या फिर न्यूयॉर्क में, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया या फिर जर्मनी में. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन में युद्ध रोकने की बात कर रहे हैं.
विशेष तौर पर चीन, रुस, ईरान इन सभी ने सीजफायर की मांग की. तुर्की इसको लेकर काफी प्रखर हुए. इस जघन्य इजराली कार्रवाई के बाद 9-10 देशों ने उससे अपने कूटनीतिक संबंधों को खत्म कर लिया. आखिरकार चार दिनों के लिए ह्यूमेनिटेरियन सीजफायर चार दिनों के लिए लागू हुआ है. इस जंग को पचास दिन से ज्यादा का वक्त हो चुका है.
चार दिनों का युद्धविराम
चार दिनों का युद्धविराम हो चुका है. इजरायल का ये कहना है कि चार दिनों के बाद हम फिर से लड़ाई छेड़ेंगे. जब सीजफायर हुआ, उसके बाद ऐसे विजुअल्स आए हैं, जिसमें साउथ गाजा से हजारों लोग, जिनके घर भले ही मलबे में तबदील हो चुके हों, लेकिन उन्होंने अपने मकान का रुख किया. वे मलबे पर बैठे हुए हैं. अपने शहरों की तरफ जा रहे हैं, अपनी कॉलोनी की तरफ जा रहे हैं.
लोगों को लगातार रोका भी जा रहा है कि वे उधर न जाएं, लेकिन फिलिस्तीन इन चेतावनियों को दरकिना कर लगातार अपने घरों की ओर जा रहे हैं. उन्हें ये उम्मीद है कि स्थायी सीज फायर में ये बदल सकता है.
सवाल उठता है कि क्या आखिर ये जंग चलती रहेगा, जैसे यूक्रेन और रुस के बीच चल रही है? रुस-यूक्रेन वॉर को करीब दो साल का वक्त बीच चुका है. रुस-यूक्रेन वॉर के दौरान इतने बच्चे एक साल में भी नहीं मरे जितने इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जंग में पिछले 50 दिनों के अंदर मर गए. ये इजरायली सोर्स से खबर है कि अगर वे एक हमास के मिलिटेंट को मारते हैं तो उसमें कहीं 100 नागरिक मारे जा रहे हैं.
इजरायली आर्मी ऐसा मानती है कि डेड इजरायली इज बेटर देन इन इजरायली हेंड, यानि एक मरा हुआ इजरायली कहीं, बेहतर है कहीं इसके कि वे दुश्मन के हाथ लग जाए. उसकी एक वजह ये भी समझ में आती है कि इजरायली फौजी जिसे हमास ने पांच साल तक पकड़कर रखा था, उसके बदले में उसे एक हजार फिलिस्तीनी छोड़ने पड़े थे.
इसलिए, इजरायली ये नहीं चाहता है कि कोई होस्टेज इजरायली दुश्मन के कब्जे में रहे और उसके नाम पर बार्गेन किया जाए. इसी वॉर में इजरायली कमांडो, अमेरिकी कमांडों, मरीन सारे ये पता लगाते रहे कि कहां पर बंधक रखे गए, लेकिन टन में जिस तरह से बंधकों को छिपाकर रखा गया, उसे इजरायल के लिए पता करना मुश्किल हो गया था. ऐसे में कतर और इजिप्ट की कोशिश से चार दिनों का युद्धविराम हो पाया.
चार दिनों का संघर्ष विराम बढ़ सकता है, लेकिन उसके लिए एक क्लॉज है कि हर दिन हमास 10 कैदियों को छोड़े. लेकिन, हमास ने जो 100 या 150 इजरायली सैनिकों को पकड़ रखा है, उसे ऐसा नहीं छोड़ेगा जब तक कि परमानेंट सीजफायर का ऐलान नहीं हो जाता है. क्योंकि वही उसके पास ट्रंप कार्ड है. क्योंकि हमास तो गाजा में घिर चुरे हैं.
इजरायल या फिर अमेरिका का कहना है कि गाजा से हमास को खत्म कर दिया जाए, ऐसे में हमास भी मानता है कि वे जीवन और मृत्यु की जंग लड़ रहा है.